कोलकाता रेलवे स्टेशन

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कोलकाता रेलवे स्टेशन
भारतीय रेलवे स्टेशन

কলকাতা রেল স্টেশন
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चितपुर स्टेशन, कोलकाता
स्टेशन आंकड़े
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ऊँचाई 30 ft.
प्लेटफार्म 5
वाहन-स्थल उपलब्ध है
अन्य जानकारियां
आरंभ 2006
स्टेशन कूट KOAA
ज़ोन पूर्व रेलवे
मण्डल कोलकाता
सेवायें

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चितपुर रेलवे स्टेशन की अवस्थिति

कोलकाता रेलवे स्टेशन (KOAA) भारतीय रेल का एक रेलवे स्टेशन है। यह कोलकाता शहर में स्थित है। इसकी ऊंचाई २९३ मी. है।

कोलकाता रेलवे स्टेशन, जिसे पूर्व मे चितपुर स्टेशन के नाम से जाना जाता था, कोलकाता और हावड़ा शहरों मे बने चार इंटरसिटी रेलवे स्टेशन्स मे से एक है. इसके अलावा सियालदह स्टेशन (कोलकाता) शालीमार स्टेशन (हावड़ा) और हावड़ा स्टेशन भी इन दो शहरों मे बने हैं. कोलकाता स्टेशन उत्तर पूर्व कोलकाता के चितपुर इलाक़े मे अवस्थित है.

इतिहास

जिस जगह पर आज यह स्टेशन बना हुआ है वहाँ एक ममय मे एक बड़ा सा मालगॉदाम था। वर्तमान मे जहाँ बस और कार पार्किंग बनी है और साथ ही स्टेशन जाने वाला मार्ग भी पूर्व मे मालगाड़ी मे कोयला लादने के लिए बना एक बड़ा सा यार्ड था। वर्तमान मे जहाँ प्लॅटफॉर्म बने हैं वहाँ मालगाड़िया रुका करती थी और इस पूरे परिसर को चितपुर रेल यार्ड के नाम से जाना जाता था।

साल २००० मे सियालदह [१] से होकर जाने वाले और खुलने वाली गाड़ियों की संख्या मे बेतहासा वृद्धि के कारण इस परिसर को एक यात्री स्टेशन के रूप मे विकसित करने की योजना बनाई गयी. जगह की कमी के कारण सियालदह मे और अधिक प्लाटोफॉर्म नही बनाए जा सकते थे और कोलकाता के मध्य मे स्थित होने के कारण यहाँ पर महानगरीय रेल सेवा भी ज़्यादा व्यस्तता उत्पन्न करती है.

इन सारी समस्याओं के समाधान के लिए मध्य-पूर्व रेलवे ने कोलकाता में लंबी दूरी के ट्रेन्स के लिए एक और बड़े स्टेशन के निर्माण का प्रस्ताव रखा. प्रस्तावित स्टेशन के लिए कई सारे स्थानों पर विचार किया गया. सर्वप्रथम मज़ेरहट का नाम सामने आया परंतु हुगली नदी के उपर बौरिया से बज-बज तक पुल निर्माण की कठिनाइयों के कारण इस विचार को त्यागना पड़ा.

इसके बाद हावड़ा मे स्थित शालीमार स्टेशन के उपर विचार किया गया. इस स्थान पर पहले से हीं दक्षिण-पूर्व रेलवे के तहत मालगाड़िया चला करती थी। यहाँ से प्रयोग के तौर पर पसेंजर गाड़ियों की एक जोड़ी का परिचालन भी शुरू कर दिया गया. पर आधारभूत संसाधनों की कमी और कोलकाता नगर से इसकी दूरी के कारण यह प्रयास भी सफल नही हो सका.

अंततः चितपुर को ही नये वृहत रेलवे स्टेशन मे बदलने के प्रस्ताव को साल २००३-०४ मे रेल मंत्रालय की अनुमति मिल गयी. कोलकाता के मध्य मे स्थित होने और एक शताब्दी से भी अधिक समय से मालवाहक टर्मिनल के रूप मे कार्यरत होने के कारण इसके चुनाव को अतिरिक्त बल मिला. इसके अलावा शालीमार और मज़ेरहट की तुलना मे यहाँ स्टेशन के आस-पास की परिसंपत्तियाँ भी रेलवे के ही पास थी। इस प्रस्ताव को जल्द हीं कोलकाता मेट्रोपोलिटन डेवेलपमेंट अतॉरिटी की भी अनुमति मिल गयी और १५ मई २००३ को पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्जी ने इस प्रॉजेक्ट की नींव रखी.

२००४ मे इस स्टेशन के निर्माण का कार्य शुरू किया गया और जनवरी २००६ मे इसका अधिकारिक रूप से उद्घाटन किया गया.

सेवाएँ

यह स्टेशन सियालदह—राणाघाट-कृष्णानगर-बेरहामपुर-लालगोला लाइन से जुड़ा हुआ है [२] और यहाँ से दक्षिण पूर्व रेलवे द्वारा नैहती, बंदेल, कल्याणी सीमनता, गेदे, शांतिपुर, कृष्णानगर,बेरहामपुर,लालगोला, डानकुनी, कोलकाता एरपोर्ट, बोंगाओं, हसनबाद और अन्य गंतव्यों के लिए ट्रेन सेवा संचालित की जाती है. महानगरीय सेवा की ट्रेन्स की संख्या लंबी दूरी वाली ट्रेन्स से काफ़ी कम है. यहाँ से दो ग़रीब रथ एक्सप्रेस और एक लंबी दूरी वाली पसेंजर ट्रेन - लालगोला पॅसेंजर के साथ ही कई लंबी दूरी वाली एक्सप्रेस ट्रेन्स चलती हैं. यहाँ कुल पाँच प्लॅटफॉर्म हैं जिनमे से प्लॅटफॉर्म १ और २ महानगरीय ट्रेन्स और प्लॅटफॉर्म ३,४,५ लंबी दूरी की ट्रेन्स के लिए आरक्षित हैं [३]. पूर्वी क्षेत्र की एक मात्र अंतरराष्ट्रीय ट्रेन कोलकाता - ढाका मैत्री एक्सप्रेस (जो बांग्लादेश जाती है) इसी स्टेशन से खुलती है। [४]

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सन्दर्भ

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