काबुल बम धमाका 2021

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काबुल बम धमाका 2021
स्थान काबुल, अफगानिस्तान
तिथि 8 मई 2021
हमले का प्रकार बम विस्फोट
हथियार वाहन
मृत्यु 85
घायल 150+

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के पश्चिमी हिस्से में 8 मई 2021 को एक स्कूल के नजदीक बम विस्फोट हुआ। इस धमाके में लगभग 85 लोगों की मृत्यु हो गई और 150 से अधिक लोग घायल हो गए।[१][२] यह विस्फोट अफगानिस्तान के सईद अल-शुहादा स्कूल के निकट हुआ। यह विस्फोट एक गाड़ी के भीतर हुई। विस्फोट के बाद तत्काल ही दो और विस्फोट हुए। हताहतों में अधिकांश 11 और 15 वर्ष की उम्र की लड़कियां थीं। माना जा रहा है कि विस्फोट के इस क्षेत्र में अक्सर इराक़ के क्षेत्रीय उग्रवादियों का हमला होता आया है।[३]

विस्फोट के बाद क्षेत्रीय जनों ने सरकार की लापरवाही के विरुद्ध ज़ोर-शोर से नारें लगाएँ। उनका मानना है कि ये जानते हुए कि यह क्षेत्र आतंकवादियों से पीड़ित रहता है, सरकार ने कोई विशेष सुरक्षा का प्रबंध नहीं किया। लोगों ने दुर्घटना का जिम्मेदार राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी अहमदज़ई को ठहराया और उनके विरुद्ध नारें लगाएँ।[४]

हमले की पृष्ठभूमि

काबुल के सईद अल-शुहदा स्कूल के प्रवेश द्वार के सामने यह दुर्घटना एक वाहन के भीतर रखें बम के विस्फोट के रूप में हुआ। इस दुर्घटना में घायल होने वालो में छात्राओं की संख्या अधिक है।[५]

एक स्कूल शिक्षक ने दुर्घटना का इस प्रकार वर्णन किया कि, "विस्फोट सबसे पहले एक वाहन में हुआ और फिर बालिका विद्यालयों के पास दो और विस्फोट हुए। आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी अपने बयान में कहा है कि प्रारंभिक विस्फोट एक कार बम था[६]

घायल छात्रों में से एक ने कहा है कि विस्फोट होने पर वह स्कूल छोड़ रही थी और लगभग दस मिनट बाद दो और विस्फोट हुआ। उसने आगे बताया कि सभी लोग खून से सने थें। मलबे और निजी सामान मैदान के आसपास बिखरे हुए थे।[७]

हताहतों की संख्या

बमबारी के दिन 58 लोगों के मारे जाने और 160 से अधिक लोगों के घायल होने की रिपोर्ट दर्ज़ की गई थी। हमले के एक दिन बाद, मरने वालों की संख्या बढ़कर 85 हो गई। पीड़ितों में से अधिकांश 18 वर्ष से कम उम्र की स्कूली छात्राएं थीं। अस्पताल में अधिकांशतः पीड़ितों की उम्र 12-20 वर्ष की दर्ज़ की गई।[८][९]

विस्फोट के बाद

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी अहमदज़ई ने आतंकवादी हमले की निंदा की और घटना के मद्देनजर 11 मई को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।[१०] राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी अहमदज़ई ने हमले के लिए तालिबान को दोषी ठहराया, लेकिन तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने मीडिया को जारी एक संदेश में हमले में शामिल होने से इनकार किया। तालिबान के प्रवक्ता ने भी हमले की निंदा की और आईएसआईएस को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया। इसके अतिरिक्त उन्होंने अफगानिस्तान के खुफिया विभाग पर आई.एस के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया।[११]

घटना के बाद कई पीड़ितों के परिवार वावे भड़क उठें। उन्होंने बमबारी का जिम्मेदार सरकार की लापरवाही को ठहराया। कई लोगों ने तो घटना स्थल पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों से हाथापाई भी की। लोगों ने सरकार के विरुद्ध जोरो से नारे लगाएँ।[१२]

सन्दर्भ