दुर्घटना

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(आकस्मिक दुर्घटना से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

१) अप्रशिक्षित चालक(untrained driver)- भारत में आये दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण यह भी हैं की यहाँ वास्तव में ही बिना किसी परीक्षा पास किये ही ज्यादातर शहरों,कस्बों और गावों में लोगों को लाइसेंस दे दिया जाता, सच तो यहाँ तक हैं की कभी-कभी जो आर.टी.ओ.(R.T.O.) के दलाल हैं वोह लोगों को कह देते हैं की आपको वहाँ जाना भी नहीं पड़ेगा और हम सब कुछ करवा देंगे आपको लाइसेंस आपके घर पर दे जाएंगे ज्यादातर यह भारत में महिलाओं के साथ हो रहा हैं वैसे पुरुष भी इस मामले में बहुत ज्यादा पीछे नहीं हैं, लेकिन भारत सरकार के ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने लाइसेंस देने की प्रक्रिया को काफी मजबूती दी हुई हैं, विभाग के अनुसार जब तक आप स्वयं जा कर अपना पेपर नहीं देंगे और आपको ट्रायल भी देना पड़ेगा तब तक आपको ड्राविंग लाइसेंस नहीं दिया जाएगा, लेकिन यह सब केवल मंत्रालय के कागजों और कार्यालयों के अंदर ही होता हैं, वास्तव में आर.टी.ओ.(R.T.O.)के ऑफिस में जहाँ पर यह पूरी प्रक्रिया होती हैं वहां पर यह सब काम केवल आर.टी.ओ.(R.T.O.) के सिपाही ही करते हैं वही आपकी परीक्षा देते हैं, वही बाकी की प्रक्रिया करते हैं आप अगर गए हैं तो बुत बनके बैठे रहिये बस, तो यहाँ भी जिम्मेदारी सरकार की ही निकल के आती हैं..

२) शराब -: दुर्घटनाओं का दूसरा सबसे बड़ा कारण शराब पीकर गाडी चलाना, हमारे देश में ज्यादातर ड्राइवर(गाडी चालक) शराब के नशे में गाडी चलाते हैं उसका मुख्य कारण उनकी चौबीस घंटे की ड्यूटी होती हैं, उनका मानना होता हैं की अगर हम नशा कर लेते हैं तो हमें नींद नहीं आएगी जो की बिलकुल गलत होता हैं, नशा करने के बाद उनका शरीर तो जगा हुआ रहता हैं लेकिन नशा करने के बाद ब्यक्ति का दिमाग अपने आप शो जाता हैं और तभी हादशे(हत्या) हो जाती हैं, इसमें भी सरकार ने बहुत अच्छा नियम बना दिया हैं, शराब पीकर या फिर नशे में गाडी चलाने वाले ब्यक्ति को सजा का प्रावधान किया गया हैं लेकिन यह सजा ज्यादातर लोगों को मिलती नहीं हैं क्यू की पकड़ें जाने पर यह पुलिस को कुछ न कुछ ले देकर निकल जाते हैं, तो यहाँ पर लापरवाही सरकार की निकल कर ही आई।

३) क्षमता से अधिक सामान का होना -: भारत में हो रही सड़क दुर्घटनाओं का एक यह भी मुख्य कारण हैं की वाहन के अंदर उसकी क्षमता से दो गुना तीन गुना चार-चार गुना अधिक सामान लाद दिया जाता हैं जिसके कारण उन मालवाहक वाहनों के टायर फट जाते हैं और दुर्घटनाये हो जाती हैं जिससे सामान और ब्यक्ति यानी की जन और धन दोनों का ही नुकशान होता हैं, अब सवाल यह उठता हैं की जब हर किसी को पता हैं तो लोग ऐसा क्यू करते हैं, क्यू मोटर मालिक या फिर ड्राइवर अपनी जान और माल दोनों का नुकशान उठाने के लिए तैयार हो जाते हैं, इसके मुख्य कारण निम्न हैं १) पुलिस- हमारे देश की पुलिस यहाँ पर उत्तरदायी इसलिए हैं क्यू की यह ज्यादातर मामलों रक्षक (हीरो) नहीं बल्कि भक्षक(गुंडों) की तरह काम करती हैं,आप अपनी गाडी को लेकर जिस सड़क जिस शहर से गुजरेंगे हर मोड़, हर टोल नाके या फिर कही भी जहाँ भी पुलिस आपको मिल जायेगी आपको कुछ न कुछ देना ही पड़ेगा नहीं तो बिना मतलब के भी पुलिस आपको कुछ न कुछ देर के लिए परेशान करेगी, इस से बचने के लिए लोग पुलिस को पैसा देते हैं और ओवर लोडिंग में गाडी चलाते हैं उस पैसे की बराबरी करने के लिए, यहाँ भी जिम्मेदार प्रशासन ही हैं ड्राइवर की तनख्वाह का कम होना – पहले ही दिन से जब से मैंने इस ड्राइवरों और मोटर की दुनिया को समझने की कोशिस की हैं तब से मैंने केवल एक बात देखी हैं की मोटर मालिकों को एक बात लगती हैं की ड्राइवर के पास एक्स्ट्रा इनकम होती हैं इसलिए इन्हे तनख्वाह कम दी जाए, मालिक यह सोचकर तनख्वाह कम देते हैं और ड्राइवर इसकी भरपाई के लिए फिर एक्स्ट्रा माल गाड़ी में लोड करवाते हैं जिसे बेचकर वोह अपना पैसा बराबर करते हैं, जिसकी वजह से भी दुर्घटनाओं का जन्म होता हैं। ४) लचीली कानून ब्यवस्था -: हमारे देश का संविधान भले ही लिखित तौर पर दुनिया का सबसे बड़ा और आदर्श संविधान हैं लेकिन वास्तव में यह बहुत ही लचीला या फिर यूँ कहें तो जर्जर कानून हैं, हमारे यहाँ हर किसी को पता हैं की अगर हमारे पास लाइसेंस हैं और गाडी का बीमा हैं तो किसी को भी ठोक दो भले ही वोह भारत का राष्ट्रपति ही क्यू न हो कोई फर्क नहीं पड़ेगा 7 दिन के अंदर आपको जमानत मिल जाएगी और फिर लड़ते रहो मुकदमा आजीवन और जो बाकी का नुकशान हैं वोह बीमा कंपनी भरेगी ही, तो कही भी ड्राइवर या फिर मोटर मालिक को कोई फर्क ही नहीं पड़ता दुर्घटनाओं से वोह आराम से रहते हैं और अपने प्रतिदिन की ही तरह जीवन चलता हैं उनका फर्क केवल किसी को पड़ता हैं तो उसमें उस पार्टी को जिसे क्षति पहुचती हैं, इसके अलावा इस पूरे मामले में हमारी दूसरी पार्टी भी जिम्मेदार कही न कही होती हैं क्यू की दुर्घटना होने के बाद यह दंड के तौर पर काफी मामलों में पैसा लेकर मामले को रफा-दफा कर देते हैं और बाद में कहते हैं की जिसको जाना था वोह तो चला गया अब और क्या कर सकते हैं कम से कम पैसा मिल रहा हैं यही ठीक हैं और अंततः जिसने गलती की हैं वोह बरी, आज़ाद हो जाता हैं और जिन्दा मौत बन कर सड़क पर फिर से घूमने लगता हैं।

५) खराब सड़कें – हमारे देश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं का एक यह भी अहम कारण हैं की हमारे यहाँ की सड़कें हद से ज्यादा ख़राब हैं, सड़क ख़राब होने से मेरा मतलब केवल सड़क पर गड्ढे होने से नहीं हैं सड़क का डिजाइन भी सड़क ख़राब होने में अहम भूमिका निभाता हैं और सड़क ख़राब होने का मुख्य कारण हैं ठेकेदारी प्रथा, हमारे देश में ज्यादातर सड़कें या फिर यूँ कहे तो हर सड़क सरकार नहीं बल्कि रसूक दार लोग या फिर इस विभाग से जुडी हुई प्राइवेट कंपनिया बनाती हैं, वोह अपना डिजाइन तैयार करके भारत सरकार से अप्रूवल ले लेते हैं या फिर उन्हें डिजाइन मिल जाता हैं और सड़क बनाने का ठेका मिल जाता हैं और फिर उसके बाद वोह अपना काम सुरु कर देते हैं, उनको कोई फर्क नहीं पड़ता की वोह सड़क दस दिन चलेगी या फिर पंद्रह दिन कोई मतलब नहीं होता उनका उनका काम केवल तब तक का होता हैं जब तक की उनको पैसा नहीं मिल जाता, सबसे घटिया सामान प्रयोग किया जाता हैं और सड़क का पैसा पास करवाने के लिए विभाग के मंत्री से लेकर चपरासी तक को ठेकेदार लोग पैसा खिलाते हैं, उसके बाद हम उस सड़क पर चलते हैं तो सड़क तो खराब होगी ही, क्यू की हमारे देश में सड़क लोगों के आवागमन और ब्यापार के लिए नहीं बल्कि पैसा कमाने के लिए बनाई जाती हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ