एयर इंडिया उड़ान 101
एयर इंडिया बोईंग 707 | |
दुर्घटना सारांश | |
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तिथि | 24 जनवरी 1966 |
स्थल | मोंट ब्लाँक, फ़्रांस |
यात्री | 106 |
कर्मीदल | 11 |
क्षति | 0 |
हताहत | 117 (सभी) |
उत्तरजीवी | 0 |
यान का प्रकार | बोईंग 707-437 |
यान का नाम | कंचनजंगा |
संचालक | एयर इंडिया |
पंजीकरण संख्या | VT-DMN |
उड़ान उद्गम | सहर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, बॉम्बे, भारत |
प्रथम विराम | दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, दिल्ली, भारत |
द्वितीय विराम | बेरुत अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, बेरुत, लेबनान |
अंतिम विराम | जिनेवा अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, जिनेवा, स्विट्जरलैंड |
गंतव्य | हीथ्रो विमानक्षेत्र, लंदन, यूनाइटेड किंगडम |
एयर इंडिया उड़ान 101 (साँचा:lang-en) बॉम्बे से लंदन के लिए निर्धारित एयर इंडिया की यात्री उड़ान थी जो दुर्घटनावश 24 जनवरी 1966 को फ़्रांस में मोंट ब्लाँक पहाड़ से टकरा गई थी। दुर्घटना में कर्मीदल के 11 सदस्यों के साथ-साथ सभी 106 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी। इसी विमान दुर्घटना में भारतीय परमाणु वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा की मृत्यु हुई थी।
दुर्घटना
एयर इंडिया फ़्लाइट 101 बॉम्बे (अब मुम्बई) से लंदन के लिए निर्धारित यात्री उड़ान थी और दुर्घटना वाले दिन बोईंग 707 द्वारा संचालित की जा रही थी। इसका पंजीकरण वी॰टी॰-डी॰एम॰एन॰ (VT-DMN) और नाम कंचनजंगा था। बॉम्बे से उड़ान भरने के पश्चात यह अपने दो निर्धारित ठहरावों, दिल्ली और बेरूत, में रुकने के बाद जिनेवा की तरफ़ जा रही थी। जहाज के पायलट को ऐसा लगा कि वह मोंट ब्लाँक को पार कर चुका है और इसी गलतफ़हमी में उसने जहाज की ऊँचाई कम करनी शुरू कर दी और मोंट ब्लाँक से विमान की टक्कर हो गई। विमान विध्वंस हो गया और सभी 106 यात्रियों और 11 चालक दल के सदस्यों की दुर्घटना में मृत्यु हो गई। यात्रियों में भारतीय वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष होमी जहांगीर भाभा भी शामिल थे, जिनका निधन इसी दुर्घटना में हुआ था।[१][२][३]
जाँच
दुर्घटना की जाँच में गठित कमीशन ने पाया कि विमान के पायलट की गलती के कारण यह दुर्घटना हुई। उसने मोंट ब्लाँक से अपनी दूरी का गलत आकलन लगाया और रडार नियंत्रक को यह सूचना दी। नियंत्रक ने विमान की पहाड़ से सही दूरी माप कर के पायलट को सूचित किया। पायलट ने सूचित की गई जानकारी को ग़लत समझा और अनुमान लगाया कि वह मोंट ब्लाँक चोटी को पीछे छोड़ चुका है और उसने विमान की ऊँचाई कम करनी शुरू कर दी व विमान की चोटी से सीधी टक्कर हुई।[१]