ग्रैंड होटल कोलकाता
ओबेरॉय ग्रैंड | |
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ওবেরয় গ্র্যান্ড | |
द ओबेरॉय ग्रैंड होटल | |
पूर्व नाम | ग्रैंड होटल |
सामान्य विवरण | |
स्थान | सेंट्रल कोलकाता, जवाहर लाल नेहरू रोड |
पता | 15, जवाहर लाल नेहरू रोड |
शहर | साँचा:ifempty |
राष्ट्र | भारत |
निर्देशांक | स्क्रिप्ट त्रुटि: "geobox coor" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। |
निर्माणकार्य शुरू | सन 19 सदी |
शुरुआत | साँचा:ifempty |
ध्वस्त किया गया | साँचा:ifempty |
स्वामित्व | ओबेरॉय होटल और रिसोर्ट |
ग्रैंड होटल या ग्रांड होटल, जिसे अब ओबेरॉय ग्रैंड के नाम से जाना जाता है, जवाहरलाल नेहरु रोड (जिसे पहले चौरंगी रोड कहा जाता था) पर कोलकाता की के हृदय में स्थित है। यह अंग्रेजी काल की एक सर्वसज्जित और विशालकाय इमारत है जोकि कोलकाता में बहुत प्रसिद्ध भी है। इस होटल को ओबेरॉय चैन ऑफ़ होटल्स ने खरीद रखा है।
इतिहास
वह स्थान जहाँ अब ग्रैंड होटल स्थित है, उन्नीसवीं सदी के शुरूआती दौर में कर्नल ग्रैंड के निवास स्थान के रूप में नम्बर 13,चौरंगी रोड पर इसका निर्माण कराया गया था। श्रीमती ऐनी मोंक द्वारा इस निवास स्थान को एक बोर्डिंग हाउस के तौर पर बदल दिया गया और बाद में उन्होने अपने व्यापार को नंबर 14,15 और 17 में विस्तारित कर लिया। 16 चौरंगी रोड पर एक थिएटर था जिसके मालिक इसफाहन के रहने वाले अमेरिकी नागरिक अराथून स्टीफन थे और वे ही इसे संचालित करते थे। जन 1911 में यह थिएटर आग में जल गया था, उसे स्टीफन ने श्रीमती मोंक से खरीद लिया और बाद में इसे वर्तमान समय में देखे जाने वाले के होटल का रूप दे दिया गया। इस होटल को नवपुरातत्व स्टाइल में बनाया गया है।[१] इसी कारण यह बहुत ही जल्द कोलकाता में रह रहे अंग्रेजों के लिए एक चहेता पर्यटन स्थल बन गया। इसे मुख्यतः प्रत्येक वर्ष होने वाली नव वर्ष के आयोजन जिसमें बॉलरूम में ट्वेल्व पिग्लेट्स की रिलीज़, ठंडी शम्पैन और मूल्यवान उपहारों लिए के लिए जाना जाता था। जिसे भी पिग्लेट मिलता था, वह उसका स्वामी बन जाता था।[१]
सन 1930 में, स्टीफन की मृत्यु के बाद, कोलकाता में टाइफाइड की महामारी के चलते होटल में 6 लोगों की मृत्यु हो गयी। होटल के ड्रेनेज संयंत्र पर लोगों का शक पहुंचा और इस होटल को 1937 में बंद कर दिया गया। इस सम्पत्ति को मोहन सिंह ओबेरॉय ने पट्टे पर ले लिया था जिन्होंने इस होटल को दुबारा सन 1937 में खोल दिया और वे 1943 तक इस सम्पत्ति को पूरी तरह से खरीद चुके थे।[१]
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस होटल को बहुत प्रसिद्धि मिली क्योंकि यहाँ पर 4000 सैनिकों ने डेरा डाला था और वे यहाँ नियमित रूप से पार्टी करते थे। उस समय की याद करते हुए पर्यटक अमेरिकी नौसेना के बॉल जैसी ही इस होटल में घटने वाली अनेक घटनाओं का ब्यौरा देते हैं।
विशेषताएं
पूरे ब्लॉक को घेरती हुई विशाल श्वेत ईमारत जिसके ऊपरी ताल के कोलोनेड बरामदे और बालकनी चारों और से दिखाई देते हैं।[२] ब्लॉक के चारों ओर लम्बाई में बाहर निकलता हुआ बरामदा विशिष्ट खुदाई वाले जोड़ीदार स्तंभों पर टिका हुआ है। प्लास्टर पर सुसज्जित मुखौटों की आकृति प्रतिबिंबित है। यहाँ के बरामदे भी बहुत आकर्षित प्रतीत होते हैं।[३]
पुरस्कार
- भारत के सर्वश्रेष्ठ होटल ...... जागत सर्वे, सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय होटल, रिसोर्ट और स्पा 2005
- एशिया के सर्वश्रेष्ठ व्यापारिक होटल: नामांकित ...... इंटरनेशनल बिज़नस एशिया और सीएनबीसी
- पूर्वी भारत में पांच सितारा डीलक्स श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ होटल ........ पर्यटन विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार