गणितीय सर्वसमिका
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
सर्वसमिका ऐसी समता (equality) को कहते हैं जो उसमें निहित (आये हुए) सभी चरों के सभी मानों के लिये सत्य हो। (जबकि, किसी समीकरण के दोनो पक्षों का मान चर राशि के केवल कुछ विशेष मानों के लिये ही समान होता है।)
कुछ उदाहरण (3-2x) (3+2x)
निम्नलिखित सर्वसमिका एक सुज्ञात त्रिकोणमितीय सर्वसमिका है।
- <math> \sin ^2 \theta + \cos ^2 \theta = 1\,</math>
यह सर्वसमिका <math>\theta</math> के सभी वास्तविक मानों के लिये सत्य है।
जबकि
- <math>\cos \theta = 1,\,</math>
<math>\theta</math> के कुछ ही मानों के लिये सत्य है। यह समीकरण <math> \theta = 0,\,</math> के लिये तो सत्य है किन्तु <math>\theta = 2\,</math> के लिये असत्य।
- अन्य उदाहरण
- <math>(x + y)^2 \,=\, x^2 + 2xy + y^2</math>
यह एक बीजगणितीय सर्वसमिका है।
- <math> \sin(x \pm y) = \sin(x) \cos(y) \pm \cos(x) \sin(y) </math>
यह एक त्रिकोणमितीय सर्वसमिका है।
- <math> (2^n n!)^{-1} {d^n \over dx^n } \left[ (x^2 -1)^n \right] =
\sum_{k=0}^n {n \choose k}{-n-1 \choose k} \left({1-x\over 2}\right)^k</math>
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- A Collection of Algebraic Identities
- EquationSolver - इस जालपृष्ठ पर सुझाई गयी किसी सर्वसमिका की सत्यता की जाँच करके निर्णय देती है कि वह समिका सत्य है या असत्य।