एशियाई विकास बैंक
ADB logo | |
सिद्धांत | Fighting poverty in Asia and the Pacific |
---|---|
स्थापना | साँचा:if empty |
प्रकार | Regional organization |
वैधानिक स्थिति | Treaty |
उद्देश्य | Crediting |
मुख्यालय | Mandaluyong City, Metro Manila, Philippines |
स्थान | स्क्रिप्ट त्रुटि: "list" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। |
स्थान | स्क्रिप्ट त्रुटि: "list" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। |
साँचा:longitem क्षेत्र | साँचा:if empty |
साँचा:longitem | 68 देश |
साँचा:longitem | मण्डल के निर्देशक[१] |
साँचा:longitem | साँचा:if empty |
जालस्थल | http://www.adb.org |
साँचा:longitem | साँचा:if empty |
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) एक क्षेत्रीय विकास बैंक है जिसकी स्थापना 19 दिसम्बर 1966 को एशियाई देशों के आर्थिक विकास के सुगमीकरण के लिए की गयी थी।[२] यह बैंक यूऍन (UN) इकोनॉमिक कमीशन फॉर एशिया एंड फार ईस्ट (अब यूएनईएससीएपी- UNESCAP) और गैर क्षेत्रीय विकसित देशों के सदस्यों को सम्मिलित करता है।[२] इस बैंक की स्थापना 31 सदस्यों के साथ हुई थी, अब एडीबी के पास अब 68 सदस्य हैं - जिसमे से 49 एशिया और पैसिफिक से हैं और 19 सदस्य बाहरी हैं। एडीबी (ADB) का प्रारूप काफी हद तक वर्ल्ड बैंक के आधार पर बनाया गया था और वर्ल्ड बैंक (विश्व बैंक) के समान यहां भी भारित वोट प्रणाली की व्यवस्था है जिसमे वोटों का वितरण सदस्यों के पूंजी अभिदान अनुपात के आधार पर किया जाता है। वर्तमान में, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान दोनों के ही पास 552,210 शेयर हैं - इन दोनों के पास शेयरों का सबसे बड़ा हिस्सा है जो कुल का 12.756 प्रतिशत है।[३]
संगठन
बैंक की सर्वोच्च नीति-निर्धारक संस्था, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स है जो प्रत्येक सदस्य देश के एक प्रतिनिधि के द्वारा बनी है। इसके बदले में, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, अपने समूह में से 12 सदस्यों को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और उनके सहायक के रूप में चुनते हैं। इन 12 सदस्यों में से 8 सदस्य क्षेत्रीय सदस्यों (एशिया-प्रशांत) से लिए जाते हैं जबकि अन्य गैर क्षेत्रीय सदस्यों में से होते हैं।
बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, बैंक के अध्यक्ष का भी चुनाव करते हैं जो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का भी अध्यक्ष होता है और एडीबी (ADB) का प्रबंधन देखता है। अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है और इसे पुनः निर्वाचित किया जा सकता है। अब तक अध्यक्ष जापान से ही चुने जाते रहे हैं और यह संभवतः इसलिए भी है क्योंकि जापान बैंक के सर्वाधिक बड़े शेयरधारकों में से है। वर्तमान.अध्यक्ष मसतसुगहु असाकावा है। जिन्होंने जनवरी 2020 में ताकेहिको नाकाओ कुरोदा से पदभार लिया था।
बैंक का मुख्यालय 6 एडीबी एवेन्यू, मंडलूयोंग सिटी, मैट्रो मनीला, फिलिपिन्स में है और इसके प्रतिनिधि कार्यालय पूरे विश्व में हैं। बैंक में लगभग 2,400 कर्मचारी हैं, जो इसके 67 प्रतिनिधि देशों में से 55 देशों से हैं और आधे से भी अधिक कर्मचारी फिलीपीन्स के रहनेवाले हैं।
इतिहास
1962-1972
वास्तव में एडीबी (ADB) की योजना कुछ प्रभावशाली जापानियों द्वारा बनायी गयी थी जिन्होंने 1962 में एक क्षेत्रीय बैंक के लिए "निजी योजना" तैयार की थी, जिसे बाद में सरकार द्वारा समर्थन प्राप्त हो गया। जापानियों को ऐसा अनुभव हुआ कि एशिया से उनका हितसाधन वर्ल्ड बैंक के द्वारा नहीं हो पा रहा है और इसलिए वह एक ऐसा बैंक स्थापित करना चाहते थे जिसमे जापान को संस्थागत लाभ प्राप्त हो। 1966 में एडीबी की स्थापना के बाद, जापान ने बैंक में विशिष्ट स्थान प्राप्त कर लिया; इसे अध्यक्षता और कुछ अन्य "आरक्षित पद" प्राप्त हुए जैसे प्रशासकीय विभाग के निदेशक का पद. 1972 के अंत तक जापान ने साधारण पूंजी संसाधनों में 173.7 मिलियन डॉलर (कुल का 22.6 प्रतिशत) का योगदान और विशिष्ट कोष में 122.6 मिलियन डॉलर (कुल का 59.6 प्रतिशत) का योगदान किया था। इसके विपरीत, संयुक्त राज्य ने विशिष्ट कोष में मात्र 1.25 मिलियन डॉलर का योगदान किया।[२]
एडीबी (ADB) जापान की आर्थिक स्वार्थ सिद्धि करता है क्योंकि इसके ऋण अधिकतर इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया, साउथ कोरिया और फिलीपींस जाते हैं, ये सब ऐसे देश हैं जिनके साथ जापान के महत्त्वपूर्ण व्यापारिक सम्बन्ध हैं; 1967-72 में एडीबी (ADB) द्वारा जारी किये गए कुल ऋण का 78.48 प्रतिशत ऋण इन देशों को दिया गया था। इसके अलावा, जापान को इससे अन्य ठोस लाभ भी मिले हैं, 1967-76 में इसे कुल अधिप्राप्ति का 41.67 प्रतिशत प्राप्त हुआ। जापान ने विशिष्ट कोष में स्वयं द्वारा किया गया योगदान अपने कुछ विशेष क्षेत्रों एवं खण्डों और अपने माल एवं सुविधाओं की अधिप्राप्ति के लिए सुरक्षित रखा है, जैसा कि अप्रैल 1968 में विशिष्ट कृषि कोष में 100 मिलियन डॉलर के अनुदान से भी परिलक्षित हुआ।[२]
ताकेशी वाटानेब 1966 से 1972 तक एडीबी (ADB) के पहले अध्यक्ष रहे।
1972-1986
संचयी योगदान में जापान की हिस्सेदारी 1972 में 30.4 प्रतिशत से बढ़कर 1981 में 35.5 प्रतिशत और 1981 में 41.9 प्रतिशत हो गयी। इसके आलावा, जापान एडीबी (ADB) का एक महत्त्वपूर्ण ऋण स्रोत भी रहा है, एडीबी ने जापान से 1973-86 में 29.4 प्रतिशत (6,729.1 मिलियन डॉलर में से) ऋण लिया जबकि इसकी तुलना में यूरोप से 45.1 प्रतिशत और संयुक्त राज्य से 12.9 प्रतिशत ऋण लिया। जापानी अध्यक्ष इनाउस शिरो (1972-76) और योशिदा तरोइची (1976-81) काफी लोकप्रिय हुए. फुजिओका मसाओ जो चौथे अध्यक्ष (1981-90) थे, उन्होंने एक निरंकुश नेतृत्व शैली को अपनाया. उन्होंने एडीबी (ADB) को एक उच्च प्रभाव युक्त डेवलपमेंट एजेंसी (विकास एजेंसी) के रूप में विस्तृत करने की एक महत्वकांक्षी योजना की घोषणा की। उनकी योजना और बैंकिग सिद्धांत के कारण संयुक्त राज्य के निदेशक के साथ विवाद बढ़ने लगा, जिसकी अमेरिकावासियों ने 1985 की वार्षिक बैठक में मुक्त रूप से आलोचना की। [२]
इस काल के दौरान एडीबी (ADB) और जापानी वित्त मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस) के मध्य, विशेषतः इंटरनैशनल फाइनेंस ब्यूरो के साथ, मजबूत संस्थागत गठबंधन हो गये थे।
1986 से
संचयी योगदान में जापान की हिस्सेदारी 1986 में 41.9 प्रतिशत से बढ़कर 1993 में 50.0 प्रतिशत हो गयी। इसके आलावा जापान एडीबी (ADB) के लिए एक प्रमुख ऋण प्रदाता भी बन गया था, 1987-93 के बीच एडीबी ने अपने कुल क़र्ज़ का 30.4 प्रतिशत जापान से लिया, जबकि 39.8 प्रतिशत यूरोप से और 11.7 प्रतिशत संयुक्त राज्य से लिया। हालांकि, पूर्व के व्यवहार से हटते हुए अब जापान 1980 के दशक के मध्य से अधिक निरंकुश हो गया था। जापान की योजना एडीबी (ADB) को अपनी विशाल अतिरिक्त पूंजी के पुनर्चक्रण के लिए वाहक के रूप में और इस क्षेत्र में निजी जापानी पूंजी को आकर्षित करने के लिए एक "उत्प्रेरक" के रूप में प्रयोग करने की थी। 1985 के प्लाज़ा समझौते के बाद, येन के बढ़ते मूल्य के कारण जापानी उद्पादनकर्ता दक्षिणपूर्व एशिया की ओर बढ़ने के लिए विवश हो गए। एडीबी (ADB) ने स्थानीय अवसंरचना में सुधार के द्वारा जापान की निजी पूंजी को एशिया में निर्देशित करने में भूमिका निभायी है।[२] एडीबी (ADB) ने स्वयं को सामाजिक सरोकारों, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और जनसंख्या, शहरी विकास और पर्यावरण के लिए अपने कुल ऋण का 40 प्रतिशत देने के लिए भी प्रतिबद्ध किया जोकि उस समत 30 प्रतिशत था।[२]
एडीबी (ADB) ऋण
एडीबी (ADB) ऑर्डिनरी कैपिटल रिसोर्सेज़ (ओसीआर- सामान्य पूंजी संसाधन) से व्यापारिक शर्तों पर "हार्ड" लोन देता है और एडीबी (ADB) से सम्बद्ध एशियन डेवलपमेंट फंड (एडीएफ) विशिष्ट कोष से रियायती दरों पर "सॉफ्ट" लोन देती है। ओसीआर (OCR) के लिए, सदस्यों द्वारा अभिदानित पूंजी, जिसमे भुगतान की हुई और प्रतिदेय पूंजी शामिल होती है, प्रारंभिक अभिदान के लिए किये गए भुगतान के 50 प्रतिशत के अनुपात में, 1983 में हुई तीसरी सामान्य पूंजी वृद्धि (GCI) का 5 प्रतिशत और 1994 में हुई चौथी सामान्य पूँजी वृद्धि का 2 प्रतिशत, है। एडीबी (ADB) अन्तराष्ट्रीय पूंजी बाज़ारों (इंटरनैश्नल कैपिटल मार्केट) से अपनी पूंजी की गारंटी पर ऋण लेती है।[२]
2009 में, एडीबी ने अपनी सार्वजनिक पूंजी में 200 प्रतिशत की वृद्धि के पांचवें सत्र के लिए सदस्यों से योगदान प्राप्त किया, यह ज्ञी20 (G20) के नेताओं की उस संबोधन की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप किया गया था जिसमे उन्होंने बहुपक्षीय बैंकों के संसाधन में वृद्धि की बात की थी जिससे कि वैश्विक वित्त संकट के इस समय में विकास शील देशों के विकास को सहायता मिल सके। 2010 और 2011 के लिए, 200 प्रतिशत की जीसीआई द्वारा 2010 में 12.5-13.0 बिलियन डॉलर और 2011 में 11.0 बिलियन डॉलर का ऋण दे पाना संभव हो सका। [४] इस वृद्धि के साथ बैंक का पूंजी आधार 55 बिलियन डॉलर से बढ़कर तिगुना हो गया अर्थात 165 बिलियन डॉलर हो गया।[५]
उल्लेखनीय एडीबी परियोजनाएं और तकनीकी सहायता
This Source may contain improper references to self-published sources. Please help improve it by removing references to unreliable sources where they are used inappropriately. (सितम्बर 2010) |
- अफगान डायस्पोरा परियोजना
- थाईलैंड में दक्ष श्रमिकों को लाने के लिए उताह स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित परियोजनाएं के लिए वित्त पोषणसाँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed]
- इंडोनेशिया में भूकंप और सुनामी के लिए आपातकालीन सहायता परियोजना
- ग्रेटर मेकांग उप क्षेत्रीय कार्यक्रम[६]
- आरओसी पिंग हू ऑफशोर ऑयल एंड गैस डेवलपमेंट
- फिलीपींस में नगरीय गरीबीइ उन्मूलन हेतु निजी क्षेत्र के साथ कूटनीतिक भागीदारी
- ट्रांस अफगानिस्तान गैस पाइप लाइन फीज़िबिलिटी एसेसमेंट
- पकिस्तान में आसन्न आर्थिक संकट से उसे उसे बचाने के लिए 1.2 बिलियन डॉलर का ऋण उसकी बढ़ती हुई ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लगातार वित्त पोषण, विशेषकर जल विद्युत् परियोजनाओं के लिए। [७]
- सरकार के संयोजन से निजी संस्थाओं को सूक्ष्म वित्त सहायता, जिसमे भारत और पाकिस्तान शामिल थे।
- पश्चिमी हुबेई प्रान्त के पर्वतीय क्षेत्र के यिचांग-वान्ज्हाऊ रेल मार्ग परियोजना और चीन की उत्तर-पूर्वीय चौन्ग्क्विंग म्युनिसिपैलिटी. (500,000 अमेरिकी डॉलर का ऋण, जिसे 2003 में मंजूरी मिली).[८]
प्रभावकारिता
This Source may contain improper references to self-published sources. Please help improve it by removing references to unreliable sources where they are used inappropriately. (सितम्बर 2010) |
एडीबी (ADB) के वार्षिक ऋण परिमाण को देखते हुए, परिचालन संबंधी और विकासात्मक प्रभाव के लिए प्रशिक्षण अध्ययन में निवेश पर प्रतिफल उच्च होने की सम्भावना है और इसे अधिकतम करना चिंता का एक उचित विषय है। एडीबी (ADB) द्वारा पोषित सभी परियोजनाएं यह जानने के लिए मूल्यांकित की जाती हैं कि इनसे क्या परिणाम प्राप्त किये जा रहे हैं, किन सुधारों पर विचार करने की आवश्यकता है और इनसे क्या सीख मिलती है।
दो प्रकार के मूल्यांकन होते हैं: स्वतंत्र और स्व-मूल्यांकन. स्व-मूल्यांकन उन इकाईयों द्वारा किया जाता है जो किसी देश में योजना निर्माण, कार्यक्रम, परियोजनाओं या तकनीकी सहायता की गतिविधियों को तैयार करने और क्रियान्वित करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। इसमें कई साधन सम्मिलित होते हैं, जिसमे परियोजना/कार्यक्रम की प्रदर्शन रिपोर्ट, मध्यावधि समीक्षात्मक रिपोर्ट, तकनीकी सहायता या परियोजना/कार्यक्रम समापन रिपोर्ट और उस देश के पोर्टफोलियो की समीक्षा रिपोर्ट शामिल हैं। परियोजना समापन रिपोर्ट में सभी परियोजनाएं उचित इकाईयों द्वारा स्व-मूल्यांकित होती हैं। एडीबी (ADB) की परियोजना समापन रिपोर्ट उसकी इंटरनेट साईट पर सार्वजनिक रूप से जारी की जाती हैं। ग्राहक सरकारों से भी यह अपेक्षित होता है कि वह स्वयं की परियोजना समापन रिपोर्ट तैयार करें।
स्वतंत्र मूल्यांकन किसी संस्थानात्मक अध्ययन का प्रमुख अवरोध होता है: यह आवश्यक है कि अनुभव के आधार पर उचित और उच्च गुणवत्ता युक्त ज्ञान के वर्धित भाग को नीति निर्माताओं, डिजाइनकर्ताओं और क्रियान्वन करने वालों के हाथों में स्थानांतरित किया जाये एडीबी (ADB) का ऑपरेशन इवैल्यूएशन विभाग (OED) नीतियों, योजनाओं, राष्ट्रीय कार्यक्रमों और परियोजनाओं का व्यवस्थित और निष्पक्ष मूल्यांकन करता है, जिसमे उनकी डिजाइन, कार्यान्वन, परिणाम और उनसे सम्बंधित व्यापारिक प्रक्रियाएं शामिल होती हैं जिससे कि निर्धारित तरीकों और निर्देशों के अनुसरण द्वारा उनके औचित्य, प्रभावकारिता, क्षमता और निरंतरता का निर्धारण किया जा सके। [९] यह स्व-मूल्यांकन को भी मान्यता देता है। मूल्यांकन की इस प्रक्रिया द्वारा, एडीबी (ADB) कुशल शासन के तीन तत्वों का प्रदर्शन करता है: (i) उत्तरदायित्व, एडीबी के परिचालनों की प्रभावकारिता के मूल्यांकन के द्वारा; (ii) पारदर्शिता, परिचालनों की स्वतंत्र समीक्षा और जानकारियों व सुझावों की सार्वजनिक रिपोर्टिंग द्वारा; और (iii) संशोधित प्रदर्शन, जारी और भविष्य के परिचालनों में वृद्धि के लिए एडीबी (ADB) और उसके ग्राहकों को पिछले अनुभवों से सीखने में सहायता करने के द्वारा.
एडीबी (ADB) में 1978 से मूल्यांकन की शुरुआत होने से परिचालनों के मूल्यांकन में परिवर्तन आ गया है। शुरुआत में, परियोजना के समाप्त हो जाने पर इस बात के मूल्यांकन पर ध्यान केन्द्रित किया जाता था कि परियोजना ने किस हद तक अपेक्षित आर्थिक और सामाजिक हितलाभ को प्राप्त किया है। अब परियोजना मूल्यांकन पूरे परियोजना चक्र के दौरान और एक प्रकार से समग्र एडीबी (ADB) में निर्णय लेने कि प्रक्रिया को आकार देता है। 2004 में इसकी स्वायत्त की प्रतिष्ठा के बाद से, ओईडी (OED) बोर्ड की विकास प्रभावकारिता समिति द्वारा सीधे एडीबी (ADB) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को रिपोर्ट देता है। व्यवहारिक स्वतंत्रता, हित संघर्षों से परिहार, बाह्य प्रभाव से रोधन और संस्थानात्मक स्वतंत्रता आदि ने मूल्यांकन को एक समर्पित उपकरण बना दिया है- जो बेहतर स्तर की जवाबदेही तथा विकास सहायता कार्य को और भी बेहतर बनाने के लिए- उपयोगिता, विश्वसनीयता, पारदर्शिता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों द्वारा नियंत्रित है। एशियन डेवलपमेंट बैंक का इन्डिपेंडेंट इवैल्युएशन, एडीबी में शुरुआत से ही अपनाये गए मूल्यांकन दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है और ऐसे भविष्य की आशा करता है जिसमे ज्ञान प्रबंधन की भूमिका और अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाये.[१०]
हाल के वर्षों में, ओइडी (OED) के परिचालन कार्यक्रम की प्रकृति में बड़ा बदलाव आया है और पूर्व में प्रत्येक परियोजना के मूल्यांकन की प्रमुखता के स्थान पर अब व्यापक और अधिक रणनीतिक अध्ययनों पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है। मूल्यांकन अध्ययन के लिए वरीयता प्राप्त विषयों के चुनाव के लिए ओईडी (OED), एडीबी (ADB) प्रबंधन की डेवलपमेंट इफेक्टिवनेस कमेटी और एडीबी (ADB) के विभागों और कार्यालयों के प्रमुख पदाधिकारियों से सहायता लेती है। वर्तमान में महत्त्वपूर्ण मुद्दे निम्न हैं: (i) और भी अधिक सुदृढ़ कार्य पद्धति के द्वारा मूल्यांकनों की गुणवत्ता बढ़ाना; (iiI) राष्ट्र/क्षेत्र सहायता कार्यक्रमों को प्रथिमकता देना; (iv) संयुक्त मूल्यांकनों की संख्या बढ़ाना, (v) अधिगम चक्र को छोटा करने के लिए स्व-मूल्यांकन को मान्यता देना; (vi) और भी सख्त प्रभावी मूल्यांकनों का संचालन; (vii) एडीबी (ADB) तथा डीएमसी (DMC) दोनों ही में मूल्यांकन क्षमता का विकास; (viii) पोर्टफोलियो प्रदर्शन को प्रोत्साहन; (ix) व्यापार प्रक्रियाओं का मूल्यांकन; (x) जानकारी और सुझावों का प्रचार तथा उनके प्रयोग को सुनिश्चित करना। एक अधिक स्पष्ट रूप से परिभाषित परिणाम निर्माण और परिणाम ढांचे में संस्थानात्मक अध्ययन पर बल देने के लिए ओईडी (OED) के परिचालन कार्यक्रमों की पुनर्व्याख्या भी की गयी है। यह निम्न को अपरिहार्य बना देता है: (i) योजनागत मूल्यांकनों (परामर्श और साझेदारी में) का संचालन और प्रसार,[११] (ii) प्रदर्शन संकेतकों और मूल्यांकन पद्धतियों के बीच सामंजस्य स्थापित करना[१२] और (iii) मूल्यांकन और मूल्यांकन संबंधी मानसिकता की क्षमता का विकास.[१३] सभी मूल्यांकन पद्धतियां सार्वजनिक रूप से ओईडी (OED) की वेबसाइट पर जारी की जाती हैं (निजी क्षेत्र के कुछ मूल्यांकन गुप्त व्यापारिक जानकारी की रक्षा हेतु संशोधित होते हैं).[१४] ओईडी (OED) के मूल्यांकन संसाधन, संसाधन प्रकार, विषय, क्षेत्र और राष्ट्र तथा दिनांक द्वारा प्रदर्शित किय जाते हैं।[१५] सभी अध्ययनों को एक ऑनलाइन इवैल्युएशन इन्फौर्मेशन सिस्टम पर एकत्र किया जाता है जो इन अध्ययनों, सुझावों और इनके प्रति एडीबी (ADB) के प्रबंधन द्वारा दी गयी प्रतिक्रियाओं का एक डाटाबेस (आंकड़ाकोष) प्रस्तुत करता हैं।[१६] चल रहे मूल्यांकनों की विस्तृत जानकारी और उनकी प्रगति से सम्बंधित अद्यतनीकरण भी सार्वजनिक किये जाते हैं।[१७]
2006 की शुरुआत से, एडीबी (ADB) के ज्ञान प्रबंधन ढांचे के अंतर्गत कार्य करते हुए, ओईडी (OED) ने ज्ञान प्रदर्शन मात्रिकों के प्रयोग द्वारा ज्ञान प्रबंधन का अनुप्रयोग प्रशिक्षण अध्ययन में किया है।[१८] एडीबी (ADB) में प्रशिक्षण अध्ययन, परिचालन मूल्यांकन में ज्ञान प्रबंधन के लिए योजनागत ढांचा स्थापित करता है।[१९] जो संशोधन किये गए हैं वे ऐसे हैं की वे सिर्फ ओईडी (OED) में ही नहीं बल्कि उससे भी अधिक महत्वपूर्ण रूप से सदस्य राष्ट्रों और अंतर्राष्ट्रीय मूल्यांकन समुदाय का विकस करने में भी महत्त्वपूर्ण सिद्ध होंगे, यह एडीबी (ADB) में अन्य कार्यालयों और विभागों से भी संमुखीन रूप से सम्बंधित रहता है। मध्यावधि में, ओईडी (OED) संस्थानात्मक संस्कृति, प्रबंधन प्रणाली, व्यापारिक प्रक्रियाओं, इन्फौर्मेशन टेक्नोलॉजी सौल्युशंस, अभ्यास समुदाय और अध्ययन प्रशिक्षण के लिए बाह्य संबंधों और तंत्र के सुधार में लगा रहेगा. हाल में विकसित ज्ञान संबंधी उत्पादों और सुविधाओं में अध्ययन वक्र उपयोगी और सरल होते हैं, ये दो पन्नों वाले संक्षिप्त व त्वरित सन्दर्भ के रूप में होते हैं जो ग्राहकों की विस्तृत श्रंखला[२०] से पर्यवेक्षण और मूल्यांकन की घटनाओं के सम्बन्ध में इवैल्युएशन न्यूज़ रिपोर्ट पर जानकारी और सुझाव उपलब्ध कराते हैं।[२१] इवैल्युएशन प्रस्तुतीकरण, मूल्यांकन के विषय पर संक्षिप्त चित्र सहित या पावर प्वाइंट प्रदर्शन प्रस्तुत करते हैं।[२२] ऑडिटिंग द लेसंस आर्किटेक्चर, उस योगदान पर प्रकाश डालता है जो संस्थानात्मक अध्ययन और संस्थानात्मक स्वस्थ्य के सम्बन्ध में ज्ञान परीक्षण द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।[२३]
अब तक एडीबी (ADB) के 1,106 मूल्यांकित और श्रेणीगत परियोजनाओं में से (दिसंबर 2007 तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार), 65 प्रतिशत को सफल के रूप में मूल्यांकित किया गया था, 27 प्रतिशत को आंशिक रूप से सफल और 8 प्रतिशत को असफल के रूप में मूल्यांकित किया गया था।
आलोचना
एडीबी (ADB) के शुरूआती दिनों से ही आलोचक दो प्रमुख प्रदाताओं, जापान और संयुक्त राज्य पर यह आरोप लगा रहे हैं कि वह व्यापक स्तर पर ऋण देने, नीतियों और कर्मचारियों की भर्ती से सम्बंधित निर्णयों को प्रभावित करते हैं।[२४]
ऑक्सफैम ऑस्ट्रेलिया ने स्थानीय समुदायों के प्रति गैर-संवेदनात्मक रवैये के लिए एशियन डेवलपमेंट की आलोचना की है। "वैश्विक और अंतर्राष्ट्रीय पर कार्य करते हुए ये बैंक उन परियोजनाओं के माध्यम से लोगों के मानव अधिकारों को कमज़ोर समझते हैं, जिनका ग़रीबों और अधिकारहीन समुदाय के प्रति परिणाम अपर्याप्त और शोचनीय है।"[२५] बैंक को संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरणीय कार्यक्रम की ओर से भी आलोचना मिली, जिसने एक रिपोर्ट में कहा "घटित विकास में अधिकांशतया यहां की ग्रामीण जनसंख्या के 70 प्रतिशत से भी अधिक भाग की उपेक्षा की है, जिसमे से अधिकांश अपनी आय व जीविका के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर करते हैं।[२६]
यह आलोचना भी की गयी है कि एडीबी (ADB) की वृहत स्तरीय परियोजनाएं दूरदर्शिता की कमी के कारण सामाजिक और पर्यावरणीय क्षति पहुंचाती हैं। एडीबी (ADB) से सम्बंधित परियोजनाओं में एक सर्वाधिक विवादित परियोजना थाईलैंड का मे मोह कोयला-चालित पावर स्टेशन रहा है। पर्यावरणीय और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि एडीबी (ADB) की पर्यावरणीय सुरक्षा नीति और साथ ही साथ मूल निवासियों और अनैच्छिक रूप से व्यवस्थित लोगों के सम्बन्ध में नीतियां, कागजों में तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर की होती हैं लेकिन प्रायः अभ्यास के दौरान उनका पालन नहीं किया जाता है, वे प्रभावकारी हो पाने की दृष्टि से बहुत ही अस्पष्ट और कमज़ोर होती हैं, या सीधे शब्दों में, बैंक के अधिकारीयों द्वारा उन्हें लागू ही नहीं किया जाता है।[२७][२८]
अन्न संकट के सम्बन्ध में इसकी भूमिका और औचित्यतता के लिए भी बैंक की निंदा की गयी है। नागरिक सभा द्वारा एडीबी (ADB) पर यह आरोप लगाया है कि उसने संकट के सम्बन्ध में दी गयी चेतावनियों की अनदेखी की है और अनेकों लोगों के विचार में बैंक ने ऋण की शर्तों को जानबूझ कर ऐसा कर दिया है कि राष्ट्रीय सरकारें कृषि क्षेत्र के निजीकरण और विनियमन के लिए विवश हो गयीं- जिससे अन्य समस्याओं को जन्म मिला जैसे कि दक्षिणपूर्व एशिया में चावल की आपूर्ति में आयी कमी, इस प्रकार बैंक ने संकट पैदा करने में योगदान ही किया है।[२९]
वियतनाम युद्ध के सेवानिवृत्त सैनिकों ने भी लाओस परियोजना के वित्तपोषण हेतु बैंक की आलोचना की क्योंकि करों के आर्थिक समर्थन के अनुसार बैंक में संयुक्त राज्य की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।[३०] जब संयुक्त राज्य वियतनाम से हट गया तो लाओस एक कम्युनिस्ट राष्ट्र बन गया और लाओस का गृह युद्ध पथेट लाओ द्वारा जीत लिया गया, जिसके सम्बन्ध में यह प्रचलित है कि उसे उत्तर वियतनामी सेना का समर्थन मिला था।
2009 में, बैंक ने भारत में प्रस्तावित परियोजना के लिए 2.9 बिलियन डॉलर के योजनागत कोष को मंजूरी दे दी है। इस योजना के अंतर्गत परियोजनाएं मात्र संकेतात्मक थीं और उन्हें अभी आगे भी बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से मंजूरी प्राप्त करने की आवश्यकता थी; हालांकि, पीआरसी (PRC) विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता किन गैंग ने यह दावा किया कि, "एशियन डेवलपमेंट बैंक ने, चीन की तमाम चिंताओं के बावजूद भी, भारत राष्ट्र के साथ साझेदारी योजना को मंजूर कर लिया, जिसमे चीन और भारत के बीच का क्षेत्रीय विवाद भी शामिल है। चीन ने इस विषय पर कड़ा असंतोष व्यक्त किया है।.. बैंक की यह गतिविधि सिर्फ बैंक के नाम को ही मलिन नही करती है बल्कि इसके सदस्यों के हितों की भी अवहेलना करती है।[३१]
सदस्य
एडीबी (ADB) में 67 सदस्य हैं (2 फ़रवरी 2007 तक प्राप्त जानकारी के अनुसार).[३३] उन्हीं नामों का प्रयोग किया गया है जिन्हें एडीबी (ADB) द्वारा मान्यता प्राप्त है।
किसी सदस्य के नाम के बाद लिखे वर्ष यह प्रदर्शित करते हैं कि वह कितनी अवधि से सदस्य है। एडीबी के सबसे बड़े शेयर धारकों में जापान और संयुक्त राष्ट्र हैं, जिनमें से प्रत्येक 15.57 प्रतिशत शेयर का स्वामी है।[३४] जब कोई राष्ट्र इसका सदस्य नहीं रह जाता तो, बैंक, इस लेख के परिच्छेद 3 और 4 के अनुसार, उस राष्ट्र के साथ खाते का निपटारा करने के उद्देश्य से उस राष्ट्र के शेयर को स्वयं ही पुनः खरीदने का प्रयास करता है।[३५]
चीनी गणतंत्र (ताइवान) ने पहले संस्थापक सदस्य के रूप में पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करते हुए चीन के नाम से सदस्यता ली थी। हालांकि, बैंक की पूंजी में उसकी हिस्सेदारी ताइवान की पूंजी पर ही आधारित ही थी, यह वर्ल्स बैंक और आईएमएफ (IMF) से भिन्न प्रणाली थी जहां ताइवान की सरकार को पूरे चीन के प्रतिनिधित्व के अनुसार हिस्सेदारी प्राप्त थी, ऐसा सिर्फ चीन के पीपल्स रिपब्लिक द्वारा सदस्यता लेने और चीनी गणतंत्र का स्थान लेने से पूर्व तक ही था। 1986 में, जब चीन के पीपल्स रिपब्लिक ने सदस्यता ली तो कुछ समझौते प्रभावित हुए. आरओसी (ROC) को अपनी सदस्यता बनाये रखने की अनुमति थी, लेकिन ताईपेई, चीन के नाम से - यह एक ऐसा नाम था जिसका वह विरोध कर रहे थे। विशिष्ट रूप से, यह ताइवान स्ट्रेट्स के दोनों छोरों को संस्था में प्रतिनिधित्व की अनुमति देता है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम
संयुक्त राष्ट्रों ने 1978 में एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंक और विश्व के अन्य कई बड़े बैंकों की सहायता से डेवलपमेंट बिजनेस की शुरुआत की। आज, डेवलपमेंट बिजनेस सभी बड़े बहुपक्षीय डेवलपमेंट बैंकों, संयुक्त राष्ट्रों कि संस्थाओं और कई राष्ट्रीय सरकारों के लिए प्राथमिक प्रकाशन है, जिनमे से कई अब अपनी निविदाओं और संविदाओं का प्रकाशन डेवलपमेंट बिजनेस में करवाने को अनिवार्य आवश्यकता बना चुके हैं।[३९]
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ Ming, Wan (Winter, 1995-1996). "Japan and the Asian Development Bank". Pacific Affairs. University of British Columbia. 68 (4): 509–528. doi:10.2307/2761274. Archived from the original on 5 जुलाई 2016. Retrieved 16 सितंबर 2010.
{{cite journal}}
: Check|authorlink=
value (help); Check date values in:|accessdate=
,|date=
, and|archive-date=
(help); Cite has empty unknown parameter:|coauthors=
(help); External link in
(help)|authorlink=
- ↑ एशियाई विकास बैंक (2008). सदस्यता. यूआरएल (URL) स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। (17 सितंबर 2010 को अभिगम)
- ↑ "The Fifth General Capital Increase of the Asian Development Bank". ADB Policy Papers. ADB. March 2009. Archived from the original on 23 जुलाई 2011. Retrieved 16 सितंबर 2010.
{{cite journal}}
: Check date values in:|accessdate=
and|archive-date=
(help); Cite has empty unknown parameter:|coauthors=
(help) - ↑ "General Capital Increase V" (PDF). ADB Infocus. ADB. April 2010. Archived from the original (PDF) on 10 नवंबर 2011. Retrieved 16 सितंबर 2010.
{{cite journal}}
: Check date values in:|accessdate=
and|archive-date=
(help); Cite has empty unknown parameter:|coauthors=
(help) - ↑ Greater Mekong Subregion. Asian Development Bank. 19 नवम्बर 2007. http://www.adb.org/GMS/default.asp. अभिगमन तिथि: 10 दिसंबर 2007साँचा:inconsistent citations
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ ऋण (LOAN): पीआरसी (PRC) 35339-01 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।.चीन, पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़: यिचैंग-वैन्ज्हो रेलवे प्रोजेक्ट स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। (एडीबी (ADB) साइट)
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ Kilby, Christopher (2002). "Donor Influence in MDBs: The Case of the Asian Development Bank" (PDF). The Review of International Organizations. 68 (4): 509–528. Archived from the original (PDF) on 12 सितंबर 2006. Retrieved 16 सितंबर 2010.
{{cite journal}}
: Check date values in:|accessdate=
and|archive-date=
(help); Cite has empty unknown parameter:|coauthors=
(help) - ↑ ओक्सफम ऑस्ट्रेलिया। स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।"मेकांग और एशियाई विकास बैंक स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ आईपीएस (IPS). " स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।यूएनईपी (UNEP) फॉल्ट्स एशियन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट." स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ " लोकल कन्सर्न्स इग्नोर्ड लार्ज-स्केल एडीबी (ADB) प्रोजेक्ट्स ड्रॉ क्रिटिसिज्म"
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ एडीबी क्रमागति नीति
- ↑ एशियाई विकास बैंक (2008). सदस्यता. यूआरएल (URL) स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। (18 अप्रैल 2010 को अभिगम)
- ↑ Members. Asian Development Bank. 9 फ़रवरी 2007. http://www.adb.org/About/members.asp. अभिगमन तिथि: 10 दिसंबर 2007साँचा:inconsistent citations
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ ताइपी, एडीबी (ADB) वेबसाइट पर चीन के प्रोफ़ाइल स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 1986 तक जब पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना शामिल हुए पूरे चीन को प्रतिनिधित्व करते हुए चीन के रूप में शामिल हो गए।
- ↑ "हांगकांग के रूप में शामिल हुए"
- ↑ सदस्य संस्थापक, पश्चिम जर्मनी के रूप में शामिल हुए.
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
इन्हें भी देखें
- एशियाई डेवलपमेंट बैंक इन्स्टिट्युट (एडीबीआई (ADBI))
- अफ्रीकी विकास बैंक
- एशिया सहयोग वार्ता
- अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष
- विश्व बैंक
बाहरी कड़ियाँ
Wikimedia Commons has media related to Asian Development Bank.साँचा:preview warning |
- बैंक सूचना केंद्र
- एडीबी (ADB) वेबसाइट: https://web.archive.org/web/20160114083855/http://www.adb.org/
- एडीबी (ADB) इन्स्टिट्युट: https://web.archive.org/web/20050511025848/http://www.adbi.org/
- डॉलर और सेन्स पत्रिका द्वारा एडीबी (ADB) से आधुनिक रिपोर्ट्स पर चर्चा करने के लिए इंइक्वैलिटी वर्सेंस ऐक्रौस एशिया लेख, नवंबर/दिसंबर 2007
- CS1 errors: empty unknown parameters
- CS1 errors: external links
- CS1 errors: parameter link
- CS1 errors: dates
- Articles with dead external links from अक्टूबर 2010
- Articles with invalid date parameter in template
- Pages using infobox organization with unsupported parameters
- लेख जिनकी सितम्बर 2010 से सटीकता विवादित है
- Articles with unsourced statements from जुलाई 2007
- Commons category link is locally defined
- बैंक
- बैंकिंग संस्थान
- पहलेराष्ट्रिय बैंके
- अंतर्राष्ट्रीय विकास बहुपक्षीय
- बहुपक्षीय विकास बैंक
- संयुक्त राष्ट्र सामान्य सभा पर्यवेक्षक
- अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग संस्थान