जुताई रहित कृषि

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गेहूँ के डंठलों से पोषण लेते हुए सोयाबीन के नये पौधे। इससे इन्हें संरक्षण भी मिलता है। बिना जुताई के खेती करने से भूमि का क्षरण नहीं होता तथा नई फसल के लिये नमी बची रहती है।
बिना जुताई के बोआई करने वाली मशीन

जुताई रहित कृषि या बिना जुताई के खेती (No-till farming) खेती करने का वह तरीका है जिसमें भूमि को बिना जोते ही बार-बार कई वर्षों तक फसलें उगायी जातीं हैं। यह कृषि की नयी विधि है जिसके कई लाभ हैं।

लाभ

  • जुताई न करने से समय और धन की बचत होती है।
  • जुताई न करने के कारण भूमि का अपरदन बहुत कम होता है।
  • इससे भूमि में नमी बनी रहती है।
  • भूमि के अन्दर और बाहर जैव-विविधता को क्षति नहीं होती है।

हानियाँ

  • अधिक खर-पतवार होते हैं, जिनकी रोकथाम के लिये अतिरिक्त उपाय करने पड़ सकते हैं।

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