क्षारीय मृदा धातु
क्षारीय पार्थिव धातुएँ (alkaline earth metals) आवर्त सारणी के समूह-२ में स्थित रासायनिक तत्त्वों वह समूह है जिसमें बेरिलियम (Be), मैग्नेशियम (Mg), कैल्शियम (Ca), स्ट्रॉन्शियम (Sr), बेरियम (Ba) एवं रेडियम (Ra) हैं।
परिचय एवं इतिहास
प्रारंभ में रसायनज्ञ उन पदार्थों को मृदा कहते थे जो अधातुएँ थीं और जिनपर अत्यधिक ताप का कोई प्रभाव नहीं पड़ता था। इनमें कुछ पदार्थों (जैसे चूना) के गुण क्षारों के गुणों से बहुत मिलते जुलते थे। इससे उन्होंने उसे 'क्षारीय मृदा' नाम दिया। इनके ऑक्साइड क्षारीय होते है और मृदा के समान अगलनिय होते है इसीलिए इनको क्षारीय मृदा'धातु कहा गया क्षारीय मृदा में चूना, स्ट्रॉन्शिया और बाराइटा 1807 ई. तक रासायनिक तत्व समझे जाते थे। हम्फ्री डेवी ने पहले पहल प्रमाणित किया कि ये वस्तुत: कैलसियम, स्ट्रॉन्शियम और बेरियम धातुओं के आक्साइड हैं।
ये धातुएँ असंयुक्त दशा में नहीं पाई जाती। इनके दो प्रकार के आक्साइड बनते हैं। एक सामान्य आक्साइड, जो उष्माक्षेपण के साथ जल में घुलते हैं और दूसरे पेराक्साइड, जो जल में घुलकर हाइड्राक्साइड [R (OH)2] बनाते हैं और वायु में खुला रखने से कार्बन डाइ आक्साइड का अवशोषण करते हैं। धातुओं के दोनों ही आक्साइड समाक्षारीय होते हैं और अम्लों में शीघ्र घुलकर तदनुकूल लवण बनाते हैं। तत्वों के परमाणुभार की वृद्धि से हाइड्राक्साइडों की विलेयता बढ़ती जाती हैं, पर सल्फेटों की विलेयता घटती जाती है।
ये धातुएँ वायु में खुली रहने से जल्द उपचयित हो जाती है। इनके लवण अच्छे मणिभ (क्रिस्टल) बनाते हैं। क्लोराइड और नाइट्रेट जल में शीघ्र घुल जाते हैं, पर कार्बोनेट, फास्फेट और सल्फेट क म घुलते अथवा घुलते ही नहीं।
इन्हें भी देखें
- क्षारीय भूमि (Alkaline soils)