ओगावारा झील

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ओगावारा झील (小川原湖 ओगवारा-को), जापान की ग्यारहवीं सबसे बड़ी झील (क्षेत्र के अनुसार) और ओमोरी प्रांत का सबसे बड़ा हैं।[१] यह मिसावा और तोहोकू शहर और कामिकिता जिले के रॉककाशो के गांव तक फैला हुआ हैं।

भूगोल

इस झील का क्षेत्रफल 63.2 किमी² हैं, और इसमें 0.714 किमी³ पानी हैं। इसकी परिधि 67.4 किलोमीटर हैं। अपने सबसे गहन बिंदु पर, झील की गहराई 25 मीटर के साथ इसकी औसतन गहराई 11 मीटर हैं। झील सतह, समुद्रतल के बराबर हैं। झील समुद्र तट से लगभग 200 मीटर की दूरी तक झील उथला (2 मीटर तक) हैं, इसके आगे से गहराई तेजी से बढ़ती जाती हैं। ओगावारा झील, प्रशांत महासागर के तट के बहुत ही निकट हैं, और झील के मुख और समुद्र के बीच बने रेत के टीले कई बार तूफान से उड जाती है, जोकि झील के खारे पानी के लिए जिम्मेदार हैं। इसमें हाक्कोदा पर्वतमाला से आने वाली चार प्रवाह नदियाँ आ कर मिलती हैं। जबकि इससे बाहर जाने वाली एकमात्र तकेस नदी हैं, जो झील से निकल प्रशांत महासागर में मिलती हैं।

इतिहास

ओगावारा झील, मूल रूप से एक समुद्री खाड़ी थी, जो करीब 3,000 साल पहले झील के मुंह पर एक रेत के टीले के निर्माण के साथ झील बन गया। झील ओगावारा के आसपास कि तटरेखा प्रागैतिहासिक काल के बाद से स्थित है, और यहाँ से कई जोमोन काल के अवशेष और मिडेन के खोल की खोज की गई हैं।

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पर्ल हार्बर में हमले के लिए अभ्यास करने के लिए मिसावा एयरफील्ड में इंपीरियल जापानी नेवी एयर सर्विस इकाइयों द्वारा इस झील का उपयोग किया गया था, क्योंकि झील की और पर्ल हार्बर के हवाई खाड़ी की गहराई में काफी समानता हैं।

1970 के दशक की शुरुआत से जापानी सरकार ने प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभाव के बावजूद, झील को ताजे पानी में परिवर्तित करने की परियोजना चालु कि हुई हैं, ताकि इसका प्रयोग पीने, औद्योगिक और सिंचाई के पानी के स्रोत के रूप में किया जा सके।

वातावरण

ओगावारा झील, प्रचुर मात्रा में मछली और पक्षियों के लिए एक आवास स्थल हैं, और इस तरह पर्यावरण के जापानी मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। झील में स्वाभाविक रूप से विभिन्न प्रकार के जलिय जीव-जन्तु रहते हैं।

1996 में, ओगावारा झील के तट पर जंगली पक्षियों की आवाज़ को पर्यावरण मंत्रालय द्वारा, जापान के 100 प्रशिध्द ध्वनियों में से एक के रूप में चुना गया था।.[२]

वर्ष 2002 में, पर्यावरण मंत्रालय ने ओगावारा झील को जापान के 500 महत्वपूर्ण जलीय क्षेत्रों में, विशेष रूप से जलीय वनस्पति, कीड़े, ताजे पानी के शंख और जैविक विविधता के लिए प्रवासी वन्यफ़ोवल के आवास के रूप में वर्गीकृत किया था।[३]

ओगावारा झील

झील, गंभीर रूप से लुप्तप्राय हुचो पेरी का घर था, जो 1943 में आखिरी बार देखा गया था। बाहर से आने वाले पक्षियों में जोफ़र्ड हंस और टुंड्रा हंस भी शामिल हैं।

आर्थिक गतिविधि

झील में जापानी स्मेल्ट, आइसफिश, गोबी और शिजीमी के पालन हेतु एक वाणिज्यिक स्रोत हैं।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

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