जर्मनी का इतिहास (१९४५-९०)

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
Flag map of Germany (separation).svg
१९४५ में जर्मनी के विभिन्न भाग और उन पर अधिकार वाले देश

द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी जर्मनी की पराजय के फलस्वरूप जर्मनी को दो भागों में बांट दिया गया और इन्हें 'पूर्वी जर्मनी]' तथा 'पश्चिमी जर्मनी' कहा गया। इसी को 'जर्मनी का विभाजन' कहा जाता है। युद्ध में जर्मनी ने जिन-जिन क्षेत्रों पर अधिकार किया था उन्हें उससे वापस ले लिया गया। इसके अलावा जर्मनी के पूर्वी भाग में कुछ भाग पोलैण्ड को तथा कुछ सोवियत संघ को दे दिया गया। युद्ध की समाप्ति पर जर्मनी में लगभग ८० लाख दूसरे देशों के विस्थापित लोग मौजूद थे[१] जो मुख्यतः बंधुआ मजदूर और बन्दी लोग थे जिनमें से लगभग ४ लाख कान्सेन्ट्रेशन कैम्पों में सताये गये लोग थे[२] जो किसी प्रकार बच गये थे। मध्य यूरोप और पूर्वी यूरोप के क्षेत्रों के जर्मन-भाषी शरणार्थी भी थे जिनकी संख्या १ करोड़ से अधिक थी। [३] ९० लाख से अधिक जर्मन युद्धबन्दी थे ,[४] जिनमें से बहुतों को बंधुआ मजदूर के रूप में कई वर्ष तक रखा गया ताकि उन देशों को कुछ मिल जाय जिन्हें जर्मनी ने युद्ध में उजाड़ दिया था।

सन्दर्भ