केबल टीवी
परम्परागत टीवी प्रसारण, हवा में विद्यमान टीवी सिगनलों को टीवी एन्टेना की सहायता से सीधे ग्रहण करके किया जाता है। इसके विपरीत केबल टीवी, टीवी के कार्यक्रम दिखाने का ऐसा तन्त्र है जिसमें सबसे पहले दूरदर्शन के सिगनल को किसी केन्द्रीय स्थान पर (जिसे हेड-एन्ड कहते हैं) ग्रहण करके उसे समाक्षीय केबल या प्रकाशीय फाइबर (फाईबर आपटिक्स) की सहायता से ग्राहकों के टीवी से जोड़ दिया जाता है। केबल में सिगनल डालने के पहले उसे हेडएन्ड पर निम्नलिखित प्रक्रियाओं से गुजरन्ना पड़ता है:
- संकेत को बड़ी-बड़ी डिश-एंटेना की सहायता से ग्रहण किया जाता है,
- परिवर्धित किया जाता है;
- डी-कोड किया जाता है;
- मिश्रित किया जाता है।
केबल टीवी को सामुदायिक टीवी (कम्युनिटी टीवी या CATV) नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसमें हर टीवी स्वतन्त्र रूप से संकेत ग्रहण नहीं करता बल्कि यह एक सामुदायिक सेवा के रूप में किसी गाँव, कस्बे या एक बड़े शहर के बड़े भाग को सेवा देती है।
केबल टीवी के साथ एफ एम रेडियो, उच्च-गति इंटरनेट, दूरभाष एवं अन्य गैर-दूरदर्शनीय सेवायें भी प्रदान की जा सकती हैं। केबल टीवी का प्रादुर्भाव अमेरिका में सन १९४८ में हुआ जब वहां ऊंची पहाड़ियों पर टीवी सिगनल न मिलने के कारण वहां के लोग एक बड़ा डिश एंटेना लगाकर टीवी का अनन्द उठाने लगे थे।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- दूरदर्शन - भारतीय राष्ट्रीय प्रसारण
- भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई/TRAI)
- Scatmag - भारत की केबल टीवी की पत्रिका
- केबल-क्वेस्ट - भारत पर केन्द्रित केबल टीवी पत्रिका