काल भैरव

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काल भैरव या काल भैरवनाथ भगवान शंकर के भैरव अवतार का युवा और क्रोधी रूप है। काल भैरव के रूप में भगवान शिव दुष्टों को दण्ड और सज्जनों की रक्षा करते हैं। उज्जैन में इनका सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। वहां काल भैरव की जागृत प्रतिमा है जो मदिरा पान करती है।

निहित कथा

काल भैरव की उत्पति के बारे में कथा कुछ इस प्रकार है

कथा

एक बार भगवान शंकर का अंधकासुर नामक एक असुर पुत्र हुआ। उसका पालन पोषण असुर नरेश हिरण्यकशिपु के भाई और दिति के छोटे पुत्र हिरण्याक्ष ने किया था। बड़े होने पर उसने कैलाश पर अपनी सेना सहित चढ़ाई कर दी। उसके संहार के लिए भगवान शिव के रुधिर से भैरव की उत्पत्ति हुई। उसका वध करने के बाद उस धारा के दो भाग हो गए पहले बटुक भैरव और दूसरे काल भैरव।