जैव विज्ञान तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग, रुड़की

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1981 में स्थापित जैव विज्ञान तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार के जैव विज्ञान तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संपोषित) दो वर्ष की अवधि का एम.एस.सी बायोटेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम तथा पी.एच.डी. पाठ्यक्रम चलाता है। एम.एस.सी पाठ्यक्रम में निम्नलिखित सम्मिलित हैं :-

1.बायो कैमिस्ट्री, बायोफिज़िक्स, जेनेटिक्स माक्रोबायोलॉजी, स्ट्रक्चरल बायोलॉजी इम्युनोलॉजी एनजाइमोलॉजी, प्रिंसिपल्स ऑफ केमीकल इंजीनियरिंग व सैल -टिश्यु कल्चर टेक्नोलॉजी, 2.विशेषिकृत क्षेत्रों में अनेकों इलैक्टिव पाठ्यक्रम, 3.किसी उभरते हुए क्षेत्रों को बृहत रूप से करने के साथ किसी प्रमुख संस्थान उद्योग में ग्रीष्म कालीन प्रशिक्षण।

मोलिक्युलर बायोफिजिक्स, जेनेटिक्स, माक्रोबायोलॉजी, एनीमल एण्ड प्लांट फिजियोलॉजी तथा बायोकैमिस्ट्री के खास क्षेत्रों में अनुसंधान किया जाता है। प्रोटीन - डीएनए इंटरएक्शन, 3 डी मोलिक्युलर मॉडलिंग, जेनेटिक्स इंजीनियरिंग ऑफ नाइट्रोजन फिक्सेशन, मैकैनिस्म ऑफ मेल फर्टिलिटी कंट्रोल, माक्रोबाइल बायोसिंथेसिस ऑफ ऑरगेनिक एसिड्स व स्टीरॉड्स, सेलूलोज़ डिग्रेडशन, प्लाज्मा मेंबरेंस आधारित एंजाइम्स, सैल सरफेस एंटीजंस की अनेकों संपोषित परियोजनाए ली गई हैं। टाटा इंस्टीट्युट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च बॉम्बे, सी.एम.आई.आर. सेंटर फॉर बायोकैमीकल टेक्नोलॉजी दिल्ली, सेंट्रल ड्रगरिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ, नेशनल एनवॉयरमेंटल सेंटर, इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एण्ड बायोटेक्नोलॉजी जैसे संस्थानो के साथ संयुक्त अनुसंधान प्रारंभ किया गया है / चल रहा है।