चोर और चाँद
चोर और चाँद | |
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चित्र:चोर और चाँद.jpg चोर और चाँद का पोस्टर | |
निर्देशक | पवन कौल |
निर्माता | आदित्य पंचोली |
अभिनेता |
आदित्य पंचोली, पूजा भट्ट |
संगीतकार | निखिल-विनय |
छायाकार | प्रमोद प्रधान |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | 11 अगस्त, 1993 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
चोर और चाँद 1993 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसमें आदित्य पंचोली और पूजा भट्ट मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म अपने समय में व्यावसायिक विफलता थी लेकिन इसे इसके गीतों के लिये जाना जाता है।
संक्षेप
रीमा (पूजा भट्ट) अपने विधुर व्यापारी पिता दिनकर (आलोक नाथ) और अपनी दादी के साथ एक अमीर जीवनशैली जीती है। उसके पिता चाहते हैं कि वह विकी से शादी करे लेकिन वह उसे नापसंद करती है। शादी के दिन रीमा भागने की योजना बना रही है। इस समय वह अपने घर में एक अजनबी को देखती है। सोचती है कि वह उसके पिता का कर्मचारी है। वह उससे भागने की कोशिश करती है लेकिन वह उसे पकड़ लेता है। वह उसे बताता है कि उसका नाम सूरज उर्फ सूर्या है। वह पूर्व अपराधी है जिसे अभी जेल से रिहा कर दिया गया है। चूँकि उसके पास पैसा नहीं थे, वह कुछ भी खाने में असमर्थ था और इसलिए पैसे और गहने चुरा लेने के लिए उसके घर में घुस गया था। भागते समय वे हीरो (रघुवीर यादव) से भी मिलते है जिसने बैंक को लूटने का प्रयास किया था ताकि वह बॉम्बे जा सके और फिल्म स्टार बन सकें। बैंक को लूटने का उसका प्रयास असफल रहा और वह अब पुलिस से भाग रहा है। जब दिनकर को बताया जाता है कि रीमा भाग गई है तो वह लाला नाम के एक स्थानीय गैंगस्टर से संपर्क करता है और उसे ढूंढने के लिए कहता है। लाला ने अपने गुंडे रंगा को रीमा को खोजने के लिए भेजा। रंगा को पता चला कि रीमा, हीरो और सूरज कहाँ छुपे हैं। उसी समय, इंस्पेक्टर नायक (अवतार गिल) को भी उनके ठिकाने का पता चला। लेकिन नायक के पास उनका पता लगाने का एक अलग कारण है - उसको सूरज से बदला लेना है और खुद के लिए रीमा चाहता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि रीमा, सूरज और हीरो को परेशानी के अलावा कुछ नहीं है। एक तरफ गैंगस्टर और उसके आदमी और दूसरी ओर इंस्पेक्टर नायक जिससे उनका बच निकलना नामुमकिन लगता है।
मुख्य कलाकार
- आदित्य पंचोली ... सूरज "सूर्या"
- पूजा भट्ट ... रीमा
- अरुणा ईरानी ... सूरज की माँ
- आलोक नाथ ... दिनकर सेठ
- रघुवीर यादव ... हीरो
- अवतार गिल ... इंस्पेक्टर नायक
- इशरत अली ... लाला
- किरन कुमार ... इंस्पेक्टर विवेक
- दीना पाठक ... दिनकर की माँ
- शिवा रिन्दानी ... रंगा
संगीत
फिल्म तो असफल रही थी लेकिन इसके गीतों को सदाबहार माना जाता है। यहाँ तक की फर्स्टपोस्ट ने तो इसे केवल इसके गानों के लिये ही देखी जा सकने वाली फिल्म कहा है।[१]
सभी निखिल-विनय द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "बात क्या है कैसे कह दे तुम से राज़ की" | योगेश | एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, अनुराधा पौडवाल | 5:51 |
2. | "शरमा के बादलों में चंदा क्यों छुप रहा" | योगेश | एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, अनुराधा पौडवाल | 5:40 |
3. | "मोहब्बत में दुनिया से हम ना डरेंगे" | योगेश | एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, अनुराधा पौडवाल | 5:01 |
4. | "जानम जानम तुम को सनम चाहा तेरी कसम" | योगेश | उदित नारायण, अनुराधा पौडवाल | 7:35 |
5. | "लगने लगा है मुझे आजकल" | योगेश | एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, अनुराधा पौडवाल | 5:24 |
6. | "सपनो में आना दिल में समाना" | योगेश | एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, अनुराधा पौडवाल | 6:35 |
7. | "तेरे बिन कहीं जियरा लागे ना" | योगेश | कुमार सानु, अनुराधा पौडवाल | 7:54 |
8. | "सौ बार हमने तुम से कहा" | योगेश | अनुराधा पौडवाल, एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम | 6:03 |
9. | "तेरे बिना मैं ना रहूँ" | रवीन्द्र रावल | कुमार कंचा, अनुराधा पौडवाल | 4:53 |
10. | "साँसों का क्या है पता" | योगेश | अनुराधा पौडवाल, एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम | 5:42 |