कौमारी
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
देवी कौमारी भगवान कार्तिकेय की आत्मशक्ति हैं। उनका दूसरा नाम कार्तिकी है। यह देवी मोर पर बैठती है। अपने चार हाथों में वह परशु, भाला, धनुष और रजत मुद्रा रखती हैं। कौमारी के रूप में आदिशक्ति भगवान कार्तिकेय के हृदय में निवास करती हैं। उनकी ही प्रेरणा से भगवान कार्तिकेय बुरी शक्तियों से लड़कर ब्रह्मांड की रक्षा करते हैं।