कार्बन कर
कार्बन कर एक अप्रत्यक्ष कर है। यह उन आर्थिक गतिविधियों पर लगाया जाता है जिनसे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जनजीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके द्वारा सरकारें अपना राजकोष भी संवर्धित करती हैं। इस कर से दो अन्य कर भी संबंधित हैं- उत्सर्जन कर और ऊर्जा कर। उत्सर्जन कर जहाँ प्रत्येक टन हरितगृह गैस के उत्सर्जन पर लगने वाला कर है, वहीं ऊर्जा कर ऊर्जा से संबंधित वस्तुओं पर आरोपित कर है।[१]
कार्बन कर | |
---|---|
[[Image:|225px]] अलग-अलग देशों में कार्बन टैक्स का प्रयोग। |
इतिहास
१९९२ में संयुक्त राष्ट्र ने बढ़ते हरितगृह गैस के स्तर को नियंत्रित करने तथा इससे पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को कम करने की दिशा में पहल की। ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में जलवायु परिवर्तन पर एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। पृथ्वी सम्मेलन के नाम से आयोजित इस आयोजन में सदस्य देशों द्वारा कार्बन कर लगाने के आशय पर विचार विमर्श प्रारंभ हुआ। हालांकि इस दिशा में पहले से पहल करते हुए फिनलैण्ड ने १९९० मे अपने यहाँ कार्बन कर लगाने की शुरुआत की। ऐसा करने वाला फिनलैण्ड पहला राष्ट्र है। तत्पश्चात स्वीडन और ब्रिटेन ने १९९१ में इस प्रक्रिया को अपनी भूमि पर लागू किया।[२]
भारत में कार्बन कर
भारत मे १ जुलाई २०१० से कार्बन कर को लागू कर दिया गया है। वर्तमान मानक के अनुसार प्रति मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन पर ५० रुपये कर स्वरूप संबंधित कम्पनियों को अदा करना पड़ता है।[३] भारत कार्बन कर को स्वविवेक पहल प्रक्रिया और पर्यावरण पर राष्ट्रीय कार्ययोजना के क्रियान्वयन हेतु दायित्वबोध से प्रेरित होकर कर रहा है।[४] भारत ने कार्बन कर को पर्यावरण परिवर्तन की आड़ में बाध्यकारी संहिता बनाने की विकसित राष्ट्रों की मंशा का विरोध किया है।
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite journal
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ Dogra, Sapna. July 3, 2010. “India sets $1/mt clean coal tax for domestic producers/importers. Platts International Coal Report. Retrieved from: http://www.lexisnexis.com.offcampus.lib.washington.edu/hottopics/lnacademic/साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।