उद्भृति
(उभरी हुई नक्क़ाशी से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
उद्भृति (Relief) एक प्रकार की मूर्तिकला है। इसमें तराशी हुई वस्तुएँ उस ठोस सामग्री के विस्तार से जुड़ी रहती हैं जिस पर वह तराशी जा रहीं हैं। उच्चावच मूर्तियों को देखकर ऐसा प्रतीत होता कि वह अपने पृष्ठतल से उठाई या उभारी जा रही हों। वास्तव में उद्भृति बनाते हुए पृष्ठतल को काटकर पीछे करा जाता है और मूर्तियों की सामग्री को स्थान में छोड़ दिया जाता है।[१][२]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Barasch, Moshe, Visual Syncretism: A Case Study, pp. 39–43 in Budick, Stanford & Iser, Wolfgang, eds., The Translatability of cultures: figurations of the space between, Stanford University Press, 1996, ISBN 0-8047-2561-6 (ISBN 978-0-8047-2561-3).
- ↑ Murray, Peter & Linda, Penguin Dictionary of Art & Artists, London, 1989. p. 348