कल्याण सिंह रावत

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
चित्र:Nanda Devi Smriti Van.jpg
Kalyan Singh Rawat in Nanda Devi Smriti Van planted by members of Maitee Movement

मैती आंदोलन के प्रणेता एवं पर्यावरणविद कल्याण सिंह रावत का जन्म १९ अक्टूबर १९५३ को उत्तराखंड में हुआ था| जीव-विज्ञान के अध्यापक के रूप में वे उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर नियुक्त रहे और स्थानीय लोगों को पर्यावरण संवर्धन और वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया| उनके द्वारा १९९५ में शुरू किया गया मैती आंदोलन प्रकृति एवं पेड़ों से भावनात्मक लगाव पर आधारित है तथा पेड़ों को रोपने के साथ उनके संरक्षण पर जोर देता है| उनके द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन आज भारत के १८ राज्यों समेत विश्व के अनेक देशों में अपनी जड़ें जमा चुका है|

मैती शब्द उत्तराखंड की लोकभाषा से लिया गया है | मैत शब्द का अर्थ हिंदी में मायका होता है और मैती का अर्थ होता है मायके वाले | मैती परंपरा में  विवाह के  समय वर-वधु के द्वारा मंत्रोच्चार के बीच एक पौधा लगाया जाता है | इस तरह वधु इस पौधे को अपना मैती यनि परिवार का सदस्य बना लेती हैं और देखभाल का जिम्मा परिवार की महिलाओं को सौंपती है | प्रथा के परिणाम स्वरुप रोपे गए पौधों से लोगो का भावनात्मक सम्बन्ध जुड़ता है और पौधों की देखभाल परिवार के सदस्य की तरह जाती है |

इस परंपरा को शुरू कर कल्याण सिंह रावत ने वृक्षारोपण और वृक्ष संरक्षण की मुहिम को नया जीवन प्रदान किया | पहले जहाँ रोपे गए पौधे कुछ ही महीनों में सूख जाते थे, मैती प्रथा के अंतर्गत उनका सरंक्षण महत्वपूर्ण बना और आज इसके फलस्वरूप कई छोटे-बड़े मैती वनों का निर्माण हुआ है जिनमें केवल उत्तराखंड में ही करीब ५ लाख पेड़ों का रोपण और संरक्षण किया गया है |

बाहरी कड़ियाँ

  • नीयत का कमाल - मैती आंदोलन के प्रवर्तक कल्याण सिंह रावत से बातचीत