जर्मैनी भाषा परिवार

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
जर्मैनी भाषाओँ का फैलाव - गाढ़े नीले रंग के देशों में कोई जर्मैनी भाषा बहुसंख्यक या प्रथम भाषा है, हलके नीले देशों में कोई जर्मैनी भाषा सरकारी स्तर पर मान्य है

जर्मैनी भाषा परिवार हिन्द-यूरोपी भाषा परिवार की एक शाखा है। इस परिवार की सारी भाषाओँ की सांझी पूर्वजा "आदिम जर्मैनी" नाम की एक कल्पित भाषा है। इतिहासकार अनुमान लगते हैं की आदिम जर्मैनी भाषा लौह युग में लगभग 800 ईसापूर्व के काल में उत्तर यूरोप में बोली जाती थी। अंग्रेज़ी इसी भाषा परिवार की सदस्या है और इसकी अन्य जानी-मानी भाषाएँ जर्मन, डच और स्कैंडिनेविया क्षेत्र की भाषाएँ हैं (जिनमें नोर्वीजियाई, स्वीडी, डेनी और आइसलैंडी शामिल हैं)। कुल मिलकर विश्व में लगभग 56 करोड़ लोग किसी जर्मैनी भाषा को अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। दुनिया में अंग्रेज़ी के फैलाव के कारण लगभग 2 अरब लोग किसी जर्मैनी भाषा को बोल सकते हैं (चाहे वह मातृभाषा न होकर उनकी दूसरी या तीसरी भाषा ही हो)।[१]

श्रेणीकरण

जर्मैनी भाषाओँ के श्रेणीकरण को लेकर भाषावैज्ञानिकों में आपसी मतभेद है। फिर भी इन्हें अक्सर तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है -

  • पश्चिमी जर्मैनी भाषाएँ: इनमें अंग्रेज़ी, जर्मन और डच शामिल हैं
  • उत्तरी जर्मैनी भाषाएँ: इनमें स्कैंडिनेविया क्षेत्र की भाषाएँ शामिल हैं
  • पूर्वी जर्मैनी भाषाएँ: इनमें गोथिक जैसी भाषाएँ शामिल थीं, लेकिन इस श्रेणी की भाषाएँ पूरी तरह लुप्त हो चुकी हैं

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

साँचा:reflist

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।