जयविलास महल, ग्वालियर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
जयविलास महल | |
---|---|
जयविलास महल, ग्वालियर | |
लुआ त्रुटि Module:Location_map में पंक्ति 408 पर: Malformed coordinates value। | |
सामान्य विवरण | |
वास्तुकला शैली | इतालवी, कोरिंथियान और टस्कन शैलियाँ |
शहर | साँचा:ifempty |
राष्ट्र | भारत |
निर्देशांक | स्क्रिप्ट त्रुटि: "geobox coor" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। |
निर्माण सम्पन्न | 1874 |
शुरुआत | साँचा:ifempty |
ध्वस्त किया गया | साँचा:ifempty |
लागत | ₹1 करोड़ (1874 में); अब लगभग ₹4000 करोड़ |
ग्राहक | जयाजीराव सिंधिया |
स्वामित्व | ज्योतिरादित्य सिंधिया |
प्राविधिक विवरण | |
आकार | 1,240,771 वर्ग फ़ीट |
योजना एवं निर्माण | |
वास्तुकार | सर माइकल फ़िलोज़ |
वेबसाइट | |
Jai Vilas Palace |
जयविलास महल, ग्वालियर में सिन्धिया राजपरिवार का वर्तमान निवास स्थल ही नहीं एक भव्य संग्रहालय भी है। इस महल के 35 कमरों को संग्रहालय बना दिया गया है। इस महल का ज्यादातर हिस्सा इटेलियन स्थापत्य से प्रभावित है। इस महल का प्रसिध्द दरबार हॉल इस महल के भव्य अतीत का गवाह है, यहां लगा हुए दो फानूसों का भार दो-दो टन का है, कहते हैं इन्हें तब टांगा गया जब दस हाथियों को छत पर चढा कर छत की मजबूती मापी गई। इस संग्रहालय की एक और प्रसिध्द चीज है, चांदी की रेल जिसकी पटरियां डाइनिंग टेबल पर लगी हैं और विशिष्ट दावतों में यह रेल पेय परोसती चलती है। इटली, फ्रांस, चीन तथा अन्य कई देशों की दुर्लभ कलाकृतियां यहाँ मौजूद हैं।