करमचंद

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

करमचंद 80 के दशक का एक मशहूर टीवी धारावाहिक है। 1985 में तैयार किया गया ये धारावाहिक, जो कि संभवतः भारत का पहला जासूसी धारावहिक भी था, दूरदर्शन पर ऐसे समय में प्रसारित होता था जब भारतीय दर्शक सैटेलाईट चैनलों से अनजान थे। पंकज पाराशर द्वारा निर्मित इस धारावाहिक में सुनील शर्मा के लगातार हिलते डुलते कैमरे से किये छायांकन और आनंद मिलिंद के संगीत के साथ करमचंद तथा उनकी सेक्रेटरी किटी द्वारा सुलझाये जाते जुर्म के मामले। यह एक तिलिस्मी प्रस्तुतिकरण रहा और काफी लोकप्रिय भी जिसका ज़िक्र दूरदर्शन के सुनहरे दिनों के रूप में किया जाता है। धारावाहिक में करमचंद की भूमिका पंकज कपूर ने और किटी का किरदार सुश्मिता मुखर्जी ने अदा किया था। इनके साथ एक और अहम किरदार था इंस्पेक्टर खान का जिसे दीपक काज़िर ने निभाया थी।

धारावाहिक में करमचंद हमेशा गाजर चबाते दिखाये देते थे और लगभग हर किस्से के अंत पर किटी का संवाद होता था "यू आर रीयली अ जीनीयस सर!" जिसका करमचंद झिड़क कर जवाब देते थे "शट अप"।

फरवरी 2007 में सोनी टेलीविजन चैनल ने इस धारावाहिक को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया। पाराशर द्वारा ही निर्देशित सीरीयल के इस नये अवतार में करमचंद का किरदार तो पंकज ही निभा रहे हैं पर किटी की भूमिका सुचेता खन्ना निभा रही हैं। नये धारावाहिक की पहली कड़ी 10 फ़रवरी 2007 को रात 9 बजे प्रसारित हुई।

इन्हें भी देखें