करण (ज्योतिष)
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चन्द्र और सूर्य के भोगांश के अन्तर को 6 से भाग देने पर प्राप्त संख्या करण कहलाती है। दूसरे शब्दों में चन्द्र और सूर्य में 6 अंश के अन्तर के समय को एक करण कहते है।
प्रत्येक तिथि में दो करण होते हैं। अर्थात 30 तिथियों में 60 करण होते है। करणों के नाम इस प्रकार है।
- 1. बव
- 2. बालव
- 3. कौलव
- 4. तैतिल
- 5. गर
- 6. वणिज
- 7. विष्टि (भद्रा)
- 8. शकुनि
- 9. चतुष्पद
- 10. नाग
- 11. किस्तुघन
इसमें किस्तुघन से गणना आरम्भ करने पर पहले 7 करण आठ बार क्रम से पुनरावृ्त होते है। अंत में शेष चार करण स्थिर प्रकृति के है।