कारगिल युद्ध

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कारगिल युद्ध
भारत पाकिस्तान युद्ध का भाग
तिथि मई-जुलाई 1999
स्थान कारगिल ज़िला, जम्मू-कश्मीर, भारत
परिणाम
  • निर्णायक भारतीय विजय[१]
  • पाकिस्तानी सेना की वापसी;[२]
  • भारत का अपनी भूमि पर पुनः नियंत्रण[३]
क्षेत्रीय
बदलाव
युद्धपूर्व यथास्थिति बहाल
योद्धा
साँचा:flagicon भारत साँचा:flagicon पाकिस्तान
सेनानायक
साँचा:flagicon image वेद प्रकाश मलिक साँचा:flagicon image परवेज़ मुशर्रफ
शक्ति/क्षमता
30,000 5,000
मृत्यु एवं हानि
भारतीय आधिकारिक आँकड़े:
  • 527 हत[४][५][६]
  • 1,363 आहत[७]
  • 1 युद्धबंदी
  • 1 लड़ाकू विमान मार गिराया गया
  • 1 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त
  • 1 हेलीकॉप्टर मार गिराया गया

पाकिस्तानी सेना का दावा

पाकिस्तानी सेना का दावा

भारतीय व तटस्थ दावे

Pakistan Opposition of Kargil War claims

Kargil.map.mr1.png

कारगिल युद्ध, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है, भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है।

पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। पाकिस्तान ने दावा किया कि लड़ने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेज़ों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी। लगभग 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे। भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया। यह युद्ध ऊँचाई वाले इलाके पर हुआ और दोनों देशों की सेनाओं को लड़ने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। परमाणु बम बनाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ यह पहला सशस्त्र संघर्ष था। भारत ने कारगिल युद्ध जीता।

परिणाम

द्रास स्थित कारगिल युद्ध स्मृति

पाकिस्तान में इस युद्ध के कारण राजनैतिक और आर्थिक अस्थिरता बढ़ गई और नवाज़ शरीफ़ की सरकार को हटाकर परवेज़ मुशर्रफ़ राष्ट्रपति बन गए। दूसरी ओर भारत में इस युद्ध के दौरान देशप्रेम का उबाल देखने को मिला और भारत की अर्थव्यवस्था को काफ़ी मजबूती मिली। भारतीय सरकार ने रक्षा बजट और बढ़ाया। इस युद्ध से प्रेरणा लेकर कई फ़िल्में बनीं जिनमें एल ओ सी कारगिल, लक्ष्य और धूप मुख्य हैं।

कारण

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख जहांगीर करामात के बीच १९९८ के करीब, मतभेद बढ गये थे। करामात की सेवानिवृत्ति के पश्चात किसे सेना प्रमुख बनाया जाय इस बात पर भी बहस चल रही थी। नवाज़ शरीफ ने एक आमसभा में अपने ऊपर की गई टीका-टिप्पणी से गुस्सा होकर करामात ने सेना प्रमुख पद से इस्तिफा दे दिया।साँचा:cn नवाज शरीफ ने जनरल परवेज़ मुशर्रफ को सेना प्रमुख के पद पर नियुक्त किया।

भारतीय सेना को नुकसान

26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी। इस दिन को हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। करीब दो महीने तक चला कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर भारतीय देशवासी को गर्व होना चाहिए। करीब 18 हजार फीट की ऊँचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने लगभग 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था वहीं 1300 से ज्यादा घायल हुए थे। युद्ध में २७०० पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और २५० पाकिस्तानी सैनिक जंग छोड़ के भाग गए।

युद्ध की शुरुआत

वैसे तो पाकिस्तान ने इस युद्ध की शुरूआत 3 मई 1999 को ही कर दी थी जब उसने कारगिल की ऊँची पहाडि़यों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। इस बात की जानकारी जब भारत सरकार को मिली तो सेना ने पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया।

लड़ाकू अस्त्रों का प्रयोग

भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया। इसके बाद जहाँ भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था वहाँ बम गिराए गए। इसके अलावा मिग-29 की सहायता से पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया।

इस युद्ध में बड़ी संख्या में रॉकेट और बमों का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान करीब दो लाख पचास हजार गोले दागे गए। वहीं 5,000 बम फायर करने के लिए 300 से ज्यादा मोर्टार, तोपों और रॉकेटों का इस्तेमाल किया गया। युद्ध के 17 दिनों में हर रोज प्रति मिनट में एक राउंड फायर किया गया। बतायाक ऐसा युद्ध था जिसमें दुश्मन देश की सेना पर इतनी बड़ी संख्या में बमबारी की गई थी।

घटनाक्रम

3 मई 1999 : एक चरवाहे ने भारतीय सेना को कारगिल में पाकिस्तान सेना के घुसपैठ कर कब्जा जमा लेने की सूचना दी।

5 मई : भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टीम जानकारी लेने कारगिल पहुँची तो पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया और उनमें से 5 की हत्या कर दी।

9 मई : पाकिस्तानियों की गोलाबारी से भारतीय सेना का कारगिल में मौजूद गोला बारूद का स्टोर नष्ट हो गया।

10 मई : पहली बार लदाख का प्रवेश द्वार यानी द्रास, काकसार और मुश्कोह सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया।

26 मई : भारतीय वायुसेना को कार्यवाही के लिए आदेश दिया गया।

27 मई : कार्यवाही में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया।

26 जुलाई : कारगिल युद्ध आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया । भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों के पूर्ण निष्कासन की घोषणा की।

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite book
  2. साँचा:cite web
  3. साँचा:cite web
  4. Government of India site mentioning the Indian casualties स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Statewise break up of Indian casualties statement from Indian Parliament स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. साँचा:cite web
  6. साँचा:cite web
  7. साँचा:cite web
  8. साँचा:cite news
  9. साँचा:cite web
  10. साँचा:cite web
  11. साँचा:cite news
  12. साँचा:cite book
  13. साँचा:cite web
  14. साँचा:cite web
  15. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। Page 297
  16. साँचा:cite news
  17. साँचा:cite web
  18. साँचा:cite web

बाहरी कड़ियाँ

{भारत के वैदेशिक सम्बन्ध} रूस ने भारत की आर्थिक व हथियार तथा उनके सैनिको ने भारत का साथ दिया था। अमेरिका ने जब भारत को धमकाने की कोशिश की तब रूस ने भारत की सहायता की । इस युद्ध में श्रीलंका ने परोक्ष रूप से और ब्रिटेन ने प्रत्यक्ष रूप से लड़ा था। ब्रिटेन ने अपना ईगल जहाज भेजा था। अमेरिका ने सातवाँ बेड़ा भेजा था।