चिट्ठा

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चिट्ठा या ब्लॉग (साँचा:lang-en) एक प्रकार के व्यक्तिगत जालपृष्ठ (वेबसाइट) होते हैं, जिन्हें दैनन्दिनी (डायरी) की तरह लिखा जाता है। हर चिट्ठे में कुछ लेख, फोटो और बाहरी कड़ियाँ होती हैं। इनके विषय सामान्य भी हो सकते हैं और विशेष भी। चिट्ठा लिखने वाले को चिट्ठाकार (ब्लॉगर) तथा इस कार्य को चिट्ठाकारी अथवा चिट्ठाकारिता (ब्लॉगिंग) कहा जाता है। कई चिट्ठे किसी खास विषय से संबंधित होते हैं, व उस विषय से जुड़े समाचार, जानकारी या विचार आदि उपलब्ध कराते हैं। एक चिट्ठे में उस विषय से जुड़े पाठ, चित्र/मीडिया व अन्य चिट्ठों के लिंक्स मिल सकते हैं। चिट्ठों में पाठकों को अपनी टीका-टिप्पणियां देने की क्षमता उन्हें एक संवादात्मक (इंटरैक्टिव) प्रारूप प्रदन प्रदान करती है।[१] अधिकतर चिट्ठे मुख्य तौर पर पाठ रूप में होते हैं, हालांकि कुछ कलाओं (आर्ट ब्लॉग्स), छायाचित्रों (फोटोग्राफ़ी ब्लॉग्स), वीडियो, संगीत (एमपी३ ब्लॉग्स) एवं ऑडियो (पॉडकास्टिंग) पर केन्द्रित भी होते हैं।

इतिहास

सर्वप्रथम 17 दिसम्बर 1997 को जोर्न बर्गर द्वारा "वेबलॉग" (weblog) शब्द का इस्तेमाल किया गया था।[२] इसके लघु रूप "ब्लॉग" (blog) का इस्तेमाल पीटर मरहोल्ज़ ने किया था। उन्होंने इस शब्द को मज़ाक में अपने ब्लॉग "पीटर मी डॉट कॉम" के साइडबार पर अप्रैल या मई 1999 में इस्तेमाल किया था।[३][४][५] इसके थोड़े समय बाद ही इवान विलियम्स ने पैरा लैब्स में "ब्लॉग" शब्द का संज्ञा और क्रिया (to blog, अर्थात पोस्ट लिखना या पोस्ट करना) हेतु किया। इसी के साथ "ब्लॉगर" उत्पाद की शुरुआत हुई और इसी के साथ इसे प्रसिद्धि प्राप्त होनी शुरू हुई।[६]

ब्लॉग निर्माण

चिट्ठा बनाने के कई तरीके होते हैं, जिनमें सबसे सरल तरीका है, किसी अंतर्जाल पर किसी चिट्ठा वेसाइट जैसे ब्लॉग्स्पॉट या लाइवजर्नल या वर्डप्रेस आदि जैसे स्थलों में से किसी एक पर खाता खोल कर लिखना शुरू करना। एक अन्य प्रकार की चिट्ठेकारी सूक्ष्म चिट्ठाकारी कहलाती है। इसमें अति लघु आकार के पोस्ट्स होते हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ