ऋतुराज (कवि)
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हिंदी कवि ऋतुराज का जन्म राजस्थान में भरतपुर में 10 फरवरी सन 1940 को हुआ।[१] उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से अंग्रेजी में एम. ए. की उपाधि ग्रहण की। उन्होंने लगभग चालीस वर्षों तक राजस्थान के विभिन्न महाविद्यालयों में, ज्यादातर एक छोटे शहर बूंदी में रहते हुए अंग्रेजी साहित्य का अध्यापन किया। बीच में वे कुछ समय के लिए रेडियो चाइना (बीजिंग) में भी रहे। अभी ऋतुराज जयपुर के सांगानेर स्थित प्रताप नगर में रहते हैं।
ऋतुराज के अब तक के प्रकाशित काव्य संग्रहों में 'पुल पर पानी', 'एक मरणधर्मा और अन्य कविताऍं', 'सुरत निरत' तथा 'लीला अरविंद', 'मैं आंगिरस', 'कितना थोड़ा वक़्त', 'अबेकस', 'आशा नाम नदी' आदि हैं। इन्हें सोमदत्त सम्मान, परिमल सम्मान,मीरा पुरस्कार, पहल सम्मान, बिहारी पुरस्कार आदि से सम्मानित किया जा चुका है।
राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष रहे ऋतुराज मूलतः वंचितों, उपेक्षितों और पीड़ितों के कवि हैं। इन्होंने समाज के हाशिए के लोगों की चिंताओं को अपनी कविताओं का विषय बनाया है।
जयपुर के प्रसिद्ध साहित्य महोत्सव (लिट फेस्ट) की अंग्रेजीपरस्ती और भारतीय भाषाओं की उपेक्षा से खिन्न होकर उन्होंने कुछ स्थानीय साहित्यकारों के साथ मिल कर उन्हीं तारीखों में अपना एक अलग समानांतर जयपुर साहित्य उत्सव शुरू किया था, जो अब पूरे भारत का एक प्रतिष्ठित वार्षिक साहित्य समागम बन गया है। इसमें पूरे भारत से सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं के साहित्यकारों को आमंत्रित किया जाता है। कोरोना संकट के दौरान भी इसे आभासी रूप में आयोजित किया गया।[२]