इमाम बुसीरी
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
अल-बुसीरी (अरबी: البوصيري जन्म: 1211 - मौत: 1294), पूरा नाम मुहम्मद बिन सय्यद बिन हम्माद अलसनेआजी अलबुसीरी (अरबी: محمد بن سعيد بن حماد الصنهاجي البوصيري) शाधीलिया शाखा से संबंधित एक सानहाजी बर्बर सूफ़ी इमाम थे।[१][२]
परिचय
इमाम बोसीरी एक मिस्री कवि थे जो नसली रूप से बर्बर थे। वे मिस्र के एक गाँव बुसीरी में, जहाँ उन्होंने इब्ने हनाय के नेतृत्व से काव्य शब्द लिखे। उनकी सारी कवितायें केंद्र व धुरी धर्म और रहस्यवाद रहा। उनका सबसे प्रसिद्ध काव्य शब्द 'क़सीदह बरदा शरीफ़' है जो मुहम्मद पैग़म्बर की नीयत पर आधारित है, यह इस्लामी दुनिया में बहुत प्रसिद्ध और लोकप्रिय है।