गुजरात तेल शोधनागार
गुजरात तेल शोधनागार | |
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देश | भारत |
राज्य | गुजरात |
शहर | कोयाली |
भौगोलिक निर्देशांक | साँचा:coord |
Refinery details | |
मालिक | इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड |
स्थापित | १९६५ |
क्षमता | १३.७ एमएमटीपीए |
गुजरात तेल शोधनागार भारत के गुजरात राज्य के कोयाली, वडोदरा में स्थित है। इसे इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड चलाती है। ये शोधनागार १९६५ से कार्यरत है। ये शोधनागार मुख्य रूप से पश्चिमी और उत्तरी भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग परोसती है। दिसंबर २०१७ के अनुसार इस शोधनागार की कुल क्षमता १३.७ एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) है।[१]
इतिहास
फरवरी १९६१ में भारत सरकार एवं रुसी सरकार के बिच समझौता हुआ। अप्रैल १९६१ तक यह निर्णय लिया गया कि ये शोधनागार गुजरात राज्य के कोयाली, वडोदरा में बनेगा। अक्तूबर १९६१ में भारतीय एवं रुसी अभियंताओं में अनुबंध बना और इस शोधनागार की बनावट की योजना शुरू हो गई। १० मई १९६३ को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने शोधनागार की आधारशिला रखी। जब शोधनागार चालू किया गया, गुजरात रिफाइनरी में ३ एमएमटीपीए की क्षमता थी। बाद में, तीन आसवन इकाइयों के सुधार से ४.३ एमएमटीपीए तक क्षमता को बढ़ा दिया गया। १९७८ में इसकी प्रसंस्करण क्षमता को और बढ़ाकर ७.३ एमएमटीपीए कर दिया गया। जून १९९० में डीज़ल से गंधक का प्रमाण कम करने की इकाइ की शुरुवात हुई (वजन के अनुसार अधिकतम ०.२५% गंधक)। इस तरह ये भारत की सर्व प्रथम रिफाइनरी बनी जो कम गंधकवाला डीज़ल निर्माण कर सकती थी। जून १९९९ में सभी चार पुराने दूषित जल उपचार संयंत्रोंको तोड़कर दक्षिण-पूर्व एशिया का सबसे बड़ा केंद्रीकृत दूषित जल उपचार संयंत्र निर्माण किया गया। विभिन्न संशोधनों और उन्नयन के बाद, दिसंबर २०१७ के अनुसार इस शोधनागार की कुल क्षमता १३.७ एमएमटीपीए है।[२]