कोहरा

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स्क्रिप्ट त्रुटि: "sidebar" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। कोहरा (साँचा:lang-en) प्रायः ठंडी आर्द्र हवा में बनता है और इसके अस्तित्व में आने की प्रक्रिया बादलों जैसी ही होती है। गर्म हवा की अपेक्षा ठंडी हवा अधिक नमी लेने में सक्षम होती है और वाष्पन के द्वारा यह नमी ग्रहण करती है।[१] ये वह बादल होता है जो भूमि के निकट बनता है। यानि एक बादल का वह भाग जो भूमि के ऊपर हवा में ठहरा हुआ हो कोहरा नहीं होता बल्कि बादल का वह भाग जो ऊपरी भूमि के संपर्क में आता है, कोहरा कहलाता है। इसके अतिरिक्त कोहरा कई अन्य तरीकों से भी बनता है। लेकिन अधिकांश कोहरे दो श्रेणियों, एडवेक्शन फॉग और रेडिएशन फॉग में बदल जाते हैं। दोनों ही प्रकार में कोहरा आम हवा से अधिक ठंडा महसूस होता है। ऐसा उसमें भरी हुई नमी के कणों के कारण होता है।

सड़क पर हल्का कोहरा दृश्यता का ह्रास करता है। साइकिल चालक २००मी/(२१९ गज) पर बहुत ही धुंधला दिख रहा है। यहां की कुल दृश्यता ४००मी.(४३७ गज) है, जो सड़क के दूसरे छोर से बहुत पहले है।
सैन फ्रांसिस्को के गोल्डन गेट सेतु पर सड़क एक चिह्न भी दिखने मुश्किल हैं

एडवेक्शन फॉग तब बनता है जब गर्म हवा का एक विशेष हिस्सा किसी नम प्रदेश के ऊपर पहुंचता है। कई बार कोहरा काफी घना भी होता है जिससे दूर देखने में परेशानी महसूस होती है। समुद्र किनारे रहने वाले लोग एडवेक्शन फॉग से परिचित होते हैं।

रेडिएशन फॉग तब बनता है जब धरती की ऊपरी परत ठंडी होती है। ऐसा प्रायः शाम के समय होता है। धरती की ऊपरी परत ठंडी होने के साथ ही हवा भी ठंडी हो जाती है, जिस कारण कोहरा उपजता है।

कोहरा कई पहाड़ी घाटियों में भी छाता है। वहां ऊपरी गर्म हवा ठंडी हवा को जमीन के निकट रखती है। ऐसा कोहरा प्रायः सुबह के समय होता है। सूरज निकलने के बाद ठंडी हवा गर्म होती है और ऊपर उठती है। इसके बाद से कोहरा छंटना शुरू हो जाता है।

सन्दर्भ

  1. कोहरा स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।। हिन्दुस्तान लाइव। ४ जनवरी २००९

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