कुमार गंधर्व
कुमार गंधर्व | |
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पृष्ठभूमि की जानकारी | |
जन्मनाम | शिवपुत्र सिद्धराम कोमकाली |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
शैलियां | भारतीय शास्त्रीय संगीत ,हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत |
गायक | |
सक्रिय वर्ष | 1934-1992 |
कुमार गंधर्व (8 अप्रैल 1924 – 12 जनवरी 1992) के नाम से प्रसिद्ध शिवपुत्र सिद्धराम कोमकाली को सन १९७७ में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। वह मध्य प्रदेश से हैं।
प्रारंभिक जीवन
गंधर्व जन्म सुलेभवि, बेलगाम (कर्नाटक) में एक कन्नड़ भाषी लिंगायत परिवार में हुआ था। पाँच वर्ष की आयु से ही उनमें संगीत प्रतिभा के संकेत दिखने लगे थे और दस वर्ष की आयु में वो मंच पर गाने लगे थे। ग्यारह वर्ष की आयु में उनके पिता ने उन्हें संगीत की शिक्षा के लिए सुप्रसिध शास्त्रीय संगीत के प्राध्यापक, बी आर देओधर के पास भेज दिया। गंधर्व की संगीत के ज्ञान और कुशलता में प्रगति इतनी तीव्र थी कि बीस की उम्र आते आते वे ख़ुद ही अपने संगीत विद्यालय में संगीत सिखाने लगे। उनके आलोचकों ने भी उनको संगीत के क्षेत्र का एक उभरता हुआ सितारा मानना शुरू कर दिया।[१]
व्यक्तिगत जीवन
१९४७ में गंधर्व ने भानुमती कंस से विवाह किया जो देओधर जी के विद्यालय में गायन की शिक्षिका थी। उसके कुछ ही समय पश्चात गंधर्व टीबी (क्षय रोग) की बीमारी से ग्रसित हो गए और चिकित्सकों उन्हें बताया की वे दुबारा कभी गा नहीं पाएँगे। चिकित्सकों की सलाह पर अपने स्वास्थ्य में सुधार के लिए वे देवास (मध्य प्रदेश), जोकि एक शुष्क जलवायु वाला स्थान है, जाके रहने लगे।अगले ६ साल गंधर्व ने बीमारी और ख़ामोशी में बिताए। चिंकित्सको के अनुसार गायन उनके लिए प्राणघातक सिद्ध हो सकता था।[२]
भानुमती की १९६१ दूसरे पुत्र को जन्म देते हुए मृत्यु हो गयी। भानुमती के देहांत के पश्चात कुमार ने वसुंधरा कोमकली से विवाह किया।