ए एम आई ई

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

ए एम आई ई (AMIE / एसोसिएट मेम्बर ऑफ द इंस्टिट्यूट ऑफ इंजिनीयर्स) भारत में बी. टेक. के समकक्ष है, जो डिप्लोमा या 10+2 के बाद की जा सकती है।

ए.एम.आई.ई. की परीक्षा द इंस्टीटयूशन ऑफ इंजिनियर्स (इंडिया) द्वारा आयोजित की जाती है।

परीक्षा

परीक्षा जून व दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में होती हैं। डिप्लोमा होल्डर के लिये कुल १३ पेपर हैं - सेक्शन ए में ४ व सेक्शन बी में ९ पेपर होते हैं। अगर आपने १०+२ विज्ञान विषयों में किया है (न्यूनतम ४५% अंको से), तो भी आप ए.एम.आई.ई.कर सकते हैं। १०+२ के लिये कुल १९ पेपर हैं - सेक्शन ए में १० व सेक्शन बी में ९।

पूरे भारत में कुल ६० स्थानों पर परीक्षायें होती हैं। भारत से बाहर भी परीक्षायें होती हैं - गल्फ देशों मे। वर्तमान में कुल ४.५ लाख से ज्यादा डिप्लोमा धारक ए.एम.आई.ई.कर रहें हैं। द् इंस्टीटयूशन ऑफ इंजिनियर्स (इंडिया) के पूरे भारत में ९० से ज्यादा सेंटर हैं तथा भारत से भाहर गल्फ शहरों जैसे बहरीन, दोहा, दुबई, कुवैत, आबूधाबी इत्यादि में भी सेंटर हैं।

अगर आपने डिप्लोमा हिन्दी माध्यम से किया है तो आप ए.एम.आई.ई. हिन्दी माध्यम से भी कर सकते हैं। इसके लिये आपको एक प्रार्थना पत्र द् इंस्टीटयूशन ऑफ इंजिनियर्स (इंडिया) को देना होगा। वहाँ से अनुमति मिलने पर आप परीक्षा हिन्दी में दे सकेंगे। अगर आप 10+2 के बाद ए.एम.आई.ई. करना चाहते हैं तो सिर्फ अंग्रेजी भाषा ही माध्यम होगा।

शुल्क

ए.एम.आई.ई.परीक्षा देने से पूर्व सदस्यता लेनी होती है जिसका शुल्क मात्र ३५६५ रुपये होता है। अतः संभवतः यह सबसे सस्ती डिग्री है।

विकल्प

आप किसी भी ब्रांच (सिविल, मैकेनिकल, ईलेक्ट्रीकल, इलेक्ट्रानिक्स, कंप्यूटर, कैमिकल, माइनिंग, टेक्सटाइल, प्रोडक्शन व मैटलर्जी) से ए.एम.आई.ई. कर सकते हैं। परीक्षा की तैयारी के लिये अच्छी पाठन सामग्री ए.एम.आई.ई.स्टडी सर्किल के पास उपलब्ध है। ए.एम.आई.ई.के बाद आप कर सकते हैं - एम टेक, बी. टेक के समकक्ष नौकरी, आइ. ई. एस., अपनी कंसल्टेंसी इत्यादि। अगर आप गेट की परीक्षा पास करके एम टेक करेंगे तो आपको एक अच्छी स्कालरशिप भी मिलेगी। अधिकांश एम टेक मात्र दो साल में हो जाती हैं। ए.एम.आई.ई. स्टडी सर्किल की वेब साइट द्वारा पूरे भारत में कराये गये सर्वेक्षण से पता चलता है कि ७० प्रतिशत छात्र ए.एम.आई.ई.के बाद एम टेक करना चाहते हैं।

प्लेसमेंट व सुविधाएँ

ए.एम.आई.ई. के बाद प्लेसमेंट की सुविधा भी उपलब्ध है। यह प्लेसमेंट द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनीयर्स के वार्षिक समारोह में होता है।

अगर आप सरकारी नौकरी में हैं तो आपको प्रोमोशन भी अवश्य मिलेगा। ए.एम.आई.ई.करने के बाद आप द् इंस्टीटयूशन ऑफ इंजिनियर्स (इंडिया) के विभिन्न गेस्ट हाउसों का लुत्फ भी उठा सकते हैं। सदस्यों के लिये शुल्क नाममात्र को ही है। शिमला, देहरादून, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, चंदीगढ, बेंगलूर, कलकत्ता जैसी लगभग ४० प्रसिद्ध शहरो में इसके गेस्ट हाउस हैं। सभी गेस्ट हाउस विभिन्न सुविधाओं से सुसज्जित हैं।

कुल मिलाकर डिप्लोमा धारक के लिये जो बी टेक करना चाहे, सस्ता व सुलभ विकल्प ए.एम.आई.ई. ही है जो उसके अच्छे भविष्य की चाबी भी है।

ए. एम. आइ. ई. के बाद एम टेक का विकल्प

आजकल विशेषज्ञता का जमाना है। हॉलाकि बी टेक लेवल पर कई अभियांत्रिकी आधारित बेसिक कोर्स कराये जाते हैं परंतु किसी एक अभियांत्रिकी शाखा जैसे सिविल अभियांत्रिकी, के किसी एक उपशाखा जैसे भू-अभियांत्रिकी के विशेष ज्ञान के लिये एम टेक करना आवश्यक हो जाता है। ऐसे कई इंजिनियरिंग कॉलेज हैं जहाँ से एम टेक किया जा सकता है। एम टेक करने की पहली शर्त यह है कि आपने बी टेक अथवा ए. एम. आइ. ई. किया हो। परंतु एम टेक करने के लिये सर्वप्रथम गेट की परीक्षा अच्छे स्कोर से पास करना आवश्यक है। अगर आपका स्कोर 99 है तो इसका यह अर्थ है कि आप टॉप 1 प्रतिशत अभियार्थियो में हैं। अगर आपका गेट स्कोर 70 से कम है तो आप फेल माने जायेंगे। 85 से ऊपर का गेट स्कोर अच्छा माना जाता है। अगर आपका गेट स्कोर 95 से अधिक है तो आपको आई आई टी में प्रवेश के लिये प्रयास करना चाहिये। 85 से 95 के मध्य आपको रीजनल इंजिनियरिंग कॉलेजो में प्रयास करना चाहिये।

यह परीक्षा फरवरी माह के दूसरे रविवार को होती है। यह परीक्षा तीन घंटे की होती है तथा कुल 150 नंबर का पेपर होता है (ऑब्जेक्टिव – 75, थ्योरी – 75)। इस परीक्षा हेतु विज्ञापन अक्टूबर प्रथम माह में राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रो में निकलता है। परीक्षा परिणाम मार्च के आखिरी दिन घोषित होता है। अगर आप अच्छे स्कोर से गेट की परीक्षा पास करते हैं तो न सिर्फ आपको एक अच्छे इंजिनियरिंग कॉलेज/आई आई टी में प्रवेश मिलेगा अपितु एक बहुत अच्छी स्कॉलरशिप (पूरे 18 माह तक) भी मिलेगी। गेट पास अभियार्थियों को सी एस आई आर की लैब्स में जूनियर रिसर्च फैलोशिप भी मिल सकती है। एडमिशन के लिये गेट स्कोर दो साल तक प्रयोग किया जा सकता है।

एडमिशन के लिये आपको विभिन्न इंजिनियरिंग कॉलेजो/आई आई टी के प्रवेश विज्ञापनो पर निगाह रखनी होगी। ये विज्ञापन अप्रैल माह से आरंभ होकर जुलाई माह तक चलते रहते हैं।

इन कॉलेजो में प्रवेश - गेट स्कोर, साक्षात्कार, लिखित परीक्षा तथा अनुभव के आधार पर मिलता है। सामान्यत: गेट के स्कोर को सत्तर प्रतिशत तथा लिखित परीक्षा/साक्षात्कार को तीस प्रतिशत महत्व दिया जाता है। कुछ स्थानो पर (जैसे दिल्ली इंजिनियरिंग कॉलेज) अनुभव को भी महत्व देते हैं।

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें