गुंटूर

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मसालों का शहर
महानगर
Clockwise from Top Left: गुंटूर वैद्य विश्वविद्यालय, जनरल हॉस्पिटल। इस्कान मंदिर, गुंटूर महानगर पालिका, चुट्टूगुंटा सेंटर, वन टाउन सेंटर, गुज्जनगुण्डल पार्क.
Clockwise from Top Left: गुंटूर वैद्य विश्वविद्यालय, जनरल हॉस्पिटल। इस्कान मंदिर, गुंटूर महानगर पालिका, चुट्टूगुंटा सेंटर, वन टाउन सेंटर, गुज्जनगुण्डल पार्क.
नाम व्युत्पत्ति: Garthapuri ("Place surrounded by water ponds")
साँचा:location map
निर्देशांक: साँचा:coord
Countryभारत
Stateआंध्र प्रदेश
Districtगुंटूर
Mandalगुंटूर
Founded18 वीं शताब्दी ई
संस्थापकFrench
शासन
 • सभाGuntur Municipal Corporation[१]
 • Municipal CommissionerSrikesh B Lathkar
 • Member of ParliamentGalla Jayadev
क्षेत्र[२]साँचा:infobox settlement/areadisp
ऊँचाईसाँचा:infobox settlement/lengthdisp
जनसंख्या (2011)
 • महानगर७४३,६५४
 • दर्जा63rd (India)
3rd (Andhra Pradesh)
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
 • महानगर१,०२८,६६७
 • महानगरीय घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
वासीनामGunturodu or Gunturollu
Languages
 • Officialतेलुगु और उर्दू
समय मण्डलIST (यूटीसी+5:30)
Telephone code+91-0863
वाहन पंजीकरणAP 07; AP 08
Sex ratio1016[३] /
Lok Sabha constituencyGuntur
Urban planning agencyAPCRDA
वेबसाइटguntur.cdma.ap.gov.in

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गुंटूर अमरावती आंध्र प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। गुंटूर आंध्र प्रदेश के उत्‍तर पूर्वी भाग में कृष्‍णा नदी डेल्‍टा में स्थित है। गुंटूर नगर की स्थापना 18वीं शताब्दी के मध्य में फ़्रांसीसियों द्वारा की गई थी, लेकिन 1788 में अंग्रेजी का इस पर स्थायी रूप से अधिकार हो गया। गुंटूर बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र रहा है। 1866 में यहाँ नगरपालिका का गठन किया गया। प्रकृति ने अपनी खूबसूरती ऊचें पहाड़ों, हरीभरी घाटियों, कलकल बहती नदियों और मनमोहक तटों के रूप में यहां बिखेरी है। आज गुंटूर अपने धार्मिक और ऐतिहासिक स्‍थलों तथा चटपटे अचार के लिए दुनिया भर में जाना जाता है।

स्थापना

गुंटूर नगर की स्थापना 18वीं शताब्दी के मध्य में फ़्रांसीसियों द्वारा की गई थी, लेकिन 1788 में अंग्रेजी का इस पर स्थायी रूप से अधिकार हो गया। 1866 में यहाँ नगरपालिका का गठन किया गया।

उद्योग और व्यापार

रेलवे जंक्शन और व्यापारिक केंद्र गुंटूर की अर्थव्यवस्था पटसन, तंबाकू और चावल की खेती पर निर्भर है। गुंटूर में एक कृषि शोध केंद्र भी है।

कृषि और खनिज

गुंटूर के आसपास के क्षेत्रों में ज्वार, मिर्च, मूंगफली और तंबाकू की खेती भी होती है।

शिक्षण संस्थान

जिनमें बापटलाल इंजीनियरिंग कॉलेज, के. एल. कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, आर. वी. आर. कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, विज्ञान इंजीनियरिंग कॉलेज, एम. बी. टी. एस. राजकीय पॉलिटेक्निक, राजकीय महिला पॉलिटेक्निक, गुंटूर मेडिकल कॉलेज, महात्मा गांधी कॉलेज फ़ॉर पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज़ और आंध्र विश्वविद्यालय से संबद्ध कई महाविद्यालय हैं। निकट ही 12वीं शताब्दी का भरनप्राथ पहाड़ी दुर्ग स्थित है।

क्षेत्रफल

गुंटूर ज़िले का क्षेत्रफल 11,377 वर्ग किमी है और पूर्व तथा उत्तर में यह कृष्णा नदी से घिरा है |

मुख्य आकर्षण

भवनारायण स्‍वामी मंदिर

गुंटूर से 49 किलोमीटर दूर बपाट्ला का भवनारायणस्‍वामी मंदिर भगवान भवनारायण को समर्पित है। समय बीतने के साथ अब इन्‍हें बापट्ला के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर गुंटूर जिले का सबसे प्राचीन और सबसे प्रमुख मंदिर है। इतिहास और शिल्‍प की दृष्टि से मंदिर का बहुत महत्‍व है।

अमरावती

अमरावती गुंटूर से 35 किलोमीटर दूर उत्‍तर-पश्चिम में कृष्‍णा नदी के किनारे स्थित है। यहां पूरे वर्ष श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है इसलिए यहां पर्यटकों के लिए सुविधाओं की अच्‍छी व्‍यवस्‍था है। यहां भगवान शिव के प्रमुख मंदिरों में से एक अमरेश्‍वर है जहां शिवरात्रि के अवसर पर भक्‍तों की भारी भीड़ होती है। अमरावती में विश्‍वप्रसिद्ध बौद्ध स्‍तूप भी है जहां भगवान बुद्ध के जीवन से संबंधित चित्रों को देखा जा सकता है।

कोटप्‍पा कोंडा

कोटप्‍पा कोंडा नरसराओपेट से 13 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित है। यहां मुख्‍य रूप से ऋत्रिकोटेश्‍वर स्‍वामी की पूजा की आती है जिनका मंदिर पहाड़ की चोटी पर स्थित है। अब राज्‍य सरकार इस स्‍थान को पर्यटन और धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए यहां पर्यटन सुविधाएं बढ़ाए जाने की व्‍यवस्‍था की जा रही है।

मंगलागिरी

मंगलागिरी विजयवाड़ा-चेन्‍नई ट्रंक रोड पर स्थित है। प्रागैतिहासिक काल से ही यह स्‍थान बहुत प्रसिद्ध रहा है। मंगलागिरी पर्वत पर भ्‍ागवान लक्ष्‍मी नरसिम्‍हा स्‍वामी का मंदिर है इसलिए इसे बहुत ही पवित्र पर्वत माना जाता है। माना जाता है कि जो जल भक्‍त प्रभु को चढ़ाते हैं उनमें से आधा भगवान पी लेते हैं और बाकी आधा भक्‍त प्रसाद के रूप में ले जाते हैं। लक्ष्‍मी नरसिम्‍हा स्‍वामी को पनकला नरसिम्‍हा स्‍वामी या पनकला स्‍वामी भी कहा जाता है।

नल्‍लापडु

गुंटूर से 5 किलोमीटर दूर नल्‍लापडु या नसिंहपुरम का नाम यहां पहाड़ी पर स्थित नरसिंहस्‍वामी मंदिर के कारण पड़ा है। इस मंदिर के अलावा भी यहां कई प्राचीन मंदिर भी हैं। यहां के अगस्‍लेश्‍वरस्‍वामी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह कई शताब्‍दी पुराना है। इस मंदिर में सुसज्जित ध्‍वजस्‍तंभम, पांच नागों की उकेरी गई प्रतिमाएं, शिव जी और ब्रह्मरंब, उनकी पत्‍नी की प्रतिमाएं तथा शंकराचार्य मंदिर दर्शनीय हैं।

पोंडुगला

गुटूर से 11 किलोमीटर दूर पोंडुगला में बहुत सारे मंदिर हैं। इनमें सबसे प्रमुख मंदिर है गंटाला रामलिंगेश्‍वरा स्‍वामी मंदिर। इस मंदिर के स्‍तंभों में पाली में लिखे शिलालेखों को देखा जा सकता है। पास ही दंडीवगु नदी के किनारे स्थित अयेगरीपालम गांव में भी एक मंदिर है जहां संस्‍कृ‍त में लिखे दो शिलालेख मिले हैं। इसे संरक्षित स्‍मारक घोषित किया गया है।

आसपास दर्शनीय स्‍थल

नागार्जुनसागर बांध

साँचा:main नागार्जुनसागर बांध नि:संदेह भारत की शान है। यह पत्‍थर से बना दुनिया का सबसे ऊंचा बांध है। इस बांध का पानी नालगोंडा, प्रकासम, खम्‍मम और गुंटूर जैसे आंध्र प्रदेश के अनेक जिलों में सिंचाई के काम आता है।

नागार्जुनसागर श्रीसैलम अभ्‍यारण्‍य

3568 गर्व किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह अभ्‍यारण्‍य भारत में सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व माना जाता है। इसके अलावा यहां फूलों व वनस्‍पतियों की अनेक प्रजातियां भी पाई जाती हैं। अभ्‍यराण्‍य के साथ ही नागार्जुनसागर बांध है। यहां की गहरी घाटियों की सुंदरता देखते ही बनती है। साँचा:seealso

आवागमन

वायु मार्ग

नजदीकी हवाई अड्डा गन्‍नवरम है।

रेल मार्ग

नजदीकी रेलवे स्‍टेशन गुंटूर और विजयवाड़ा हैं जो सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग

बस सेवाएं गुंटूर को जिले के अंदर व बाहर के प्रमुख स्‍थानों से जोड़ती हैं जिनमें राज्‍य मुख्‍यालय भी शामिल हैं।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार क्षेत्र की जनसंख्या 5,14,707 है और ज़िला कुल जनसंख्या 44,05,521 है।

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियां