चित्तरंजन पार्क, नई दिल्ली

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
साँचा:if empty
Chittaranjan Park
नई दिल्ली का मुहल्ला
चित्तरंजन पार्क में सन् २००८ का दुर्गापूजा
चित्तरंजन पार्क में सन् २००८ का दुर्गापूजा
साँचा:location map
निर्देशांक: साँचा:coord
देशसाँचा:flag/core
प्रान्तदिल्ली
ज़िलादक्षिण दिल्ली ज़िला
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी, अंग्रेज़ी
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)
पिनकोड110019

साँचा:template other

चित्तरंजन पार्क (Chittaranjan Park) भारत के दिल्ली नगर के दक्षिणी भाग में एक मुहल्ला है। प्रशासनिक रूप से यह दक्षिण दिल्ली ज़िले में स्थित है।[१][२]

विवरण

चित्तरंजन पार्क काली मंदिर में माँ काली मूर्ति

स्वाधीनता के दौरान पुर्ब बंगाल पाकिस्तान का हिस्सा बनने के कारण उधर से बहुत हिन्दू भारत को चले आए थे। उनमे से एक बड़े हिसते दिल्ली सहर मे बसे। उनके लिए १९६० सदी में दक्षिण दिल्ली के खाली इलाका में एक बस्ती स्थापन किए गए। उसे पहले UPDP नाम से कहा जाता था। १९८० सदी में उसे प्रसिद्ध बंगाली स्वाधीनता संग्रामी और समाज सेबी चित्तरंजन दास के नाम के अनुसार " चित्तरंजन पार्क " नामित किया गया। यहाँ बहुत सारे बंगाली संप्रदाय के लोग रहते है और यहाँ कालिकता सहर जैसे दुकाने , मछली का बाजार , मंदीरें , सांस्कृतिक केंद्र है।

इतिहास

देश बिभाजन के वक़्त पूर्बी बंगाल से बहुत हिंदुओं भारत आ कर बिभिन्न इलाकाओं बसे। इनमे से एक बड़ा हिस्ता दिल्ली आए थे। उसी इलाका का बहुत न्बंगली संप्रदाय का लोग भारत सरकार मे काम कर रहे थे। वो सब दिल्ली की इलाकाओं में रहे थे। उनके लिए एक बस्ती स्थापन के लिए कुछ प्रभाबी बंगाली ब्यक्ति चन्द्र कुमार मुखर्जी , आशुतोष दत्ता , उसी समय का मुखी निर्बाचन आयोग श्यामप्रसन्न सेनबर्मा[३]के नेतृत्व मे भारत सरकार के पास आबेदन किए। सरकार सन १९६० में दक्षिण दिल्ली के पास एक सरकारी इलाका इसके लिए प्रदान किए। इसी इलाका के नजदीक कालकाजी , ग्रेटर कैलाश ,अलकानन्दा और गोबिंदपुरी बस्ती बने है।

बस्ती

चित्तरंजन पार्क इलाका में बंगाली शरनार्थीओ को प्लाट मिला था। बाद मे अन्नी बर्ग का लोगभी यहाँ मकान बनाकर बसे है। एहान ज़्यादातर रिटाइर ओफसरो , सरकारी कर्मचारीओं रहते है।[४]

बंगाली संप्रदायों का केंद्र

दिल्ली सहर में १७०० सताब्दी से बहुत बंगाली परिबार आ कर बसे थे। ब्रिटिश सरकार के समय मे भी बहुत बंगाली कर्मचारी दिल्ली मे थे। दिल्ली सहर का तीस हजारी इलाका मे एक काली मंदिर भी बने थे। दुर्गापूजा और कालीपुजा उसी लोगों ने दिल्ली को लाये थे। सन१९४७ के बाद बहुत बंगाली दिल्ली आए और दिल्ली के तिमिरपुर , करोलबाग इलाका मे रहते थे। चित्तरंजन पार्क बनने के बाद यह बंगाली संप्रदायों का केंद्र बना। यहाँ बंगाली नाटक , संगीत का आयोजन किया जाता है। यहाँ का बाजार मे बंगाली मछली , बंगला का मिठाई उपलब्ध होता है।

यातायात

यहीं से इन्दिरा गांधी अंतर्रास्त्रीय हवाई अड्डे १७ किलोमीटर , नई दिल्ली रेल स्टेसन १६ किलोमीटर , निज़ामुद्दीन रेल स्टेसन ९ किलोमीटर और नई दिल्ली मेट्रो का नहरु प्लेस स्टेसन १ किलोमीटर की दूरी पर है।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Lonely Planet, 2019, ISBN 9781788687416
  2. "Delhi a Role Model of Urban India Part 2," Dr. K P Agrawal, Educreation Publishing, 2019
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. Hiroshi Ishii; Katsuo Nawa (2007).