गुरसराय
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साँचा:if empty Gursarai | |
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निर्देशांक: साँचा:coord | |
देश | साँचा:flag/core |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | झाँसी ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | २६,८६९ |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
गुरसराय (Gursarai) या गुरसरांय भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के झाँसी ज़िले में स्थित एक नगर है।[१][२]
इन्हें भी देखें
- गोविंद सिंह सिसोदिया की कलम से गुरसराय झांसी गरौठा विधानसभा 225 बुंदेलखंड की राजनीतिक ताकत को अनदेखा नहीं किया जा सकता इस सीट से चुने जाने वाले राजनीतिक दलों के विभिन्न महारथियों ने सत्तारूढ़ करने के लिए बूस्टर डोज का काम किया है जनपद झांसी की प्रतिष्ठित गरौठा विधानसभा पर एक नजर..... सन 1957 में गरौठा विधानसभा की संख्या 132 हुआ करती थी तथा सामान्य सीट पर पहली बार 1957 में लक्ष्मण राव कदम ने इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा जिन को 17384 मत मिले उन्होंने प्रेम नारायण तिवारी आई एन डी पार्टी के 12033 मत प्राप्त हुए लक्ष्मण राव ने अपने प्रतिद्वंदी प्रेम नारायण तिवारी को 5351 वोटों से हराया। 1962 में विधायक रहे काशी प्रसाद द्विवेदी इंडियन कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा जिनको 16005 मत मिले तथा इनके प्रतिद्वंदी कन्हैया लाल माते जो पीएसपी से चुनाव लड़ कर 14370 मत प्राप्त किए काशी प्रसाद द्विवेदी ने 2527 से कन्हैयालाल माते को हराया। गरौठा विधानसभा सन 1967 मे कन्हैया लाल माते भारतीय जनसंघ से चुनाव लड़ा और 25255 मत प्राप्त किए इनके विरोध में के.पी. द्विवेदी ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा और 19102 मत प्राप्त किए यह चुनाव कन्हैयालाल माते ने 6153 मतों से जीता। सन 1969 आत्माराम गोविंद खैर ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा और 26540 मत पाकर विजई रहे उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी भगवान दास जो बीकेडी बहुजन क्रांति दल से लड़ रहे चुनाव को 4780 मतों से पराजित किया भगवान दास को 21760 मत मिले। 1974 महाराजा रणजीत सिंह जूदेव कांग्रेस पार्टी के विनर रहे इनको 41036 वोट मिले इनके विरोधी कन्हैयालाल को जो बीजेएस से लड़ रहे 16933 मत मिले इस प्रकार रणजीत सिंह जूदेव ने अपने विरोधी कन्हैयालाल माते को 24103 मतों से हराया। इस प्रकार महाराजा समथर रणजीत सिंह जूदेव 1974 से लेकर 1980 तक भारतीय जनसंघ एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को हराकर अपनी लगातार जीत सुनिश्चित करते रहे। सन 1980 में रणजीत सिंह जूदेव कांग्रेस के प्रत्याशी जिनको 41939 मत (47.77%) प्राप्त किए इन्होंने अपने प्रतिद्वंदी मानवेंद्र सिंह जो भारतीय जनता पार्टी से लड़ रहे चुनाव को पराजित किया मानवेंद्र सिंह को 34258 (39.02%)मत मिले। कन्हैया लाल तीसरे नंबर पर रहे जो जनता पार्टी(चरन सिंह) पर लड़ रहे चुनाव 4103 मत प्राप्त किए। सन 1985 में कुंवर मानवेंद्र सिंह जो भारतीय जनता पार्टी से 55364मत 52.29% पाकर विजय हुए इन्होंने अपने प्रतिद्वंदी रणजीत सिंह जूदेव जो कांग्रेस से लड़ रहे 45589 मत 43.5 प्रतिशत प्राप्त किए दूसरे स्थान पर रहे, किशोरी ने कम्युनिस्ट पार्टी पर लड़कर 2608 मत प्राप्त किए। 1989 रणजीत सिंह जूदेव कांग्रेस से चुनाव लड़ कर 62072 मत 50.8 % पाकर विजय रहे इन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कुंवर मानवेंद्र सिंह प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी जिनको 30439 मत मिले यानी कि 24.91 % और जनता दल से चुनाव लड़ रहे चंद्रपाल सिंह यादव को 17329 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। 1991 रणजीत सिंह जूदेव इंडियन नेशनल कांग्रेस से चुनाव लड़े और 33419मत 32. 58 % पाकर विजय रहे दूसरे स्थान पर रहे वीरेंद्र सिंह निरंजन जो भारतीय जनता पार्टी की ओर से 28661 मत 27 .94 परसेंट पाकर दूसरे स्थान पर रहे चंद्रपाल सिंह जनता पार्टी 18099 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे और बहुजन समाज पार्टी की ओर से लड़ रहे संत सिंह 13842 मत पाकर चौथे स्थान पर रहे। 1996 चंद्रपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ कर 58756 मत 39 . 82 % पाकर विजय रहे रणजीत सिंह जूदेव कांग्रेस पार्टी से लड़कर 57478 मत 38. 96 % पाकर दूसरे स्थान पर रहे कुंवर मानवेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी की ओर से लड़कर 284 30 तीसरे स्थान पर रहे। 2002 बृजेंद्र कुमार व्यास उर्फ डम डम महाराज ने बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ कर 59724 मत प्राप्त किए और अपने निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी की ओर से चंद्रपाल सिंह यादव को 13425 मतों से हराया। 2007 दीप नारायण सिंह यादव समाजवादी पार्टी की ओर से लड़कर 57981 मत प्राप्त किए और विजय हासिल की इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी रणजीत सिंह जूदेव को 12621 मतों से हराया। 2012 दीप नारायण सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की ओर से चुनाव लड़ कर 70041 मत 33.72% पाकर विजय प्राप्त की पं. देवेश पालीवाल ने बहुजन समाज पार्टी की ओर से चुनाव लड़ कर 54243 मत 26.11 % पाकर दूसरे स्थान पर रहे रणजीत सिंह जूदेव कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़कर 45001 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे टीकाराम पटेल भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ कर 19123 मत पाकर चौथे स्थान पर रहे। कुल 14 प्रत्याशी विभिन्न दलों के चुनाव लड़ा जिसमें 207730 मत डाले गए और66.11% मतदान हुआ। 2017 जवाहर लाल राजपूत भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनकर विजयश्री हासिल की इनको 93378 मत 41 . 29 %मिले दीप नारायण यादव समाजवादी पार्टी की ओर से लड़कर 77547 मत 34.29 % दूसरे स्थान पर रहे डॉ अरुण कुमार मिश्रा बहुजन समाज पार्टी की ओर से लड़कर 48387 मत 21.4 % पाकर तीसरे स्थान तथा चौथे नंबर पर नोटा 2645 मत पाकर रहा कुल 13 प्रत्याशी खड़े हुए 228787 मत डाले गए तथा 67.5 5 %वोटिंग हुई । गरौठा विधानसभा 225 वर्ष 2014 के अनुसार कुल मतदाता 321831 बताए जाती हैं इसमें नगर पालिका परिषद गुरसराय वर्ष 11-12 के अनुसार जनसंख्या 26.889 गरौठा नगर पंचायत जनसंख्या 10.807 एरच नगर पंचायत जनसंख्या 9.531 मोंठ नगर पंचायत 12.947 समथर नगर पालिका 22.455 सम्मिलित हैं। यह पहला अवसर है जब राज्य में चुनाव आयोग की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ेगा एक तो सकुशल चुनाव संपन्न कराने की दूसरा कोरोना संक्रमण लोगों से बचाए रखने की। आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश के 15.02 करोड़ से अधिक मतदाता अपनी लोकप्रिय सरकार चुनेंगे इनमें 8.04 करोड़ पुरुष 6.98 करोड महिला मतदाताओं के साथ ही8853थर्ड जेन्डर है। देश के सबसे बड़े राज्य की 403 धान सभा सीटों के लिए चुनावी शंखनाद हो चुका है सत्ता संघर्ष के कुरुक्षेत्र की और राजनीतिक सेनाएं बढ़ रही हैं तो सत्ताधारी भाजपा आत्मविश्वास से भरी हुई है 2017 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के सहयोगियों के साथ मिलकर भाजपा ने 325 सीटें जीतने का रिकॉर्ड बनाया अकेले भा जा पा ही 312 सीट जीतने में सफल रही अब फिर विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं जिसमें पार्टी और सरकार सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की नीति साथ ही भय एवं गुन्डा मुक्त प्रदेश का अस्त्र लेकर जनता के बीच में जा रही है। 5 साल सत्ता वापसी का ख्वाब देख रही समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए किसानों युवाओं पर बड़ा दांव खेला है साथी आम जनता को आकर्षित करने के लिए 3 00यूनिट फ्री बिजली देने का वादा किया है सपा की इस बार नई रणनीति नई हवा नई सपा के नारे के साथ समाजवादी पार्टी ने अपने मूल चरित्र को बदलने की कोशिश की है। परिणाम के नजरिए से पिछले कुछ दिनों में हाथी की तबीयत थोड़ी सी नासाज रही है लेकिन उसकी ताकत को कोई कमजोर नहीं कर सकता फिर भी उसके सामने अपनी घटती ताकत को बढ़ाने बड़ी चुनौती है इसलिए पार्टी गत जुलाई माह से ही प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी का सिलसिला शुरू कर दिया गया था बसपा प्रमुख मायावती अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी हैं और एक बार फिर डेढ़ दशक पुरानी अपने सोशल इंजीनियरिंग के "सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय, के फार्मूले पर आगे बढ़ती दिख रही हैं। लड़की हूं लड़की सकती हूं आधी आबादी के लिए गड़े गए इसी नारे में कांग्रेस आगे बढ़ी तो पार्टी में थोड़ी जान भी दिखाई दी 32 वर्षों से प्रदेश की सत्ता से बेदखल कांग्रेस को राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा से ही आस है कि वह लड़ सकती हैं जीत सकती हैं और कांग्रेस के पुराने दिन वापस ला सकते हैं लड़ने का यह मुद्दा प्रियंका ने दिखाया भी है कांग्रेस का फोकस दलित युवा और महिलाओं पर है महिलाओं को चुनाव में 40% टिकट देने सहित कई प्रतिज्ञाएं जनता को पसंद आ रही हैं। एक नजर गरौठा विधानसभा के चुनावी दिग्गजों पर..... कुंवर मानवेंद्र सिंह सभापति विधान परिषद उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ बचपन से ही देश भक्ति ओतप्रोत अपना सर्वस्व जीवन भारतीय जनता पार्टी को समर्पित करने वाले कुंवर मानवेंद्र सिंह जो 1985 में भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ कर विधानसभा में पहुंचे और विभिन्न पदों का दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वाहन करते हुए आज विधान परिषद अध्यक्ष पद की गरिमा को सुशोभित कर रहे हैं भारतीय जनता पार्टी ने इनकी कार्यशैली को देखते हुए दोबारा विधान परिषद का सभापति बनाया है गरौठा विधानसभा में ठाकुर मतदाताओं मैं इनकी अच्छी पैठ मानी जाती है साथ ही व्यापारियों के भी नेता माने जाते हैं। राजा रणजीत सिंह जूदेव पूर्व गृह राज्य मंत्री...... समथर स्टेट राजा परिवार में जन्मे रणजीत सिंह जूदेव बचपन से ही कुशल राजनैतिक रहे हैं इनको गरौठा विधानसभा की जनता ने 6 वार चुनकर विधायक वनाया है साथ ही सदस्य विधान परिषद,तथा ग्रह मंन्त्री रहकर गरौठा विधानसभा का मान बढ़ाया है आपने अपना पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी को समर्पित किया अपनी कार्यकुशलता से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, के काफी करीबी आप को माना जाता है आपकी गुर्जरों मतदाताओं अच्छी पकड़ मानी जाती है बताया है कि रणजीत सिंह जूदेव का काफी हद तक व्यक्तिगत वोट भी है। दीप नारायन सिंह यादव पूर्व विधायक गरौठा.. गरौठा विधानसभा के लोगों ने इनको दो बार वर्ष 2007,2012 मे समाजवादी पार्टी से विधायक बनाया है इनकी कार्यकुशलता किसी से छुपी नहीं उन्होंने हजारों कन्याओं के हाथ पीले कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया साथ ही युवाओं, यादव जाति में आपकी अच्छी पकड़ मानी जाती हैं। जवाहर लाल राजपूत विधायक गरौठा.... छात्र जीवन से ही भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय राजनीति में अपनी भागीदारी करते हुए किसानों को उनका हक दिलाने के लिए निरंतर प्रयास करने वाले भारतीय जनता पार्टी की ओर से 2017 में हुए चुनाव गरौठा विधानसभा के लोगों ने चुना फसल बीमा योजना, डिफेंस कॉरिडोर एरच, बड़वार झील का भरवाना, गुरसराय पेयजल आपूर्ति वास्ते 83 करोड़ की योजना स्वीकृति दिलवाने के प्रयास करने वाले की छवि सरल व्यक्तित्व माने जाते है। इनकी लोधी समाज तथा पटेल बिरादरी में अच्छी पैठ मानी जाती है। चंद्रपाल सिंह यादव पूर्व सांसद... देश दुनिया में नाम कर रहे चंद्रपाल सिंह यादव का राजनीतिक सफर की शुरुआत गरौठा विधानसभा से ही 1996 में प्रारंभ हुआ था आज देश विदेश के महत्वपूर्ण पदों पर रहकर नाम रोशन कर रहे हैं समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह के काफी करीबी माने जाने वाले डॉक्टर चंद्रपाल सिंह यादव गरौठा विधानसभा क्षेत्र मैं यादव बिरादरी में अच्छी खासी पैठ रखते हैं। बृजेंद्र कुमार व्यास उर्फ डमडम महाराज पूर्व विधायक गरौठा 2002 मैं बहुजन समाज पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाए गए और विजय श्री हासिल की विभिन्न सामाजिक संस्थाएं, क्रिकेट, कन्या विवाह, आदि मे सहभागिता करते हुए गरौठा विधानसभा के लोगों ने उनको चुना ब्राह्मण जाति में इनकी अच्छी पैठ मानी जाती है।
- झाँसी ज़िला
सन्दर्भ
- ↑ "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
- ↑ "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975