एशिया की अर्थव्यवस्था
जनसंख्या: | ४.० अरब |
जीडीपी (क्रय शक्ति) (२०१०): | २४.०७७ खरब डॉलर |
जीडीपी (संज्ञात्मक) (२०१०): | १८.५१५ खरब डॉलर |
जीडीपी/व्यक्ति (क्रय शक्ति) (२००९): | ७,०४१ $ |
जीडीपी/व्यक्ति (संज्ञात्मक) (२००९): | ४,६२९ $ |
प्रति व्यक्ति जीडीपी की वार्षिक वृद्धि दर: |
७.९% (२०१०) |
लखपति*: | ३० लाख (०.०६%) |
बेरोज़गारी | ३.८% (२०१० अनुमान) |
* दस लाख डॉलर से ऊपर। अधिकांश आँकड़े अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से लिए गए हैं। सभी मुद्रा सम्बन्धी आँकड़े अमेरिकी डॉलर में हैं। |
साँचा:sidebar एशिया की अर्थव्यवस्था यूरोप के बाद विश्व की, क्रय शक्ति के आधार पर, दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। एशिया की अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत लगभग ४ अरब लोग आते हैं, जो विश्व जनसंख्या का ६०% है। ये ४ अरब लोग एशिया के ४६ विभिन्न देशों में निवास करते है। छः अन्य देशों के कुछ भूभाग भी आंशिक रूप से एशिया में पड़ते हैं, लेकिन ये देश आर्थिक और राजनैतिक कारणों से अन्य क्षेत्रों में गिने जाते हैं। एशिया वर्तमान में विश्व का सबसे ते़ज़ी उन्नति करता हुआ क्षेत्र है और चीजग इस समय एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जो कई पूर्वानुमानों के अनुसार अगले कुछ वर्षों में विश्व की भी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।[१]
विश्व के अन्य क्षेत्रों के समान ही, एशिया में भी सम्पत्ति का वितरण बहुत असमान है। इसके कई कारण हैं जैसे एशिया का आकार, जिसके कारण यहाँ बहुत अधिक सांस्कृतिक, पर्यावरणीय, एतिहासिक सम्बन्धों और शासन प्रणालियों में विविधता पाई जाती है। संज्ञात्मक और क्रय शक्ति दोनों ही आधार पर एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ इस प्रकार हैं: चीनी जनवादी गणराज्य, जापान, भारत, दक्षिण कोरिया और इण्डोनेशिया।
सम्पत्ति को यदि प्रति व्यक्ति के आधार पर आँका जाए तो यह अधिकांशतः पूर्वी एशिया के राज्यक्षेत्रों में केन्द्रित है जैसे हाँगकाँग, जापान, सिंगापुर और ताइवान। इसके अतिरिक्त तेल-समृद्ध खाड़ी के देशों में जैसे ईरान, सउदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात में भी सम्पत्ति की उपलब्धता है। एशिया में वर्तमान में, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, हाँगकाँग और सिंगापुर को छोड़कर बहुत तेज़ी से वृद्धि और औद्योगिकरण हो रहा है जिसकी अगुआई चीन और बहुत हद तक भारत भी कर रहा है। पूर्वी एशिया और दक्षिणपूर्वी एशिया के देशों में वृद्धि विनिर्माण और व्यापार के द्वारा हो रही है और मध्यपूर्व के देशों में यह वृद्धि अधिकतर तेल के उत्पादन और निर्यात पर निर्भर है। पिछ्ले कई वर्षों में, तीव्र आर्थिक विकास और शेष विश्व के साथ विशाल व्यापार अधिशेष होने के कारण, एशिया के देशों में ४ खरब $ से अधिक का विदेशी मुद्रा भण्डार एकत्रित कर लिया है जो विश्व का आधे से भी अधिक है।
जीडीपी के आधार पर एशिया के देश
निम्नलिखित सूची एशिया के देशों की है जिसमें २०१० के सकल घरेलू उत्पाद के आँकड़े दिए गए हैं। जीडीपी, बाज़ार दर या सरकारी आधिकारिक विनिमय दर (संज्ञात्मक) और क्रय शक्ति दोनों २०१० के आधार पर है।
अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की २०१० संज्ञात्मक और क्रय शक्ति के आधार पर सूची।[२]
एशिया के प्रमुख वितीय-केन्द्र
चित्र:Imperial Palace Pano Some CROPPED टोक्यो, जापान]] चित्र:Hong Kong Skyline Panorama - Dec हाँगकाँग, चीन]] [[चित्र Commons.jpg|thumb|center|600px|बैंकाक, थाईलैण्ड]] चित्र:Downtown KL क्वालालम्पुर, मलेशिया]] [[चित्र:Singapore Skyline डाउनटाउन, सिंगापुर]] मुंबई भारत
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ IMF Report: China will be the largest economy by 2016 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। www.marketplace.org (अंग्रेज़ी)
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।