कंबोडिया में बारूदी सुरंगें

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कंबोडिया दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित एक देश है।   जिसकी प्रमुख समस्या ग्रामीण क्षेत्रों में बारूदी सुरंगों है। जो कि तीन दशकों से चले आए युद्धो का परिणाम है। जिसके कुप्रभाव कंबोडियाईन लोगों मे देखें जा सकते हैं। यहां करीब ४०००० अपंग लोग हैं जो कि इन्हीं बारूदी सुरंगों की वजह से है। अपंग लोग कि यह दर विश्व में उच्चतम दरो में एक हैं।[१]कम्बोडियन माइन एक्शन सैंटर (CMAC) का अनुमान है कि कंबोडिया में चार से छह लाख बारूदी सुरंगों की खाने तथा ऐसे बिना फटे टुकड़े हो सकती है। [२]

चीनीयों द्वारा बनाए गए बारूदी सुरंगों को कंबोडिया में कम्बोडियन गुटों (लोन नोल, खमेर रूज, हेंग समरीन और हुन सेन शासनों, तथा कमपुचिया के लोकतांत्रिक गठबंधन की सरकार द्वारा रखा गया था जिन्हें अंतरराष्ट्रीय समर्थन से संयुक्त राष्ट्र की सीट को १९८० के दशक तक बनाए रखा) द्वारा १९७० से १९८० के दशक में सिविल युद्ध के दौरान कंबोडिया में रखे गए थे। यह पूरे देश के सभी क्षेत्रों में रखे गए थे। कंबोडियाई लोगों की एक आम समस्या यह है कि एन्टी पर्सनल माइन को लगाने वाले भी यह भुल जाते कि उन्हें कहां लगाया गया था। साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed]

दुर्घटना दरों

जून २०१७ के कंबोडियान माइन विक्टीम इन्फोर्मेशन सर्विस (CMVIS) के हताहत आंकड़े यह दर्शाते हैं कि कंबोडिया दुनिया के बारूदी सुरंगों से हताहत होने वाले लोगों की गिनती २०१० जो की हताहत दर में सबसे ज्यादा है। नवंबर २०१७ तकके आंकड़े दर्शाते हैं कि २०१३ में हताहतों की संख्या १११ थी, जिसमें २२ लोगों को मृत्यु और ८९ घायल हो गए । [३] एक-तिहाई हताहतों की संख्या बच्चों की है, और उनमें से अधिकतर लड़के थे। आंकड़े के अध्ययन यह दिखा रहा है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों और लड़कों के इन विस्फोटकों के साथ खेलने तथा जांच में अधिक रुचि रही हैं .[४]  बारूदी सुरंगों से पीड़ितों जीवित पुरुषों की संख्या ८७ % हैं जिनमें से १५ साल से अधिक के पुरुष है, जिनकी औसतन आयु २८ वर्ष है ।  अफगानिस्तान, में ७३% पुरुष जिनकी आयु १६ से ५० और २०% शिकार बच्चे हैं  

"आई सी आर सी के आंकड़े बताते है कि केवल २५% बारूदी सुरंग से पीड़ितों ६ घंटे के भीतर  अस्पताल पहुंच पाते हैं। १५% पीडित लोगों को अस्पताल  पहुचने में ३ दिन लग जाते हैं। [५] २०१६ की पहली छमाही के दौरान बारूदी सुरंग की घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है, जो कि २०१५ के ११ की तुलना में २० मौतें है जबकि इस दौरान चोटों कि संख्या में गिरावट आई लगभग आधे से ५५ के जगह २९। [६]

यह भी देखें

  • अकी रा
  • कम्बोडियन स्वयं सहायता Demining

संदर्भ

  1. साँचा:cite web
  2. साँचा:cite web
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