अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन

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अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन
ISO Logo (Red square).svg
स्थापना साँचा:if empty
प्रकार गैर सरकारी संगठन
उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण
मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैण्ड
स्थान स्क्रिप्ट त्रुटि: "list" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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साँचा:longitem क्षेत्र साँचा:if empty
साँचा:longitem साँचा:ublist
साँचा:longitem उलरिका फ्रेंकी
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अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन विभिन्न राष्ट्रीय मानक संगठनों के प्रतिनिधियों से बना एक अंतर्राष्ट्रीय मानक स्थापित करने वाला निकाय है। [१]

यह संगठन, 23 फरवरी 1947 को स्थापित, दुनिया भर में तकनीकी, औद्योगिक और वाणिज्यिक मानकों को विकसित और प्रकाशित करता है। इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैण्ड में है और 165 देशों में काम करता है।

नाम एवं संक्षेपाक्षर

इस संगठन का लोगो या चिह्न दो आधिकारिक भाषाओं में है अमरीकी अंग्रेजी एवं फ़्रांसीसी। इसमें ISO अक्षर भी सम्मिलित हैं, जिनसे यह प्रायः जाना जाता है, जो कि इसकी संक्षिप्ति है। बल्कि यह संक्षिप्ति यूनानी/ग्रीक शब्द साँचा:lang (isos) से बना है, जिसका अर्थ है बराबर। यह मानते हुए कि संगठन का भिन्न भाषाओं में भिन्न संक्षिप्ति बनेगी, यह तय किया कि एक सर्वव्यापी सर्वमान्य नाम ISO ही चलाया जाए। यह स्वयं में इस संगठन का उद्देश्य सिद्ध करता है।[२][३]

अन्तरराष्ट्रीय मानक एवं अन्य प्रकाशन

ISO के मुख्य उत्पाद हैं अन्तरराष्ट्रीय मानक। ISO द्वारा ही प्रकाशित हैं : तकनीकी रिपोर्ट, तकनीकी विशेषीकरण (Specifications), सार्वजनिक उपलब्ध विशेषीकरण, तकनीकी शुद्धिपत्र (Corrigenda), एवं and पथप्रदर्शक।[४]

अन्तरराष्ट्रीय मानक का रूपाकार होता है ISO[/IEC][/ASTM] [IS] nnnnn[:yyyy] शीर्षक , जहाँ nnnnn है मानक संख्या, yyyy है प्रकाशन का वर्ष, एवं शीर्षक बताता है विषय. यदि मानक संयुक्त तकनीकी समिति JTC1 के कार्य का परिणाम है, तो IEC भी सम्मिलित किया जाता है। ASTM International के सहयोग से विकसित मानकों में ASTM को भी सम्मिलित किया जाता है। दिनांक एवं IS का प्रयोग अपूर्ण या अप्रकाशित मानकों के लिए अप्रयोगनीय है, एवं कुछ परिस्थितियों में प्रकाशित कार्य का शीर्षक भी छोङा जा सकता है।

तकनीकी रिपोर्ट जारी होती है, जब कोई तकनीकी समिति या उप-समिति ने सामान्यतया प्रकाशित अन्तर्राष्ट्रीय मानक से भिन्न प्रकार का कोई आँकड़ा संग्रहीत किया हो,[४] जैसे कि संदर्भ या व्याख्याएँ। इनकी नामकरण प्रथा मानकों की भाँति ही है, केवल TR लगाया जाता है IS के स्थान पर, रिपोर्ट के नाम से पहले। उदाहरणतः

  • ISO/IEC TR 17799:2000 Code of Practice for Information Security Management
  • ISO/TR 19033:2000 Technical product documentation — Metadata for construction documentation

तकनीकी विशेषीकरण को तब रचित किया जा सकता है, जबकि "सम्बन्धित विषय अभी भी विकास की स्थिति में ही है, या किसी अन्य कारणवश भविष्य में (तत्काल नहीं) किसी अन्तरराष्ट्रीय मानक को प्रकाशित करने की सहमति की सम्भावना होती है" (the subject in question is still under development or where for any other reason there is the future but not immediate possibility of an agreement to publish an International Standard)। सार्वजनिक उपलब्ध विशेषीकरण कोई "मध्यवर्ती विशेषीकरण हो सकते हैं, जो कि पूर्ण अन्तरराष्ट्रीय मानक के विकास से पूर्व ही प्रकाशित हुआ हो" (an intermediate specification, published prior to the development of a full International Standard), या, IEC में 'द्विचिह्न' ('dual logo') प्रकाशन, जो कि किसी बाहरी संगठन के सहयोग से प्रकाशित हुआ हो "[४] दोनों के ही नामकरण तकनीकी रिपोर्ट की भाँति ही किया जाता है। उदाहरणतः

  • ISO/TS 16952-1:2006 Technical product documentation — Reference designation system — Part 1: General application rules
  • ISO/PAS 11154:2006 Road vehicles — Roof load carriers

ISO कभी कभी तकनीकी/पारिभाषिक शुद्धिपत्र (Technical Corrigendum) भी जारी करता है। ये वर्तमान मानकों के संशोधन होते हैं, जो कि क्षुद्र तकनीकी/पारिभाषिक त्रुटियों, प्रयोगनीयता सुधार या सीमित तरीके से प्रयोज्यता बढाने हेतु किए जाते हैं। प्रायः इन्हें इस आशा के साथ जारी किया जात है कि प्रभावित मानक यातो उद्धृत या वापस लिया जायेगा, अपने अगले अनुसूचना पनरावलोकन तक।[४]

ISO पथ-प्रदर्शक अर्ध-मानक होते हैं, अन्तरराष्ट्रीय मानकीकरण से सम्बन्धित विषयों को लिये हुए।[४] इन का नामकरण "ISO[/IEC] Guide N:yyyy: शीर्षक" में होता है, उदाहरणतः

  • ISO/IEC Guide 2:2004 Standardization and related activities — General vocabulary
  • ISO/IEC Guide 65:1996 General requirements for bodies operating product certification

ISO प्रलेख प्रकाशनाधिकार

ISO प्रलेख प्रकाशनाधिकार सुरक्षित होते हैं, एवं ISO अधिकतर की प्रतियों का मूल्य लेता है। वैसे अधिकतर के मूल्य केवल इलैक्ट्रॉनिक रूपाकार में ही लिए जाते हैं। यद्यपि उपयोगी, परंतु इन प्रलेखों को प्रयोग करते हुए यह ध्यानयोग्य है, कि इनकी प्रचुर मात्रा में भी परिवर्तन की संभावना है, इससे पहले कि यह मानक ही नाअ बन जाए। ISO एवं इसके आधिकारिक संयुक्त राज्य प्रतिनिधि एवं अन्तर्राष्ट्रीय विद्युततकनीकी आयोग (International Electrotechnical Commission) द्वारा कुछ मानक नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं।[५][६]

सदस्य

मानक संस्थाएं, जो कि ISO सदस्य हैं, उनका नक्शा
Key:
साँचा:legend साँचा:legend साँचा:legend साँचा:legend

ISO के 157 राष्ट्रीय सदस्य हैं,[७] out of the 195 total countries in the world.

ISO की तीन सदस्यता श्रेणियाँ हैं:

  • सदस्य संस्थाएं वे राष्ट्रीय संस्थाएं हैं, जो कि प्रत्येक देश में सर्वाधिक प्रतिनिधित्व मानक संस्था मानी जाती हैं। केवल इन सदस्यों को मतदान का अधिकार है।
  • प्रतिनिधि सदस्य वे राष्ट्र हैं, जिनका अपना कोई मानक संगठन नहीं है। इन सदस्यों को ISO की गतिविधियों से सुविज्ञ रखा जाता है, परंतु ये मानक प्रख्यापन, या प्रवर्तन में भाग नहीं लेते।
  • अंशदाता या उपभोक्ता सदस्य छोटी अर्थव्यवस्था वाले वे राष्ट्र हें, जो घटी सदस्यता शुल्क देते हैं, परंतु मानकों के विकास का अनुसरण कर सकते हैं।

भागीदार सदस्य "P" या पी सदस्य कहलाते हैं, जबकि अनुपालन करने वाले "O" या सदस्य कहलाते हैं।

ISO के नाम पर उत्पाद

इस तथ्य ने, कि कई ISO-सृजित मानक सर्वगत, सर्वव्यापी हैं; कई मौकों पर, "ISO" का सामान्य प्रयोग प्रेरित किया है, उस उत्पाद को वर्णित करने हेतु, जो कि मानकों को मानता है। इसके कई उदाहरण हैं:

  • सी डी की प्रतियाँ, file extension "ISO" में लिखीं होती हैं, यह दिखाने हेतु कि वे ISO 9660 मानक filesystem संचिका प्रणाली प्रयोग कर रहे हैं, अन्य की अपेक्षा, अतएव CD images को प्रायः "ISOs" कहा जाता है। जहाँ तक है, सभी कम्प्यूटर CD-ROM सीडी रोम के संग CD को पङ सकते हैं, जो कि यह मानक प्रयोग करती हैं। कुछ DVD-ROMs जो हैं, वे ISO 9660 filesystems भी प्रयोग करती हैं।
  • फोटोग्राफिक फिल्म की प्राकाशिक संवेदनशीलता, उसकी फिल्म गति को अंकित किया जाता है ISO 5800:1987 में। इसलिए फिल्म गति को भी प्रायः उसका "ISO नंबर."कहा जाता है।

ISO/IEC संयुक्त तकनीकी समिति 1

मानकीकरण के क्षेत्रों में, प्रचुर आच्छादन के परिणामों से, एवं सूचना प्रौद्योगिकि से संबंधित कर्यों से, निबटने हेतु; ISO एवं IEC या अन्तर्राष्ट्रीय विद्युततकनीकी आयोग से एक संयुक्त तकनीकी समिति गठित कीजिसे ISO/IEC JTC1 के नम से जाना जाता है। यह एसी प्रथम समिति है, एवं आजतक एक ही है।

इसका आधिकारिक आदेश है, विश्वव्यापी बाजारों में व्यापार एवं उपयोक्ता की आवश्यकताओं हेतु, IT मानकों का विकास, अनुरक्षण, प्रचार करना।

इसका मूल अंग्रेजी़ पाठ, वर्ता पॄशःठ पर उपलब्ध है।
  • सूचना-प्रौद्योगिकी और उपकरणों की अभिकल्पना और विकास
  • सूचना और प्रौद्योगिकी उत्पादों और प्रणालियों का निष्पादन और गुणवत्ता
  • सूचना प्रौद्योगिकी प्रणालियों और सूचनाओं की सुरक्षा
  • अनुप्रयोग प्रोग्रामों की सुबाह्यता
  • सूचना और प्रौद्योगिकी उत्पादों और प्रणालियों की अन्तर्कार्योत्पादकता
  • एकीकॄत उपकरण और वातावरण
  • सामंजस्यपूर्ण सूचना प्रौद्योगिकी शब्दावली और
  • उपयोक्ता-सहयोगी और श्रमदक्षतापूर्वक अभिकल्पित उपयोक्ता अन्तराफ़लक

वर्तमान में 18 उप-समितियाँ हैं :-

  • SC 02 - कूटिकॄत वर्ण समूह
  • SC 06 - प्रणालियों के बीच दूरसंचार और सूचना आदान प्रदान
  • SC 07 - सॉफ्ट्वेयर और प्रणाली अभियाँत्रिकी
  • SC 17 - कार्ड्स और वैयक्तिक पहचान
  • SC 22 - प्रोग्रामिंग भाषाएं, उनके वातावरण और प्रणाली सॉफ्ट्वेयर अन्तर्फलक
  • SC 23 - अपनेय डिजिटल भण्डारण, माध्यम, जो कि ऑप्टिकल अओर/या चुम्बकीय लेखन का प्रयोग करता है
  • SC 24 - कम्प्यूटर ग्राफ़िक्स और चित्र प्रक्रमण
  • SC 25 - Interconnection of Information Technology Equipment
  • SC 27 - IT Security Techniques
  • SC 28 - Office Equipment
  • SC 29 - Coding of Audio, Picture, and Multimedia and Hypermedia Information
  • SC 31 - Automatic Identification and Data Capture Techniques
  • SC 32 - Data Management and Interchange
  • SC 34 - Document Description and Processing Languages
  • SC 35 - User Interfaces
  • SC 36 - Information Technology for Learning, Education, and Training
  • SC 37 - Biometrics

ISO/IEC JTC1 की सदस्यता बिलकुल व लगभग अपने दोनों मूल संगठनों की भांति ही प्रतिबंधित है। एक सदस्य या तो भागीदार (P) या प्रेक्षक (O) हो सकता है। दोनों में केवल प्रस्तावित मानकों एवं अन्य उत्पादों पर मतदान की क्षमता का ही भेद है। किसी सदस्य संस्था के लिए किसी या प्रत्येक उप-समिति पर स्तर/राय बनाए रखने की, कोई आवश्यकता नहीं है। यद्यपि यदा-कदा, परंतु नई परिअस्थितियों (SC 37 जो कि 2002 में अनुमोदित हुई थी) से सामना करने हेतु उप-समितियाँ गठित की जा सकती हैं, या भंग भी की जा सकती हैं, यदि उनका कार्य क्षेत्र अब लागू नहीं है।

IWA प्रलेख

ISO/TS जैसे, अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला समझौता International Workshop Agreement (IWA) भी ISO का एक और शस्त्रागार है, जो कि उन क्षेत्रों में, जहाँ तकनीकी संरचना एवं निपुणता अभी नहीं पहुँची है; वहाँ मानकीकरण की आवश्यकताओं पर त्वरित प्रतिक्रिया उपलब्ध कराता है। यह उपयोगिता विश्वव्यापी तकनीकी अत्यावश्यकता को भरण करती है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ