आल्ब्रेख्ट पेंक
आल्ब्रेख्ट पेंक (अं॰ अल्बर्ट पेंक) | |
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जन्म |
साँचा:birth-date राउडिज़, सैक्सनी |
मृत्यु |
March 7, 1945साँचा:age) | (उम्र
आवास | ऑस्ट्रियाई -हंगरी |
क्षेत्र | भूआकृतिविज्ञान, क्वार्टरनरी विज्ञान, जलवायु विज्ञान |
संस्थान |
वियना विश्वविद्यालय हारवर्ड विश्वविद्यालय हम्बोल्ट विश्वविद्यालय |
शिक्षा |
लाइपज़िग विश्वविद्यालय वियना विश्वविद्यालय |
डॉक्टरी सलाहकार | एडवर्ड स्वेस |
प्रभाव |
एडवर्ड स्वेस[१] वाल्टर पेंक (पिता)[२] |
प्रभावित | वाल्टर पेंक[३] |
उल्लेखनीय सम्मान |
Charles P. Daly Medal (1914) Vega Medal (1923) |
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आल्ब्रेख्ट पेंक, (Albrecht Penck ; सन् 1858 -- 1945) जर्मन भूगोलविद् एवं भूविद् थे। इन्होंने विभिन्न धरातलीय स्वरूपों के निर्माण एवं इसके लिये उत्तरदायी प्रक्रियाओं की विवेचना एवं संबंधित सिद्धांतों के प्रतिपादन में महत्वपूर्ण कार्य किया है। भू-आकृतिविज्ञान तथा जलवायुविज्ञान के क्षेत्र में उनके द्वारा किये गये कार्य के कारण वियना भौतिक भूगोल संस्थान को अन्तरराष्ट्रीय ख्याति मिली।
इनका जन्म राउडिट्ज (Reudnitz) में हुआ था। वे १८८५ से १९०६ तक वियना में तथा १९०६ से १९२७ तक बर्लिन में प्रोफेसर थे। सन् 1905 में इन्होंने प्रतिपादित किया कि भौम्याकृतियों के विकासक्रम में संरचना की अपेक्षा प्रक्रिया (process) श्रेष्ठतर एवं अधिक प्रभावशाली होती है। इन्होंने अपने इस सिद्धांत को नदीघाटी के विकासक्रम में ढालों के क्रमिक परिवर्तित स्वरूपों एवं प्रयासमभूमि (peneplain) की निर्माण क्रिया द्वारा स्पष्ट किया। पृथ्वी के मानचित्र को 1: 10,00,000 मापक पर तैयार करने की विधि में विकास किया। इन्होंने तृतीयक (Tertiary) एवं डिल्यूवियल (Diluvial) काल में हिमानियों के निर्माण एवं हिमयुग का अध्ययन किया था। ये सन् 1886 से 1906 तक बर्लिन में समुद्रविज्ञान संस्था एवं भूगोल परिषद् के निदेशक रहे। इनके कई प्रकाशन महत्व के हैं।
कृतियां
- Morphologie der Erdoberfläche; 2 vols, 1894
- (with E. Brückner) Die Alpen im Eiszeitalter; 3 vols, 1909
उद्धरण
सन्दर्भ
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- साँचा:cite book