छप्पन भोग

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हिन्दू लोग भगवान को छप्पनभोग का प्रसाद चढ़ाते हैं। इनमे निम्नलिखित भोग आते हैं:

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  1. रसगुल्ला
  2. चन्द्रकला
  3. रबड़ी
  4. शूली
  5. दधी
  6. भात
  7. दाल
  8. चटनी
  9. कढ़ी
  10. साग-कढ़ी
  11. मठरी
  12. बड़ा
  13. कोणिका
  14. पूरी
  15. खजरा
  16. अवलेह
  17. वाटी
  18. सिखरिणी
  19. मुरब्बा
  20. मधुर
  21. कषाय
  22. तिक्त
  23. कटु पदार्थ
  24. अम्ल {खट्टा पदार्थ}
  25. शक्करपारा
  26. घेवर
  27. चिला
  28. मालपुआ
  29. जलेबी
  30. मेसूब
  31. पापड़
  32. सीरा
  33. मोहनथाल
  34. लौंगपूरी
  35. खुरमा
  36. गेहूं दलिया
  37. पारिखा
  38. सौंफ़लघा
  39. लड़्ड़ू
  40. दुधीरुप
  41. खीर
  42. घी
  43. मक्खन
  44. मलाई
  45. शाक
  46. शहद
  47. मोहनभोग
  48. अचार
  49. सूबत
  50. मंड़का
  51. फल
  52. लस्सी
  53. मठ्ठा
  54. पान
  55. सुपारी
  56. इलायची।[१]

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इन छ: रसों के मेल से रसोइया कितने वयंजन बना सकता है?

<math> ^6C_{1} +^6C_{2} + ^6C_{3} + ^6C_{4} + ^6C_{5} + ^6C_{6} = 63 </math>

अब एक एक रस से यानि <math> ^6C_{1} </math> से कोई व्यंजन नहीं बनता है। ऐसे ही छ: के छ: रस यानी <math> ^6C_{6} </math> मिला कर भी कोई व्यंजन नहीं बनता है।
<math> ^6C_{1} </math> = 6 और <math> ^6C_{6} </math> = 1
63 - (6+1) = 63 -7 = 56

इसीलिए 56 भोग का मतलब है सारी तरह का खाना जो हम भगवान को अर्पित करते है।

सन्दर्भ