गोवा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी

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1997 में जैसे-जैसे एचआइवी / एड्स के रूप में गोवा में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनकर उभरने का इमकान हुआ, गोवा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी बनाई गयी थी जो राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के दिशा-निर्देशों के तहत गोवा में कर रही है।[१]

गोवा में एड्स के प्रति जागरुकता के लिए पहल

गोवा में एड्स के खतरों के प्रति जागरुक करने के लिए टूरिस्ट गाइडों और टैक्सी चालकों को प्रशिक्षित किया गया है। गोवा सरकार समर्थित गोवा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने पूरे राज्य में एड्स पर व्याख्यानों की श्रृंखला आयोजित कर कर चुकी है। इन व्याख्यानों के जरिये पर्यटक गाइडों और टैक्सी चालकों को एड्स के खतरे के बारे जानकारी दी जा चुकी है क्योंकि ये लोग पर्यटकों से सीधा संवाद स्थापित कर सकते हैं।[२]

गोवा में राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की हेल्पलाइंस

गोवा में राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी में दायित्व के उचित निर्वाहन के लिए हेल्पलाइंस खोले राखी हैं जिनके नंबर इस तरह हैं: 1097 और 2427286[३]

गोवा में राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के स्वास्थ्य केंद्र

मापुसा मडगांव और वास्को क्लिनिक यौन रोग कार्यक्रम निर्देशांक गोवा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (GSACS) के यौन संचारित रोग नियंत्रण के उपायों पर अमल करते हुए निम्न लिखित स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किये:
1.असिलो अस्पताल मापुसा
2.होस्पित्सियो अस्पताल मार्गो
3.बैना वास्को
4. गोवा मेडिकल कॉलेज में स्थित चम्प्ड़े और यौन रोग का क्लिनिक[४]

गोवा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की कार्यकुशलता

गोवा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी उन गिने चुने राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटियों में से है जिनमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और नगालैंड की सोसैटियाँ शामिल हैं जो इस क्षेत्र पर काम कर रहे सभी अधिकारियों के प्रशिक्षण को सुनिश्चित कर चुकी हैं।[५] दुनिया भर में एचआइवी का प्रसार चिंता का एक कारण रहा है। इस संदर्भ म एक अच्छा और अतुल्य कदम उठाते हुए इस तटीय राज्य में विभिन्न मोबाइल सेवा प्रदाताओं के सहयोग से गोवा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (GSACS) द्वारा किए गए एसएमएस अलर्ट (उगाही) भेजने का प्रबंध किया है, जिससे एचआइवी रोगी अपनी दवाओं की खुराक उसके सही समय पर ले सकें। यह सेवा बोझिल दूरभाष-द्वारा याद दिलाने की प्रणाली की जगह लेता है जो एचआइवी रोगियों की गोपनीयता पर भी आक्रामक थे। इस प्रकार से 14486 एचआइवी और 1546 एड्स रोगियोंवाले इस राज्य ने अंततः संचार का एक किफायती, कम-जनशक्ति-गहन, बेहद व्यक्तिगत और गोपनीयता का सम्मान करनेवाला मोबाइल संचार माध्यम खोज निकला है।[६]

सन्दर्भ

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