कतरनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य
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साँचा:infobox कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य भारत-नेपाल सीमा पर, भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद की नानपारा तहसील में स्थित है। यह प्रभाग लगभग ५५१ कि० मी० क्षेत्र में फैला तराई ईकोसिस्टम का विशिष्ट उदाहरण है।
जैव विविधता एवं बाघों के संरक्षण के लिए वर्ष २००३ में इस वन्यजीव अभयारण्यको टाइगर प्रोजेक्ट में सम्मिलित किया गया है। कल कल करती हुई आकर्षक गिरवा नदी संकटग्रस्त गांगेय डोल्फिन विशालकाय मगर तथा कछुए का प्रिय वास स्थल है। बड़े-बड़े घास के मैदानों साल साखू एवं सगोंन के घने वनों तथा जलीय क्षेत्रों को अपने में समेटे यह वन्य जीव प्रभाग जैव विविधता में अति समृद्धि क्षेत्र है। बाघों कि दहाड़ से थर्रयाये वनों कीवृक्षों की शाखाओं पर आराम करते तेंदुए कुलाचें भरते चीतल पाड़ा बारासिंघ्हा सांभर कांकड तथा लम्बे थुथून से वन भूमि खोदते जंगली सूअर वृक्ष की डालों से झूलते बंदरों व लंगूरों का अवलोकन नैसर्गिक अनुभूतियों हैं। वन्य जीवों की प्रचुरता को संरक्षित करने के उद्देश्य से उतर प्रदेश सरकार ने इस प्रभाग को ६ प्रखंडो में बांटा है जिसमें से चार प्रखंड (कतर्निया, निशानागारा, मुर्तिहा, भारथापुर) को वन्य जीव प्रारक्षण के तहत कोर ज़ोन तथा शेष दो प्रखंडों मोतीपुर और ककरहा को बफर ज़ोन धोषित किया है।
इस वन्य जीव प्रभाग के मध्य से ही उत्तर पूर्व रेलवे की छोटी लाइन तथा बिछिया कतर्निया पर्यटक स्थल को जोड़ती सड़क मार्ग एक दूसरे के समानांतर गुजरती है