कम्प्यूटेशनल फोरेंसिक

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कम्प्यूटेशनल फोरेंसिक एक मात्रात्मक दृष्टिकोण है न्यायालयिक विज्ञान की पद्धति को। इसमे शामिल है साडी कंप्यूटर की तकनीके जैसे कि कंप्यूटर आधारित मॉडलिंग, कंप्यूटर सिमुलेशन , विश्लेषण, और मान्यता का अध्ययन करने और समस्याओं को सुलझाने में विभिन्न विषयों में फोरेंसिक समक्ष रखी। कम्प्यूटेशनल फोरेंसिक बना है कम्प्यूटेशनल विज्ञान और फोरेंसिक विज्ञान के एकीकृता से।

एक व्यापक रेंज, वस्तु, पदार्थों और प्रक्रियाओं की जाँच करना है, जो मुख्य रूप मे पैटर्न साक्ष्य के आधार पर कर रहे हैं वो है हथियार के निशान, उंगलियों के निशान, जूतों के निशान, दस्तावेज आदि।[१]

कम्प्यूटेशनल विधिया कई जहग फॉरेंसिक विज्ञान मे इस्तेमाल होती है:[२][३] जैसे की:

  • व्यक्तित्व का कठोर मात्रा का ठहराव मै
  • परिभाषा और संभावना अनुपात की स्थापना
  • दक्षता और दैनिक फोरेंसिक काम में प्रभावशीलता की वृद्धि

कार्यान्वित एल्गोरिदम सिग्नल और छवि प्रसंस्करण, कंप्यूटर दृष्टि,कंप्यूटर ग्राफिक्स, डेटा दृश्य, सांख्यिकीय पैटर्न मान्यता, डाटा खनन, मशीन सीखने, और रोबोटिक्स के क्षेत्र से हैं।

सन्दर्भ

  1. S. N. Srihari, "Beyond CSI: The Rise of Computational Forensics", IEEE Spectrum स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, pp. 38-43, December 2010.
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. साँचा:cite journal DIO 10.1109/TCAD.2004.828122