कलाबाज़ (1977 फ़िल्म)
कलाबाज़ | |
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चित्र:कलाबाज़ (1977 फ़िल्म).jpg कलाबाज़ का पोस्टर | |
निर्देशक | अशोक रॉय |
निर्माता | यश कोहली |
लेखक | एस एम अब्बास (संवाद) |
पटकथा | कॉल तरुण सेन |
अभिनेता |
ज़ीनत अमान, देव आनन्द, असरानी, प्रदीप कुमार, विकास आनन्द, दर्शन अरोड़ा, तरुन घोष, ए के हंगल, हरक्यूलीस, देव कुमार, ललिता कुमारी, सुजीत कुमार, राम मोहन, |
संगीतकार |
कल्याणजी आनंदजी आनंद बख्शी (गीत) |
छायाकार | डी के प्रभाकर |
संपादक | बाबु शेख |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | साँचा:start date |
समय सीमा | 145 मिनट |
देश | साँचा:flag/core |
भाषा | हिन्दी |
कलाबाज़ 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।
संक्षेप
चरित्र
विजय (देव आनन्द) और राधा 'बनाम' लीज़ा (ज़ीनत अमान) कलाबाज़ है और सर्कस में काम करते है जिसका मालिक राधा के पिता जी डी सप्रू (प्रदीप कुमार) है| दोनों में प्रेम भी है| सर्कस में नीचे बचाव वाली जाली के बिना एक जांबाज़ प्रदर्शन में दोनों में तालमेल नहीं होता और राधा ज़मीन पर गिर बहुत ज़ख़्मी होती है| इलाज़ के बाद उसका चेहरा पूरी तरह बिगड़ जाता है| विजय को अपना नया चेहरा न दिखाने के लिए वह विदेश चली जाती है| इधर पंडितों का एक बृंद विजय से भारत-बर्मा सीमा पर लगी दुर्गम पहाड़ियों में पड़ी श्रीकृष्ण और देवी राधा के मूर्तियाँ ढूंढ लाने की विनती करते है| उनकी बात मान विजय, चंगू (असरानी), मंगू (तरुण घोष) व सैंडोज़ (हरक्यूलीस) को साथ लिए चल पड़ता है| रास्ते में उनकी भेंट सप्रू व उनकी भतीजी टीना (ज़ीनत अमान), जो राधा की हमशक्ल है, से होती है| एक मरते हुए पुजारी (ए के हंगल) से भी उनकी भेंट होती है| कहानी के शेष भाग में यह दिखाया गया है, क्या विजय उन मूर्तियों को लाने में और टीना के रूप में राधा को पहचानने में सफल होता है|
मुख्य कलाकार
- देव आनन्द - विजय
- ज़ीनत अमान - लीज़ा/राधा सप्रू/टीना
- प्रदीप कुमार - जी डी सप्रू, सर्कस मालिक
- असरानी - चंगू
- तरुण घोष - मंगू
- हरक्यूलीस - सैंडोज़
- ए के हंगल - पुजारी
- देव कुमार - किंग माँग
- सुजीत कुमार - मल्होत्रा
- ललिता कुमारी - तारा
- विकास आनन्द
- दर्शन अरोड़ा
- राम मोहन
दल
- निर्देशक - अशोक रॉय
- निर्माता - यश कोहली
- कथा - तरुण घोष
- पटकथा - कॉल तरुण सेन
- संवाद - एस एम अब्बास
- संपादक - बाबु शेख
- छायांकन - डी के प्रभाकर
संगीत
सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत कल्याणजी आनंदजी द्वारा रचित।
गने | |||
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क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
1. | "अरे रूठे है तो मान जाएंगे" | किशोर कुमार | 5:28 |
2. | "अरे हमसे जो टकराएगा" | किशोर कुमार, आशा भोसले | 4:44 |
3. | "प्यारा प्यारा समा है प्यार करले" | किशोर कुमार | 3:35 |
4. | "प्यारा प्यारा समा है प्यार करले" | लता मंगेशकर | 3:45 |