आहारीय फास्फोरस

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मानव शरीर में अधिकांश कैल्शियम मात्रा फासफोरस के यौगिकों के रूप में उपस्थित होता है, जैसे कैल्शियम फास्फेट। अतः फास्फोरस का उपयोग कैल्शियम के उपयोग से सम्बद्ध है। सामान्य हडडी और दांत की संरचना के लिए फास्फोरस की आवश्यकता रहती है जो भोजन को ऊर्जा में बदलते हैं। इसकी कमी के परिणाम स्वरूप साधारण कमजोरी, हडडी का दर्द और भूख की कमी होती है। इसकी अधिकता कैल्शियम को ग्रहण करने में बाधा पहुंचा सकती है।

हडडी टूटने में फास्फोरस स्वस्थ्य होने की प्रक्रिया में शीघ्रता लाता है और घाव से कैल्शियम की हानि को रोकता है। फास्फोरस स्त्रायविक स्वास्थ्य में मदद करता है और गुर्दो का अपशिष्ट बाहर निकालने में सहायक होता है। मैग्नेशियम या लौह की बहुलता फास्फोरस के भंडारण को रोक सकती है। सफ़ेद चीनी और उच्च वसा वाला आहार कैल्शियम-फास्फोरस सन्तुलन को बिगाड सकता है। प्रतम्ल हडिडयों की फ़ांस्फ़ोरस आपूर्ति कम कर देता है।

स्रोत

सम्पूर्ण अनाज और डबल रोटी, फ़लियां.दाले, दूध और दूध के उत्पाद, बीज, गिरीदार फ़ल, अंडे, मछली, मुर्गे और मांस इसके महत्वपूर्ण स्रोत है।