एशिया माइनर का पठार
यह ईरान का प्रमुख पठार हैं।
इसकी ऊँचाई पश्चिम में 2,000 फुट तक और पूर्व में 4,000 फुट तक है। यह 10,000 फुट से भी अधिक ऊँचे टॉरस और पॉण्टस पर्वतमालाओं से घिरा हुआ है। टर्की का भीतरी भाग ऊँचे बेसिन की भाँति है। जहाँ तहाँ ऊँचे पहाड़ भी मिलते हैं। अधिकांश भाग का जलप्रवाह भीतर की ओर है और नदियाँ या तो झीलों में गिरती हैं अथवा नमकीन निचले दलदलों में लुप्त हो जाती हैं। परंतु कुछ नदियाँ पर्वतों को काटती और गुफाएँ निर्मित करती हुई बहती हैं। चारों तरु ऊँचे पर्वतों से घिरे रहने के कारण यह भाग जाड़े तथा गर्मी दोनों मौसमों में भापभरी हवाओं से साधारणतया वंचित रहने के कारण शुष्क रहता है, वार्षिक वर्ष का औसत लगभग 10"" है। जाड़े में भूमि कभी कभी बर्फ से ढक जाती है। गर्मी में गरम तथा तेज हवाएँ चलती हैं। अत: शुष्क प्रदेशों में मिट्टी हट गई है ओर मरुस्थलीय कंकड़ों का उभार हो गया है। इस अर्धशुष्क घास के मैदानों में भेड़ बकरियाँ पाली जाती हैं। दूध दही का समावेश यहाँ के भोजन में अधिक होता है। ऊन तथा ऊनी कंबल तैयार करना मुख्य पेशा है। अंगोरा से उनका निर्यात होता है। गर्मी के दिनों में गड़ेरिए अपने जानवरों के साथ पहाड़ों पर चले जाते हैं और अन्य मौसम में मैदानी भाग में उतर आते हैं। जहाँ सिंचाई के साधन उपलब्ध हैं वहाँ गेहूँ की खेती होती है। इस पठार में टर्की की एक तिहाई जनसंख्या रहती है। ऐनाटोलिया का यह पठारी भाग तुर्क ो का मुख्य स्थान है। टर्की की राजधानी अंकारा इसी भाग में स्थित है।