ग्रीन हैंड्स परियोजना

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ग्रीन हैंड्स परियोजना (साँचा:lang-en) तमिलनाडु, भारत में एक पर्यावरण संबंधी प्रस्ताव है, जो ईशा फाउंडेशन द्वारा स्थापित किया गया है। पूरे तमिलनाडु में लगबग ११ करोड़ पेड़ रोपित करना, परियोजना का घोषित लक्ष्य है। अब तक ग्रीन हैंड्स परियोजना के अंतर्गत तमिलनाडु और पुदुच्चेरी में १८०० से अधिक समुदायों में, २० लाख से अधिक लोगों द्वारा ८२ लाख पौधे के रोपण का आयोजन किया है।[१]

इतिहास

पौधो की नार्सेरी

ग्रीन हैंड्स परियोजना विश्व पर्यावरण हफ्ते के दौरान जून २००४ में सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा आरंभ किया गया था। पी जी एच की पहली बड़ी पेड़ रोपण मैराथन १७ अक्टूबर २००६ को हुई। मैराथन की प्रराम्ब डॉ॰ एम. करुणानिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री द्वारा की गयी थी। उन्होंने पहला पौधा अपने गोपालपुरम निवास मैं रोपित किये।[२] इस मैराथन में ८५२,५८७ पौधे, ६२८४ स्थानों में २७ जिलों में रोपित किये गये सिर्फ तीन दिनों में। इस उपलब्धि के लिए, पी जी एच गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकार्ड में भरती हुई, तीन दिनों में सबसे अधिक पेड़ लगाने के लिये।[३][४]

इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार

२०१० में ग्रीन हैंड्स परियोजना को २००८ के लिए संगठन की श्रेणी में भारत सरकार द्वारा इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार विश्व पर्यावरण दिवस, ५ जून २०१०, को भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने सद्गुरु जग्गी वासुदेव को पेश किया।[५]

सन्दर्भ

देखे

बाहरी