कुक्कुरीय संभोग

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
केनिंगटन पार्क, 2012 में लंदन में तोड़-फोड़ किया गया "कुत्ते केवल ज़ंजीर से बाँधे जाने के लिए हैं" साइनबोर्ड जिसका उद्देश्य कुक्कुरीय संभोग की ओर इशारा करना है।

कुक्कुरीय संभोग (अंग्रेज़ी: Dogging) एक ब्रिटिश अंग्रेज़ी कठबोली का शब्द है जिसका प्रयोग सार्वजनिक स्थानो पर कामोत्तेजक क्रियाकलाप या ऐसा ही अर्थ-सार्वजनिक स्थान पर करना या दूसरों को करते देखना है। [१] इस क्रियालाप में दो से अधिक लोग भी शामिल हो सकते हैं; इसमें सामूहिक संभोग और गैंग बैंग भी हो सकते हैं। जैसाकि स्पष्ट है, इन कामों में अपनी ओर दूसरों का ध्यान आकर्षित करना मुख्य लक्ष्य है, दर्शनरति और कामांगप्रदर्शन कुक्कुरीय संभोग से जुड़े हुए हैं। जो भिन्न लोग आम तौर से या तो इत्तेफ़ाक़ से या फिर (अधिकांशतः) इंटरनेट पर पहले से ही सम्पर्क कर चुके होते हैं।[२]

सितम्बर 2003 में बी बी सी न्यूज़ [३] की सूचना के अनुसार कुक्कुरीय संभोग "नया जुनून" बनता जा रहा है। उसमें इंटरनेट और पाठ्य सन्देशों के आधार पर बताया गया कि यह दोंनो किसी नियमित मुलाक़ात तय करने के आम तरीक़े बनते जा रहे हैं। कुक्कुरीय संभोग की मूल परिभाषा इसी सम्बंधित गतिविधि थी — वह किसी युवा जोड़े को कार या किसी सार्वजनिक स्थान पर संभोग करने के मामलों पर जासूसी करना था।[४] इस शब्द का ब्रिटेन की रेल सेवा में कई वर्षों से उपयोग होता आ रहा है। यह कम से कम 1951 से जानी-पहनी बात है।[५]

इस बात के इंटरनेट पर पक्के प्रमाण मिले हैं कि यह "जुनून" कई अन्य देशों में फैलने लगा है, जैसे कि संयुक्त राज्य अमरीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, बार्बडोस, ब्राज़ील और डेनमार्क,[६] नीदरलैण्ड, पोलैण्ड,[७] और स्वीडन[८][९]

विधि

ब्रिटेन में कुक्कुरीय संभोग दर्शनरति, कामांगप्रदर्शन या जनता के सामने काम वासना के प्रदर्शन के अंतरगत आता है; कुक्कुरीय पर विधि के प्रावधान अस्पष्ट हैं। मुकदमे को कई अपराधों की श्रेणी में चलाया जा सकता है जो सार्वजनिक व्यवस्था अधिनियम १९८६ की धारा ५ के अंतरगत आते हैं,[१०] प्रदर्शन के लिए यौन अपराध अधिनियम 2003 की धारा ६६ के तहत आते हैं, [११] या फिर सार्वजनिक शोभनीयता भंग करना। As of 2010, एसोसिएशन ऑफ़ चीफ़ पोलिस ऑफ़िसर्स की नीति के अनुसार गिरफ़तारी अंतिम चारा है और इस समस्य के लिए धीरे-धीरे क़दम उठाए जाने चाहिए।[१२]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite news
  2. साँचा:cite news
  3. साँचा:cite news
  4. साँचा:cite news
  5. साँचा:cite book
  6. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  7. साँचा:cite web Archive date is [sic].
  8. साँचा:cite news
  9. साँचा:cite web
  10. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  11. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  12. साँचा:cite news