आईबीपी कंपनी लिमिटेड
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Formerly | इंडो बर्मा पेट्रोलियम कंपनी लिमिटेड। |
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Industry | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
Predecessor | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
Founded | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
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Defunct | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
Fate | अधिग्रहण इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा। |
Successor | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
Headquarters | , |
Revenue | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
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आईबीपी कंपनी लिमिटेड, भारत सरकार के स्वामित्व वाली एक सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी थी, जिसे 2007 में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ एकीकृत कर दिया गया।[१]
इतिहास
1909 में एक ब्रिटिश व्यापारिक समूह, 'स्टील ब्रदर्स एंड कंपनी' ने अविभाजित ब्रिटिश भारत के बर्मा (अब म्यांमार) के शहर रंगून (यांगून) में एक तेल रिफाइनरी स्थापित करने के उद्देश्य से इंडो बर्मा पेट्रोलियम कंपनी लिमिटेड नाम की कंपनी का गठन किया था। इसे एक संयुक्त स्टॉक कंपनी के रूप में गठित किया गया था और इसका मुख्यालय म्यांमार के रंगून में था।
1942 में, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार ने कंपनी के मुख्यालय को र्ंगून से कलकत्ता में स्थानांतरित कर दिया और अपने सैनिकों से कंपनी की र्ंगून स्थित कंपनी की एकमात्र रिफाइनरी और इसके तेल क्षेत्रों को नष्ट करवा दिया ताकि जापानी सेना रिफाइनरी में उपलब्ध ईंधन तक न पहुंच सकें।[२]
1974 में इंडो बर्मा पेट्रोलियम को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी बना दिया गया। 1983 में इंडो बर्मा पेट्रोलियम कंपनी का नाम बदलकर आईबीपी कंपनी लिमिटेड कर दिया गया।
इंडियन ऑयल ने वर्ष 2002 में आईबीपी का अधिग्रहण किया था। केंद्रीय कंपनी मामलों के मंत्रालय ने 30 अप्रैल को समामेलन की योजना को अपनी अंतिम मंजूरी दे दी, जिसके बाद 2 मई 2007 को आईबीपी कंपनी लिमिटेड का आधिकारिक विलय इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसी) में हो गया।[३] योजना के अनुसार, आईबीपी के शेयरधारकों को आईबीपी के प्रत्येक 100 शेयरों के बदले इंडियन ऑयल के 110 शेयर दिए गए।