चक उपजाति

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चक भारत में पाई जाने वाली हिन्दू खटीक जाति की ही एक उपजाति है।[१] जिनको बुंदेलखंड में चिकवा और कानपुर, आगरा, बरेली मंडल में चिक पुकारा जाता था।[२] बाद में आईपीएस अधिकारी एस एन चक द्वारा चक उपनाम अपनाने के बाद समस्त चिक, चिकवा समुदाय के लोगों ने चक उपनाम अपना लिया।

पुस्तैनी कार्य

चक जाति का पुश्तैनी कार्य मुस्लिम चिक, चिकवा की भांति काटने के लिए बकरा पालना, बेचना, बकरा काट कर मांस, खाल, बेचना रहा है, जिससे सिद्ध होता है कि ये खटीक जाति की ही उपजाति है क्योंकि खटीक जाति का मुख्य व्यवसाय बकरे का मांस काटने व बेचने से ही सम्बंधित रहा है।

चक जाति का इतिहास

  1. 1950 के आस पास इस समाज के तत्कालीन महान समाजसेवी स्वर्गीय भैरव प्रसाद उर्फ महाशय जी ने उपनाम में चिकवा, चिक के बजाय चक लिखने की शुरुआत की।[३]
  2. कानपुर के झींझक कस्बे के निवासी और मैनपुरी में कचहरी में एक वकील के मुंशी श्री ओमप्रकाश, जो कि चक उपजाति (खटीक) के ही थे, ने 8 नवम्बर 1994 को अपनी ओर से व्यक्तिगत हैसियत में आयोग को एक पन्ने का प्रार्थनापत्र दे कर अनुरोध किया कि हम चिकवा, चिक, चक कहलाते हैं और बकरा काटने का काम करते हैं। हमारी तरह जो मुस्लिम बकरे का कार्य करते हैं वे चिकवा, कसाब हैं और पिछड़ी जातियों की सूची में हैं इसलिए उन्हें पिछड़ी जाति के लिए सब लाभ मिलते है लेकिन चूंकि हम पिछड़ी जातियों की सूची में नहीं हैं इसलिए हमें कोई लाभ नही मिल रहा है। श्री ओमप्रकाश ने यह प्रार्थना की कि यूपी की पिछड़ी जातियों की सूची में चक को भी सम्मिलित कर लिया जाए। परन्तु उन्होंने यह नहीं बताया कि हम चक अनुसूचित जाति का लाभ वर्षों से प्राप्त कर रहे हैं।[४]
  3. यूपी की तत्कालीन मायावती सरकार ने 1995 में शासनादेश जारी कर चक को प्रदेश की पिछड़ी जातियों की सूची में सम्मिलित कर लिया।
  4. उत्तर प्रदेश सरकार ने 14 जिलों में वृहत स्तर पर फील्ड सर्वे कराया जिससे यह स्पष्ट हो गया कि चक, चिक और चिकवा एक दूसरे के पर्यायवाची हैं तथा ये सभी खटीक जाति की उपजाति हैं तथा अनुसूचित जाति की सूची में आती हैं।

खटीक समाज के लोगों ने अनेक बार अधिकारियों को निवेदन दिया है कि इसे पिछड़ी जाति की सूची से बाहर निकाला जाए लेकिन आयोग इसको पिछड़ी सूची से बाहर निकालने के लिए तो तैयार हो गया है लेकिन पुनः अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए सहमति नहीं बन पा रही है।[५]

महत्वपूर्ण व्यक्ति

श्री एस एन चक, (उप्र पुलिस महानिदेशक, से.नि.)[६][७]

संदर्भ

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  2. http://www.bcmbcmw.tn.gov.in/obc/faq/uttarpradesh.pdf
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