इश्तर

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इश्तर (Ishtar)
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Ishtar Eshnunna Louvre AO12456.jpg
लुव्र संग्रहालय में स्थित इश्तर की मूर्ति
ग्रह Venus
प्रतीक Gate guarded by lions, eight-pointed star, Symbolic staff
जीवनसाथी साँचा:if empty
माता-पिता Anu
संतान साँचा:if empty
यूनानी रूप Aphrodite

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इश्तर (Ishtar) बाबुल, असुर और सुमेर की मातृदेवी थी। वह प्रेम सुन्दरता, सम्भोग, इच्छा, युद्ध, राजनितिक शक्ति आदि कीदेवी थी। गैरसामी-सुमेरी सभ्यता के ऊर, उरुख आदि विविध नगरों में उसकी पूजा नना, इन्नन्ना, नीना और अनुनित नामों से होती थी। इनके अपने अपने विविध मंदिर थे। इनका महत्व अन्य देवियों की भाँति अपने देवपतियों के छायारूप के कारण न होकर अपना निजी था और इनकी पूजा अपनी स्वतंत्र शक्ति के कारण होती थी। ये आरंभ में भिन्न-भिन्न शक्तियों की अधिष्ठात्री देवियाँ थीं पर बाद में अक्कादी-बाबुली काल में, ईसा से प्राय: ढाई हजार साल पहले, इनकी सम्मिलित शक्ति को 'इश्तर' नाम दिया गया। इश्तर का प्राचीनतम अक्कादी रूप 'अश दर' था जो उस भाषा के अभिलेखों में मिलता है। अक्कादी में इसका अर्थ अनुदित होकर वही हुआ जो प्राचीनतर सुमेरी इन्नन्ना या इन्नीनी का था-'स्वर्ग की देवी।' सुमेरी सभ्यता में यह मातृदेवी सर्वथा कुमारी थी। फ़िनीकी में उसका नाम 'अस्तार्ते' पड़ा। उसका संबंध वीनस ग्रह से होने के कारण वही रोमनों में प्रेम की देवी वीनस बनी। इस मातृदेवी की हजारों मिट्टी, चूने मिट्टी और पत्थर की मूर्तियाँ प्राचीन बेबिलोनिया और असूरिया, वस्तुत: समूचे ईराक में मिली हैं, जिससे उस प्रदेश पर उस देवी की प्रभुता प्रकट है।